जब हम नार्सिसिज्म (narcissism) के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर एक चुटकुला याद आ जाता है। “जब कोई व्यक्ति लगातार अपने बारे में ही बात करने के बाद कहता है कि, खैर मेरे बारे में तो बहुत हुआ, अब आप कुछ बताइए कि आप मेरे बारे में क्या सोचती हैं!”
हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जो तेजी से आत्ममुग्धता (narcissistic) की ओर बढ़ रही है। यह विभिन्न वैज्ञानिक शोधों में भी साबित हो चुका है। लुक ऐट मी (look at me) फेसबुक जैसे सामाजिक नेटवर्क द्वारा अक्सर प्रचारित की जाने वाली मानसिकता लोगों को सकारात्मक रूप से दुनिया में मौजूद छवि से रूबरू कराती है।
इसके अलावा, हम अब बड़े पैमाने पर आत्म-सम्मान आंदोलन के नकारात्मक प्रभावों को देख सकते हैं। असल में नार्सिसिज्म या आत्ममुग्धता (narcissism) का उदय हमारे व्यक्तिगत संबंधों को कैसे प्रभावित करता है? किसी व्यक्ति के लिए, अधिक नार्सिसिज्म (narcissism) का अर्थ अधिक नार्सिसिस्टिक (narcissistic) संबंध है।
नार्सिसिस्टिक संबंध तब बनते हैं जब एक या दोनों साथी एक नार्सिसिस्टिक व्यक्तित्व के साथ संघर्ष करते हैं। नार्सिसिस्टिक व्यक्तित्व विकार (narcissistic personality disorder) वाले लोग मानते हैं कि वे दूसरों से बेहतर हैं और अन्य लोगों की भावनाओं से बहुत कम संबंध रखते हैं। अति-आत्मविश्वास के इस मुखौटे के पीछे एक नाजुक आत्म-सम्मान है, जो थोड़ी सी आलोचना से भी आहत हो जाता है।
नीचे कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं जिनसे आप एक नार्सिसिस्टिक रिलेशनशिप को समझ सकती हैं
नोट: जिस हद तक ये लक्षण स्वयं प्रकट होते हैं, वह काफी हद तक व्यक्ति के आधार पर अलग-अलग होंगे।
यदि आप अपने आप को एक नार्सिसिस्टिक रिश्ते में महसूस कर रहीं हैं, तो आपको सबसे पहले उन अचेतन उद्देश्यों (unconscious motives) को पहचानने और प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता होती है जो आपको ऐसे साथी को चुनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
क्या आप अपने साथी के नियंत्रण में होने के कारण अधिक सहज हैं, तो क्या आप अधिक निष्क्रिय हो सकती हैं? क्या आपको सुर्खियों में रहने वाले किसी व्यक्ति से जुड़े रहना पसंद है? या आप अपनी नकारात्मक छवि की आलोचना और बेहतर दृष्टिकोण के साथ सुदृढ़ हो रहीं है।
कुछ सीमाएं तय करना जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉककई लोग जो नार्सिसिस्टिक के साथ प्यार में पड़ जाते हैं, उनके पास कोडपेंडेंसी (codependency) के आसपास की समस्याएं हैं। वे निश्चित ही इसके दुरुपयोग के शिकार हो सकते हैं, क्योंकि वे सीमाएं तय करने या अपने निर्णय लेने में आत्मविश्वास महसूस नहीं करते।
नार्सिसिस्टिक संबंधों में अपनी भूमिका को समझना महत्वपूर्ण है। फिर आप अपने सक्रिय आधे हिस्से को बदलने के लिए खुद को चुनौती देना शुरू कर सकती हैं। यह बदले में, आपके साथी को उनके रिश्ते की शैली को बदलने के लिए चुनौती देगा।
आप अपने साथी के आत्मसम्मान की नजाकत को पहचान सकती हैं और इस बात के लिए करुणा रखें कि आत्म मुग्धता और भव्यता के प्रति उसका भाव आत्म-घृणा और अधूरेपन की भावनाओं के लिए एक आवरण है। आप आत्म-करुणा का अभ्यास करना सीखकर अपना आत्मविश्वास और आत्म-मूल्य भी विकसित कर सकती हैं।
तो पीड़ित ना बनें! सभी मुठभेड़ों के लिए सशक्त महसूस करें और अपने साथी के साथ बराबरी का व्यवहार करें।
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