किसी भी इंसान का इमोशनल, साइकोलॉजिकल और सोशल वेल बीइंग उसके मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाता है। यूं कहें कि यह हमारे सोचने, महसूस करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है। हम तनाव को कैसे संभालते हैं, दूसरों से कैसे जुड़ते हैं और एक स्वस्थ विकल्प का कैसे चुनाव करते हैं, यह सब मेंटल हेल्थ पर निर्भर करता है। यानी जीवन के हर चरण में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऑफिस में भी मेन्टल हेल्थ की मजबूती कारगर होती है। जानें कैसे ऑफिस प्लेस पर मेंटल हेल्थ को मजबूत (mental health at work) रखा जा सकता है।
जब हमारा मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है, तो उससे क्रिएटिविटी बढ़ती है। हम टीम के साथ बेहतर तालमेल बना पाते हैं और इन सबसे हमारा वर्क परफॉर्मेंस काफी बेहतर होता है। वहीं, अगर दफ्तर में सपोर्ट नहीं मिलता है, तो उससे मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगा सकता है औऱ यहां तक कि उसकी आइडेंटिटी भी प्रभावित (mental health at work) हो सकती है।
वर्कप्लेस के माहौल एवं टीम के साथ आपके संवाद पर बहुत कुछ निर्भर करता है। अगर आप खुद हल्के एवं खुले मन से काम करेंगी, तो आसपास वैसा ही वातावरण क्रिएट होगा।इसके लिए कुछ बातों पर खास ध्यान देना जरूरी होता है।
अगर वर्कप्लेस पर कोई परेशानी है। आपका मन भारी है, तो अपनी भावनाओं को दबाने की बजाय बल्कि उसे सहयोगियों के साथ साझा करें। अपनी परेशानी या समस्या के बारे में बात करना कहीं से भी कमजोरी की निशानी नहीं है। इसमें कहीं न कहीं आपकी भलाई निहित है।
हां, कार्यस्थल पर भावनाओं के बारे में बात करना कठिन हो सकता है। लेकिन आपके पास ऐसे सहकर्मी हैं जिनसे आप बात कर सकती हैं, तो निसंकोच करें। चाहें तो किसी ऐसे व्यक्ति की पहचान करें जिसके साथ आप सहज महसूस करती हैं और जो आपकी भावनाओं को समझने के काबिल हो।
नियमित एक्सरसाइज करने से आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। आप फोकस होकर काम कर पाती हैं। नींद अच्छी आने से आप रिफ्रेश महसूस करती हैं। ध्यान रहे कि एक्सरसाइज करने का मतलब सिर्फ कोई स्पोर्ट्स खेलना या जिम जाना नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर लोगों को हफ्ते में कम से कम पांच दिन लगभग 30 मिनट का एक्सरसाइज करना चाहिए।
कामकाजी महिलाएं कोशिश करें कि वे दोपहर के लंच के बाद जरूर टहलें। इससे तन के साथ-साथ मन भी शांत होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक्सरसाइज आपके मस्तिष्क में ऐसे केमिकल्स छोड़ता है, जिससे आप अच्छा महसूस करती हैं। इससे एकाग्रता में भी मदद मिलती है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो हम खाते हैं, वह तत्कालिक एवं लंबे समय तक हमारी भावनाओं को प्रभावित कर सकता है। जो आहार हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, वह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। ये सही है कि वर्कप्लेस पर खाने का स्वस्थ पैटर्न बनाए रखना कठिन हो सकता है। बावजूद इसके नियमित भोजन करना और भरपूर पानी पीना जरूरी है।
भोजन के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें। लंच के लिए घर का भोजन सबसे अच्छा होता है। अगर बाहर से ऑर्डर कर रही हैं, तो स्वस्थ विकल्प चुनें। कोशिश करें कि अपनी डेस्क से दूर जाकर खाएं। चाहें तो अपने वर्कप्लेस पर कोई लंच क्लब ज्वाइन कर सकती हैं जहां आपको दूसरों के साथ लंच शेयर करने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा, अगर आप किसी कारण से उदास या तनाव महसूस कर रही हों, तो कैफीन और प्रोसेस्ड शुगर को कम करने या छोड़ने का प्रयास करें। अपने खाने में फलों और सब्जियों तथा नट्स को शामिल करें। जितना शुद्ध एवं पौष्टिक आहार होगा, उतना ही मन शांत होगा। आप अपने काम को एंजॉय कर पाएंगी।
रिश्ते हमारे मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी हैं। वर्कप्लेस पर हमारी टीम जितना सपोर्टिव होगी, उतना ही हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। ये कतई जरूरी नहीं कि टीम हमारे मुताबिक हो। हमारे पास यह विकल्प नहीं होता है कि हम किसके साथ काम करें। यदि हम अपने मैनेजर्स या सहकर्मियों से ठीक से संवाद नहीं कर पाते हैं, तो गलतफहमी होने से स्ट्रेस बढ़ सकता है। ऐसे में किसी सलाहकार या भरोसेमंद सहयोगियों का एक छोटा समूह ढूंढना अच्छा रहेगा, जिसके साथ आप अपनी भावनाओं के बारे में बात कर सकें। वर्क-लाइफ बैलेंस महत्वपूर्ण है। ऑफिस का काम घर पर लेकर न आएं। घर लौटने पर फैमिली मेंबर्स के साथ समय बिताएं। छुट्टियों में दोस्तों एवं रिश्तेदारों से मिलें। इससे अकेलापन नहीं खाएगा, क्योंकि अकेलापन हमारी सेहत के लिए धूम्रपान या मोटापे जितना ही बुरा हो सकता है।
कहते हैं न कि ठहरे हुए पानी में कीड़े पनपने लगते हैं, वैसे ही अगर मन में एक ही प्रकार के नकारात्मक विचार चल रहे हों या मन तनाव में रहता हो, तो वह मानसिक बीमारी (mental health at work) का कारण बन सकता है। ऐसे में अच्छा रहेगा कि काम के बीच से ब्रेक लें।
आप यात्रा पर जा सकती हैं, कोई किताब पढ़ सकती है या पॉडकास्ट सुन सकती हैं। वीकेंड्स पर कुछ नया एक्सप्लोर करने की कोशिश कर सकती हैं। मन को कुछ मिनट रिलैक्स रखकर आप खुद को तनावमुक्त कर सकती हैं। मी टाइम एक अच्छा माध्यम है, जब आप अपने साथ क्वालिटी टाइम बिताती हैं।
इन दिनों वर्क लोड के कारण नींद की समस्या आम हो गई है। जबकि नींद हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसलिए अच्छा होगा कि आप अपने बॉडी की जरूरतों को अनसुना (mental health at work) न करें। उसे सुनने की कोशिश करें। अच्छी नींद हमारी एकाग्रता के लिए जरूरी है।
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