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मेंटली-इमोशनली ज्यादा स्ट्रॉन्ग होते हैं माता-पिता के साथ सकारात्मक समय बिताने वाले बच्चे, यहां है वजह

जहां माता पिता के प्यार और अच्छी परवरिश से बच्चे के उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाती हैं, तो वहीं स्वभाव में बढ़ने वाला रूखापन और दूरी बच्चे को मन ही मन कमज़ोर बनाने लगती है। साथ वक्त गुज़ारने से बच्चा चाइल्डहुड एंग्ज़ाइटी से बच जाता है
Published On: 10 Sep 2024, 10:00 am IST
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Parents bacchon ki care kaise karein
बच्चे के साथ वक्त गुज़ारने से माता पिता न केवल उसके करीब आ पाते हैं बल्कि उसकी उत्सुकताओं का समाधान करते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

माता-पिता का प्यार बच्चे की फिज़िकल और मेंटल ग्रोथ (physical and mental growth) में मदद करता है। इससे बच्चा रिश्तों की अहमियत और उससे जुड़ाव महसूस करता है। बच्चे का सबसे पहला रिश्ता पिता से भी पहले मां से जुड़ता है। इस एक शब्द में उसकी पूरी दुनिया समाई होती है। जहां माता पिता के प्यार और अच्छी परवरिश से बच्चे के उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाती हैं, तो वहीं उनके स्वभाव में बढ़ने वाला रूखापन और दूरी बच्चे को मन ही मन कमज़ोर बनाने लगती है। इससे न केवल बच्चे की शारीरिक ग्रोथ धीमी हो जाती है, बल्कि इसका असर बच्चे की मेंटल हेल्थ पर भी दिखने लगता है। जानते हैं कि कैसे माता पिता का लगाव बच्चे के स्वास्थ्य (parental attachment with child) को प्रभावित करता है।

माता पिता का बच्चों के प्रति लगाव क्यों है ज़रूरी

बच्चे से बातचीत करना और उसे नई चीजों की जानकारी देना माता पिता और बच्चे में एक मज़बूत बॉन्ड को बनाता है। इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ युवराज पंत बताते हैं कि बच्चे के साथ वक्त गुज़ारने से माता पिता न केवल उसके करीब आ पाते हैं बल्कि उसकी उत्सुकताओं का समाधान करते हैं। वे बच्चे के फ्रैंड सर्कल से लेकर उसकी आवश्यकताओं को पहचान पाते हैं। इससे बच्चा चाइल्डहुड एंग्ज़ाइटी (childhood anxiety) और तनाव (stress) से बच जाता है। बच्चे में अपनापन बढ़ता है और मानसिक विकास भी तेज़ी से होने लगता है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के अनुसार बच्चे का विकास रिश्तों पर निर्भर है और इन रिश्तों में माता पिता का रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण है। माता पिता के करीब रहने से बच्चों का सामाजिक.भावनात्मक, संज्ञानात्मक और न्यूरोबायोलॉजिकल विकास तेज़ी से होता है। वे बच्चे जो माता पिता के करीब रहते है, उन्हें मेंटल डिसऑर्डर (mental disorder) का खतरा कम हो जाता है।

Bacche ke saath rehne ke fayde
माता पिता के करीब रहने से बच्चों का सामाजिक.भावनात्मक, संज्ञानात्मक और न्यूरोबायोलॉजिकल विकास तेज़ी से होता है। चित्र : अडोबी स्टाॅक

जानते हैं माता- पिता का लगाव बच्चे की परवरिश के लिए किस तरह ज़रूरी है

1. बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है

बच्चे के करीब बैठकर उसका हाथ थामने और बाहर से लौटकर उसे गले लगाने से माता पिता और बच्चे का रिश्ता मज़बूत बनने लगता है। इससे बच्चा अपने इर्द गिर्द अपनापन महसूस करता है और हर कार्य में पार्टिसिपेट करने लगता है। इससे बच्चे में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।

2. बच्चा एक्सप्रेसिव बनता है

परेंटस का लगाव बच्चे की मेंटल हेल्थ को मज़बूत बनाता है। इससे बच्चा अपनी हर समस्या पर खुलकर बात करता है। बच्चे ही हर समस्या को समझने और उसे बात करने का मौका देने के कारण बच्चा एक्सप्रेसिव बनने लगता है। इससे बच्चे ही हिचकिचाहट कम होने लगती है।

3. शेयरिंग सीखने लगते है

घर बच्चे का सबसे पहला स्कूल होता है। जहां से बच्चा अच्छी और बुरी दोनों प्रकार की आदतों को सीखता है। परिवार के साथ रहकर बच्चा मेरा तेरा करने की जगह चीजों को बांटकर लेने में विश्वास रखता है। बच्चे में शेयरिंग की भावना अपने आप बढ़ने लगती है। इससे बच्चे में आंतरिक प्यार की भावना बढ़ने लगती है।

bachchon ko sharing kaise seekhayein
बच्चे में शेयरिंग की भावना अपने आप बढ़ने लगती है।
चित्र: शटरस्टॉक

4. बच्चे को सही और गलत का ज्ञान होने लगता है

अब बच्चा इस बात को समझने लगता है कि उसके लिए क्या उचित है और क्या अनुचित। ऐसे बच्चे बाल अपराध और नशों से दूरी बनाकर रखते है। उनके अंदर आपराधिक प्रवृति का खतरा कम होने लगता है। बच्चे माता पिता की सलाह के बाद ही कोई कार्य करना पसंद करते है और उनसे अपनी हर बात को डिसकस करते हैं।

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जानें बच्चों से मज़बूत बॉन्ड कैसे बनाया जा सकता है

1. बच्चों पर नज़र बनाए रखें

कभी बच्चा हंसता है, तो कभी रोता है। ऐसे में बच्चे को डांटने की जगह उसे अपनी करीब लाएं और उसे सहलाएं। उसकी समस्या का समझकर उसका समाधान करने से बच्चा माता पिता के करीब आने लगता है। इससे बच्चा ये समझने लगता है कि पेरेंटस उसकी सहायता के लिए आसपास हैं।

2. साथ में खेल खेलें

बच्चों को पार्क लेकर जाएं और कुछ देर उनके साथ वक्त बिताएं। इससे बच्चों में खुशी की लहर बढ़ती है और माता पिता के साथ दोस्ती का रिश्ता बढ़ने लगता है। अब बच्चे माता पिता के करीब आने लगते हैं और इससे रिश्तों में मज़बूती बढ़ने लगती है।

Bacchon ke saath samay beetayein

बच्चों को पार्क लेकर जाएं और कुछ देर उनके साथ वक्त बिताएं।

3. बच्चों को अपने करीब रखें

किसी भी काम के बाद बच्चों को मोटिवेट करने के लिए उनकी हौंसला अफज़ाई करें। उनसे हाथ मिलाएं और उन्हें छोटी से छोटी कामयाबी के लिए भी गले से लगाएं। इससे बच्चा मोटिवेट होने लगता है और वो माता पिता के करीब आ जाता है।

4. हर बात डिस्कस करें

बच्चे को छोटा समझकर उससे चीजों को छुपाने और दूरी बनाने की जगह उसे अपने करीब रखें और उससे हर बात शेयर करें। इससे बच्चों में डिसीज़न मेकिंग की भावना बढ़ने लगती है। साथ ही बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ता है। बच्चों के साथ वक्त बिताएं और उनकी रोजमर्रा की बातें सुनें और अपनी बातें भी शेयर करें।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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