आपकी मृत्यु का भी कारण बन सकता है काम का अतिरिक्त तनाव, जानिए इससे कैसे बचना है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के मुताबिक, 2016 में 1.9 मिलियन लोगों की मौत के लिए लंबे समय तक काम करना और इससे हुई बीमारियां जिम्मेदार हैं।
ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं, लेकिन यह सच है कि आपके काम करने के घंटे, काम संबंधी स्ट्रैस और आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर इससे पड़ने वाला प्रभाव – आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
चलिये पता करते हैं इससे जुड़े अध्ययन में क्या सामने आया
लंबे समय तक काम करना पड़ सकता है भारी
डब्ल्यूएचओ और आईएलओ की वर्क रेलटेड बर्डेन ऑफ डिजीज एंड इंजरी 2000-2016: ग्लोबल मोनिट्रिंग रिपोर्ट (Work-related Burden of Disease and Injury, 2000-2016: Global Monitoring Report) के अनुसार काम से संबंधित मौतों में से अधिकांश श्वसन और हृदय रोग के कारण हुई हैं।
इस अध्ययन में 19 व्यावसायिक जोखिम कारकों पर विचार किया गया है, जिसमें लंबे समय तक काम करने के घंटे और कार्यस्थल पर वायु प्रदूषण, अस्थमा, कार्सिनोजेन्स, एर्गोनोमिक जोखिम कारक शामिल थे। मुख्य जोखिम लंबे समय तक काम करने का था – जिससे लगभग 750,000 लोगों की मृत्यु हुई।
काम कैसे करता है आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित
काम से जुड़ी समस्याएं हमारे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। ऑफिस या वर्क लाइफ से संबंधी ऐसे कई कारक हैं जो हमें प्रभावित कर सकते हैं जैसे – लंबे समय तक काम करना या ओवरटाइम करना, काम का प्रैशर और तनाव, ऑफिस में भेदभाव, कम सैलरी, आदि। यहां तक कि लंबे समय तक बैठे रहना, फ़िज़िकल एक्टिविटी की कमी भी आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा, “इतने सारे लोगों को सचमुच उनकी नौकरी की वजह से मरते हुए देखना चौंकाने वाला है।”
तो आप काम से जुड़े इस तनाव को कैसे कम कर सकते हैं? चलिये जानते हैं कुछ टिप्स
1. न कहना सीखें
ऑफिस में काम करते समय प्रैशर महसूस करना सामान्य बात है। ऐसे में काम इतना ज़्यादा होता है कि वर्किंग आवर्स पता नहीं लगते हैं। मगर अपनी सीमाएं निर्धारित करें और अतिरिक्त काम को न कहना सीखें।
2. ब्रेक ज़रूर लें
काम के बीच में ब्रेक लेना आवशयक है! भले ही काम कितना भी ज़्यादा हो 5-10 मिनट के लिए खुद के लिए वक़्त निकालें, ऑफिस में वॉक करें या फ़ाइल्स देने के लिए खुद जाएं। कोशिश करें एक्टिव रहने की, और ब्रेक लें! ये आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
3. अपने हक के लिए आवाज़ उठाएं
अगर आपके साथ ऑफिस में किसी तरह का भेदभाव हो रहा है तो उसके प्रति आवाज़ उठाएं, अपनी बात रखें। यदि आप स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं तो काम से एक या दो दिन का ऑफ लें, ये आपके लिए ज़रूरी है!
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