सभी को कभी न कभी लंबी या छोटी अवधि के लिए अपने घर को छोड़कर बाहर जाना होता है। ऐसे में कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें घर से दूर रहने में काफी ज्यादा परेशानी होती है। जिसे हम आम भाषा में होमसिकनेस (Home sickness) कहते हैं। हालांकि, यह स्थिति काफी सामान्य है। परंतु यदि इसे सही तरीके से हैंडल न किया जाए, तो समय के साथ यह मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए जरूरत है कि आप इसके बढ़ने से पहले इसे कंट्रोल करना सीख जाएं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम ऐसे ही 4 टिप्स (How to deal with Homesickness) आपको बताने वाले हैं।
यदि आप नौकरी के लिए घर से दूर हैं या आपके बच्चे कहीं बाहर पढ़ रहे हैं और आपको घर से दूर जाने के नाम से ही स्ट्रेस हो जाता है तो, चिंता न करें! हमारे पास है ऐसे 4 टिप्स जो आपको इस समस्या से बाहर आने में मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं, आखिर किस तरह होमसिकनेस से खुद को बाहर निकाला जा सकता है।
होमेसिकनेस घर से दूर होने पर महसूस होने वाली एंजाइटी और स्ट्रेस की भावना को कहते हैं। ज्यादातर यह स्टूडेंट्स को प्रभावित करती है। होमसिकनेस में आप घर से थोड़े दूर पर हों या ज्यादा यह मायने नहीं रखता, यदि आप घर से दूर हैं तो आपको एंजाइटी और स्ट्रेस महसूस होगा। यह अपने घर और अपने पंपसन्दीदा व्यक्ति से दूर जाने पर होता है। हालांकि, यह केवल स्टूडेंट्स के साथ ही नहीं, बल्कि किसी के साथ और किसी भी उम्र में हो सकता है।
कभी-कभार घर की याद आना या शाम होते ही मम्मी को कॉल करना होम सिकनेस नहीं है। यह किसी भी मनुष्य का सामान्य व्यवहार हो सकता है। पर जब यह आपके डेली रुटीन को प्रभावित करने लगे, तब इसे समस्या की श्रेणी में रखा जा सकता है। यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं, जो होम सिकनेस में आप महसूस कर सकती हैं-
1 सिरदर्द
2 समय पर नींद न आना
3 भूख की कमी
4 ध्यान केंद्रित नहीं रख पाना
5 घबराहट, उदासी महसूस होना
6 जरूरत से ज्यादा गुस्सा आना
7 अकेले रहना
8 सेल्फ स्टीम और सेल्फ वर्थ में कमी महसूस होना
यदि आप अपने घर को छोड़कर कहीं बाहर जा रही हैं या आपके बच्चे अभी अभी बाहर गए हैं और उन्हें होमसिकनेस हो रहा है, तो उन्हें कमरे से बाहर निकलने की सलाह दें। अन्यथा उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। नए जगह पर बाहर निकलना, नई चीजें सीखना और नए लोगो से मिलना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
जब आप अपने घर से बाहर जाएं और आपको होमसिकनेस महसूस हो तो ऐसी स्थिति में आपको नए लोगों से मिलना चाहिए। साथ ही आसपास के लोगों से बातचीत करें और उनसे घुलने मिलने का प्रयास करें। क्योंकि हम सभी कभी न कभी घर से बाहर जरूर निकलते हैं, तो जहां हम रह रहे हैं या जो हमारे आसपास के लोग हैं वहीं हमारे अपने होते हैं। जब आप लोगों के साथ उठना बैठना शुरू करेंगी तो आपको नई चीजें सीखने को मिलेगी और आप व्यस्त रहेंगी। इस स्थिति में आपको अच्छा महसूस होगा और बार-बार घर की याद नहीं आएगी।
यदि आपको होमसिकनेस की समस्या है तो ऐसे में घर से बाहर निकलने के बाद अपने घर वालों से और दोस्तों से बातचीत करते रहना अपने मन को शांत रखने का एक बेहतर विकल्प है। इसी के साथ यदि आपका बच्चा कहीं पढ़ने के लिए बाहर जा रहा है और उन्हें घर से दूर रहने में परेशानी हो रही है तो इस दौरान अपने बच्चे से रोजाना बातचीत करें और उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने की कोशिश करें।
यदि आप घर से बाहर गए हैं और आपको घर से दूर रहने के कारण स्ट्रेस हो रहा है तो यह बिल्कुल सामान्य है। “घर से दूर घर की याद आखिर किसे नहीं आती” यदि आप इस बात को समझ जाएंगी तो होमसिकनेस से उभरना आपके लिए काफी सरल हो जाएगा। यदि आपको घर की याद आ रही है और आप इस बात से भागना शुरू कर देती हैं।
ऐसी स्थिति में होमसिकनेस आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। परंतु इस बात को एक्सेप्ट करें। जब कभी भी होमसिकनेस जैसी चीजों का अनुभव हो तो अपने घर वालों से बात कर लें और अपनी मन पसंदीदा कार्यों को करने में व्यस्त हो जाएं। धीरे-धीरे यह समस्या खुद-ब-खुद कम होने लगेगी।
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