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क्या आपको भी लगता है कि आप लकी ज्यादा हैं और टैलेंटेड कम, ये हो सकता है इम्पोस्टर सिंड्रोम का लक्षण

क्या आपके पास जीवन में सब कुछ है और फिर भी आप अपनी काबिलियत पर शक करती हैं? तो आप इंपोस्टर सिंड्रोम की शिकार हो सकती हैं। जानिए क्या है ये मेंटल हेल्थ प्रोब्लेम।
Published On: 16 Sep 2022, 02:56 pm IST
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kya hai imposter syndrome
ऐसे व्यक्ति अपनी अचीवमेंट का श्रेय खुद लेने की जगह किसी व्यक्ति, परिस्थिति या भाग्य को देने लगते हैं। उन्हें खुद के इंटेलिजेंस लेवल का ज्ञान नहीं होता है। चित्र : शटरस्टॉक

कभी जीवन में हम 40 की उम्र ताक आते – आते काफी कुछ आचीव कर लेते हैं। हां… माना कि व्यक्ति की आकांशाएं कभी पूरी नहीं होती है और हम एक के बाद एक किसी न किसी नई उपब्धि या सपने को पाने की कोशिश करते रहते हैं। हाई एंबीशन वाली इस दुनिया में सतुष्ट होना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अक्सर एक मुकाम पर पहुंचने के बाद हम खुद को डाउट नहीं करते हैं।

जीवन में थोड़े आचीवमेंट के बाद हम थोड़े कॉन्फिडेंट (Confident) हो जाते हैं और ये बुरा नहीं है!… बल्कि यह हमारी काबिलियत का सबूत होता है कि हम में थोड़ा कॉन्फ़िडेंस होता है और हम हर छोटी – छूती चीज़ पर खुद पर शक नहीं करते हैं।

मगर हमारी ये रियलिटी सबकी रियलिटी नहीं होती है। कुछ लोग जीवन के हर मोड़ पर खुद को डाउट करते हैं। दूसरों की गलती में अपनी कमियां ढूंढते हैं। और इन्हें कभी खुद पर यकीन नहीं होता है। भले ही इनमें कितना भी टैलंट क्यूं न हो, ये कॉन्फिडेंट होने का सिर्फ ढोंग करते हैं। बता दें कि ऐसा वे जानभूझ कर नहीं करते हैं, बल्कि ये इंपोस्टर नाम के सिंड्रोम (Imposter Syndrome) से ग्रस्त होते हैं।

तो क्या है इंपोस्टर सिंड्रोम?

इम्पोस्टर सिंड्रोम को अपनी क्षमताओं पर संदेह करने और हमेशा एक ढोंगी की तरह महसूस करने के रूप में परिभाषित किया गया है। यह ज़्यादातर उन लोगों को होता है जिन्होनें अपने जीवन में काफी कुछ आचीव किया है और बड़ी ऊंचाइयां देखी हैं। यह उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें अपनी उपलब्धियों को स्वीकार करना मुश्किल लगता है। वे खुद पर कई सवाल करते हैं और शक करते हैं कि क्या वे वाकई प्रशंसा के पात्र हैं।

इंपोस्टर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति क्या महसूस करता है?

यदि आपने जीवन में कुछ आचीव किया है तो लोग आपकी प्रशंसा करेंगे और बदले में आप उसे सहज रूप से स्वीकार करेंगे। अब ये बरताव एक नॉर्मल व्यक्ति का है, लेकिन एक इम्पोस्टर सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को लगता है कि वह किसी तरह का ढोंग कर रहा है और उसे ये सब किस्मत से मिला है। ऐसे व्यक्ति को हर दिन लगता है कि एक दिन उसका सच सबके सामने आ जाएगा कि उसे कुछ नहीं आता है और उसका पर्दाफाश हो जाएगा।

kya hai imposter syndrome
यहां जानिए इंपोस्टर सिंड्रोम के बारे में सबकुछ। चित्र-शटरस्टॉक।

ऐसे में क्या करता है एक इम्पोस्टर व्यक्ति

दूसरों को अपनी कमियों या असफलताओं को पहचानने से रोकना।

उन भूमिकाओं के योग्य बनना जिन्हें आप मानते हैं कि आप उनके योग्य नहीं हैं

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लोगों को “धोखा” देने पर अपराधबोध की भावनाओं का सामना करना

लोगों में अपनी सफलता का भाम कायम रखना।

आखिर क्यों कोई होता है इम्पोस्टर सिंड्रोम का शिकार

इस सिंड्रोम का कोई एक कारण नहीं है, बल्कि काफी सारी स्थितियां इसे मिलकर बनाती हैं। इसमें पेरेंटिंग के तरीके भी शामिल हैं। जैसे –

स्कूल में अच्छा करने के लिए दबाव डाला जनन
आपकी तुलना आपके भाई-बहनों से होना
नियंत्रित या अधिक प्रोटेक्टिव एनवायरनमेंट में पलना
बचपन में बार – बार लोगों से अपनी आलोचना सुनना

तो यदि आप भी इन लक्षणों से रिलेट कर पाते हैं तो एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से मिलें और वही आपको सही सलाह देंगे। क्योंकि ये लक्षण आपको निजी जीवन में तकलीफ पहुंचा सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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