हार और तकरार हैं आत्महत्या को ट्रिगर करने वाले सबसे कॉमन कारण, जानिए इन स्थितियों से कैसे उबरना है

दिनभर में हमारा मन कई चुनौतियों का सामना करता है। इससे दिलो दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो लोगों के मन में आत्मघाती विचारों को पैदा करने का काम करता है। जानते हैं सुसाइड के कारण और इससे उबरने के उपाय भी।
10 sep ko duniya bhar me world suicide prevention day manaya jata hai
10 सितंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे मनाया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Oct 2023, 10:12 am IST
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दुनियाभर में आत्महत्या (suicide) की घटनाएं दिनों दिन बढ़ने लगी हैं। ये विश्व भर में सीरियस पब्लिक हेल्थ इश्यू बनकर उभर रही है। दिनभर में हमारा मन कई समस्याओं और चुनौतियों का सामना करता है। साथ ही मन में दूसरों के व्यवहार के चलते कई प्रकार के विचार उठने लगते हैं। इससे हमारे दिलो दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आप ये जानकर हैरान होंगे कि किसी व्यक्ति की कही छोटी सी बात भी दूसरे व्यक्ति की मौत का कारण बन सकती है। ऐसे में विचारों की शुद्धता के अलावा दूसरों के दिल को सुकून पहुंचाने की भी कोशिश अवश्य करनी चाहिए। जानते हैं सुसाइड(suicide) के कारण और इससे उबरने (how to control suicidal thoughts) के उपाय भी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सालाना 7 लाख लोग केवल सुसाइड (suicide) के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। 15 से लेकर 29 साल के लोगों के बीच आत्महत्या मौत का चौथा बड़ा कारण उभर कर आ रहा है। 77 फीसदी आत्म हत्या के मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ही देखने को मिलते हैं।

वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे 2023 (World suicide prevention day 2023) का महत्व

हर साल विश्वभर में 10 सिंतबर को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (World suicide prevention day 2023) के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजे़शन यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2021.2023 तक मनाया जाने वाला ये दिन “क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन” (creating hope through action) की थीम पर आधारित होगा। इस साल वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे 2023 (World suicide prevention day 2023) का मकसद विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों में आशा की किरण जगाना है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। इस खास दिन पर आत्महत्या की कोशिश करने के कारणों से लेकर उपायों तक हर चीज़ पर रोशनी डाली जाएगी।

एनीसबीआई के मुताबिक आत्महत्या करने का विचार सुसाइड(suicide) अटेंप्ट करने में महत्वपूण भूमिका निभाता है। मन में आत्मघाती विचार आने से आप मानसिक तौर पर कमज़ोर होने लगते हैं। इसके अलावा सामाजिक संबंध भी बिगड़ने लगते हैं और दोस्तों व रिश्तेदारों से कम समर्थन मिलता है।

Suicide ke trigger points kya hain
भारत आत्महत्या दर में विश्व भर में 43वें नम्बर पर है। युवाओं में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है आत्महत्या। चित्र- शटरस्टॉक।

सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक आत्महत्या के इन वार्निंग साइंस को पहचानना है जरूरी

खुद को दूसरों से अलग कर लेना और अकेले रहने लगना। दोस्तों से बातचीत न करना और उनके साथ घूमना फिरना बंद कर देना। इस संकेत को नज़रअंदाज़ करने से बचें।

बार बार मूड स्विंग होना। छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाना और गुस्सा हो जाना भी सामान्य बात नहीं है। इस प्रकार का व्यवहार जीवन में बढ़ रहे तनाव को दर्शाता है।

अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करने की योजना बना रहा है, तो इसका मतलब है कि वो अपने जीवन में बेहद परेशान है। ऐसे लोग बार-बार जान देने का प्रयास करने लगते हैं।

ज्यादातर मामलों में ये 4 कारण करते हैं सुसाइडल थॉट्स को ट्रिगर

1. डिप्रेशन या तनाव

राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत के अनुसार वो व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास करता है, जो लंबे वक्त से डिप्रेशन का शिकार रहा हो। इसके अलावा रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली उठा पटक कई लोगों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करती है। वे दिन रात उसी विषय पर सोचने लगते हैं। मन विचलित होने के चलते वे सुसाइड (suicide) का डिसीज़न ले लेते हैं।

2. रिलेशनशिप इश्यू हैंडल न कर पाना

छोटी मोटी बात पर होने वाली बहस कई बार विकराल रूप धारण कर लेती है। ऐसे में अक्सर बहुत से लोग खासतौर से टीनएजर्स गुस्से में आ जाते हैं और इस तरह के कदम उठाने में हिचकिचाते नहीं है। माता पिता का साथ या लव पार्टनर से होने वाली कहा सुनी भी इसका मुख्य कारण साबित हो सकता है।

Broken relation ke sign
कभी-कभी आप अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे होते हैं, इसके बावजूद रिश्ता सुधर नहीं पाता। चित्र : एडोबी स्टॉक

3. बेराेज़गारी

डॉ युवराज पंत के मुताबिक लंबे वक्त तक रोज़गार न मिलना भी युवाओं को सयुसाइड (suicidal) की ओर धकेलने का काम करता है। सुख सुविधाओं की बढ़ती आदत और बिगड़ रही फाइनेशियल कंडीशन के मद्देनज़र वे मौत को गले लगा लेते हैं।

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4. लंबी बीमारी से ग्रस्त होना

वे लोग जो लंबे वक्त से किसी बीमारी का शिकार है। वे भी जिंदा रहने की चाहत को खो देते हैं। अपनों का प्यार न मिलने के चलते वे अक्सर दूर दूर रहने लगते हैं और मौत का ख्याल उन्हें बार बार सताने लगता है।

इन 5 उपायों को अपनाकर किया जा सकता है इन विचारों को कंट्रोल

1 फिजिकली एक्टिव रहें और खुद को थकाएं

दिनभर में कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए अवश्य निकालें। इससे आपका तन और मन दोनों ही एक्टिव बने रहते हैं। साथ ही आप खुद को एनर्जेटिक महसूस करने लगते हैं। जब आप अंदर से उत्साहित रहेंगे, तो सुसाइड जैसे कमज़ोर विचार आपके मन को छू भी नहीं पाएंगे। वर्कआउट में हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ से लेकर योग तक सब कुछ शामिल करें। जब आपका शरीर पूरी तरह से थक जाए, तो कुछ देर आराम करें।

2 सही पोषण लें

खानपान का अवश्य ख्याल रखें। अपनी डाइट में पौष्टिक तत्वों को अवश्य शामिल करे। दिनभर अनहेल्दी डाइट लेने या फिर अल्कोहल का सेवन आपके मानसिक तनाव का कारण बन सकती है। ऐसे में हेल्दी डाइट लेना आपके शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा किसी भी बात पर चिंताग्रस्त होने से मील स्किप करने से भी बचें। इससे भी आपके शरीर में कमज़ोरी का अनुभव होने लगता है।

3. मी टाइम निकालें

आप जितने मर्जी डिप्रेस (Depress) हों। फिर भी मुस्कुराएं और कुछ वक्त अपने लिए निकालें। अकेले बैठे और दिनभर में होने वाली घटनाओं पर विचार करें इस बात को समझने का प्रयास करें कि जिस बात पर आप चिंतित हैं। उसका आपकी जिंदगी में कितना महत्व है।

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सुबह की सैर आपके शरीर और मस्तिष्क में सर्कुलेशन और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाकर आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. उन लोगों से बात करें जिन्हें आप पसंद करते हैं

जब हम अन्य लोगों से बात करते हैं। तो उन लोगों की परेशानियों के बारे में भी जान पाते है। उस वक्त हम इस बात को समझ जाते हैं कि दूसरों की परेशानी के सामने हमारी समस्या तो बहुत सामान्य हैं। ऐसे में कुछ वक्त बात चीत के लिए निकालना ज़रूरी है।

5.  हार को अंत नहीं, चुनौती समझें

अगर आप किसी एग्ज़ाम या इंटरव्यू में क्लीयर नहीं हो पाए हैं, तो उसमें मायूस न हों। इस बात का भरोसा रखें कि आपको जल्द नई अपॉरचूनिटीज़ (Opportunities) मिलने वाली हैं। जो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाने में आपकी मदद करेंगी।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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