बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो व्यवहार से चुलबुले और हर किसी से संपर्क करना उनकी आदत होती है। फिर चाहे कोई छोटा है या बड़ा, हर किसी के साथ छेड़खानी और फलर्टिंग (flirting) करना पसंद होता है। हालांकि कई बार किया फ्लर्ट दिल को दुखाने वाला भी साबित हो सकता है। मगर सीमाओं के अंदर रह कर की गई फलर्टिंग आपको कई प्रकार के फायदे पहुंचाने का काम करती है। जानें फ्लर्टिंग अच्छी क्यों हैं और हार्मलेस फ्लर्टिंग की बाउंड्री क्या होती हैं (healthy and harmless flirting)।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत कहते हैं कि इस तरह से हम सोशलाइज़ (socialize) होने लगते है। हम जब बात करते हैं, तो सामने वाले से खुलने लगते है और इससे हमारा दायरा बढ़ने लगता है। एकाकी पन धीरे धीरे खत्म होता चला जाता है। कई बार लोग उदासी से निकलने के लिए भी फ्लर्टिंग का सहारा लेते है। फ्लर्टिंग की बाउंड्री यही है कि किसी को इमोश्नल और फिज़िकल हार्म (emotional and physical harm) नही पहुंचाना चाहिए। हमारे हाव भाव में हमारा उद्देश्य क्लियर होना चाहिए। अगर कोई उससे तनाव और दबाव महसूस करता है, तो हमें पीछे हट जाना चाहिए। दरअसल, हम अपनी खुशी के लिए किसी को तनाव या दबाव में नहीं ला सकते हैं।
काम के साथ साथ हल्की छेड़खानी वर्क प्लेस पर स्ट्रेस रिलीज़ करने में मददगार साबित होती है। इससे हर वक्त परेशान रहने वाले लोगों के चेहरों पर भी चंद मिनटों के लिए मुस्कान थिरकने लगती है।
फलर्टिंग का मकसद केवल रिलेशनशिप बनाने तक सीमित नहीं है। ऐसे लोग जो सेल्फ सेनटर्ड होते हैं और कम बोलते है। उन लोगों के कम्यूनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाने और हिचक को दूर करने के लिए ये एक बेहतर उपाय साबित हो सकता है। आपकी हल्की छेड़खानी आपके व्यक्तित्व और सोच को जाहिर करने का भी आसान तरीका है। लगातार फलर्टिंग से आप किसी व्यक्ति से बातचीत करने लगते है। इससे आपका संचार बेहतर बनता है।
दो लोग जब फ्लर्ट करते हैं, तो वो मंज़र वाकई सुहाना लगता है। कई बार आपकी छेड़छाड़ दूसरों के जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता ला सकती है। फलटिंग के ज़रिए अजनबी भी दोस्त बन जाते हैं और हंसी मज़ाक में कही गई बातें आपके लिए हेल्पफुल भी साबित हो सकती हैं।
ज़ाहिर है, कोई शख्स आपसे दो से तीन बार फ्लर्ट करेगा, तो चौथी बार आप उसे खुद खोजने लगेगीं। इसे हम प्यार नहीं अंडरस्टैडिंग का नाम दे सकते हैं। दूसरा व्यक्ति सिर्फ आपके डर और हिचक को दूर करने का प्रयास करता है। मगर आप इस तरह से धीरे धीरे लोगों के करीब आने लगते हैं और उन्हें मिस करने लगते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक कैनसस युनिवर्सिटी में 52 कपल थे, जिनमें से 84 फीसदी जानते थे कि उनका साथी उनके साथ छेड़खानी नहीं कर रहा था। वहीं 28 फीसदी जानते थे कि किस वक्त उनका पार्टनर उनसे फ्ल्टिंग कर रहा है। वहीं पुरूषों ने 36 फीसदी समय बताया कि उनके साथ छेड़खानी कर रही थीं। वहीं महिलाएं 18 फीसदी समय पुरुषों से छेड़खानी का सही पता लगा पाई।
कुछ लोग जो ज्यादा बात नहीं करते, अगर आप उन्हें बहुत खास महसूस करवाने लगते हैं, तो उनके मन में आपके लिए सॉफ्ट कॉर्नर बनने लगता है। उन्हें यह अहसास हाेने लगता है कि वे आपके लिए स्पेशल और उनसे बार बार फलर्टिंग करने लगते हैं। ऐसे में वे लोग आपकी छोड़खानी को प्यार समझ बैठते हैं। ऐसे में एक बाउंड्री में रहते हुए किसी से भी बातचीत करें। उन्हें ये एहसास न दिलाएं कि आप उनसे प्यार करने लगे हैं।
र्फ्ल्ट करने से पहले इस बात को समझ लें कि आप किस सेंस में दूसरों को छेड़ रहे हैं। कई बार दोनों लोग इस बात से वाकिफ होते हैं कि ये सिर्फ एक मज़ाक है। पर इसके उलट आपका पार्टनर दूसरों के साथ किए जा रहे आपके फ्लर्ट को गंभीरता से ले सकता है। जिससे आप दाेनों के रिश्ते में भी खटास आ सकती है।
कभी-कभी जिससे आप फ्लर्ट कर रहे हैं, वह भी आपकी मंशा को समझे बिना सिड्यूस हो सकता है। जिससे आपके लिए भविष्य में जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने रिश्ते की मजबूती, सामने वाले की संवेदनशीलता को समझ कर ही किसी तरह का मजाक करें।
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कस्टमाइज़ करेंएक्सपर्ट बताते हैं कि फ्लर्टिंग की बाउंड्री यही है कि आपकी वजह से कोई व्यक्ति खुद को तनाव में महसूस न करें। इसके अलावा किसी को मानसिक या शारीरिक तौर पर क्षति पहुंचाना फ्लर्टिंग का मकसद कतई नहीं है। हमारे व्यवहार से अगर कोई चिंताग्रस्त होने लगता है या फिर डर से हमारे सामने आने से कतराता है, तो ऐसे में अपना दायरा तय कर लें। एक सीमा में रहकर ही फ्लर्टिंग करें। हमारा मकसद किसी के चहरे पर मुस्कान लाना है, न कि किसी को परेशान करना।