मीलों के फांसले प्यार और अंडरस्टैण्डिंग को कम नहीं कर पाते हैं। वे लोग जो लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप में रहते हैं। वे लगातार ऐप्स और बातचीत के जरिए संपर्क में बने रहते हैं। हांलाकि जब दो लोग लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप (long distance relationship) में आते हैं, तो वे एक दूसरे की कमी और साथ बेहतर तरीके से जान पाते हैं। इस तरह के रिश्ते से जहां कुछ लोगों में मनमुटाव की स्थिति पैदा हो जाती है, तो कुछ लोग और भी मज़बूती से एक दूसरे से जुड़ जाते हैं और रिश्ते में आने वाली परेशानियों को पार करते हुए एक साथ बने रहते हैं। दरअसल, इस तरह के रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को एक दूसरे के करीब लाने में मदद करते हैं। जानते हैं लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप के फायदे (Benefits of long distance relationship) ।
राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि अगर आप लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप में है, तो इससे आपकी ओवरऑल पर्सनैलिटी प्रभावित होती है। इससे न केवल बात बात पर होने पर मनमुटाव से राहत मिल जाती है बल्कि दोनों का बॉन्ड स्ट्रॉंग होने लगता है। इसके अलावा कम्यूनिकेशन गैप कम होने लगता है, जिससे दो लोग एक दूसरे को समझते हुए करीब आने लगते हैं।
जब आपका पार्टनर आपके नज़दीक नहीं होता है, तो आप हर पल उसकी कमी को महसूस करने लगते हैं। आप हर छोटी से छोटी बात भी उनके साथ साझी करते हैं। जो कम्यूनिकेशन गैप की खाई को भरने में मदद करता है। वे कपल्स जो साथ रहते हैं। उन्हें आपस में शांति से बात किए हुए कई हफ्तों और महीनों बीत जाते हैं। वहीं लॉग डिस्टेंस रिलेशनशिप में आप अपने पार्टनर को मिस करते हैं और हर छोटी बड़ी बात में उनकी राय को महत्व भी देते हैं।
जब दो लोग साथ होते हैं, तो वे एक दूसरे के प्रयासों को टेकन फॉर ग्रांटिड लेने लगते हैं। इसका असर रिश्तों पर दिखने लगता है और लोग आपस में दूरियां बना लेते हैं। वहीं दूसरी ओर जब दो लोग अलग अलग रहते हैं, तो वे एक दूसरे के प्रयासों को एप्रीशिएट करने लगते हैं।
लॉग डिस्टेंस रिलेशनशिप में आप अब खुद के लिए समय निकाल पाते हैं। अपनी मर्जी से किसी भी एक्टिविटी में पार्टिसिपेट कर सकते हैं। अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ को बेहतर तरीके से बैलेंस कर पाते हैं। हर समय पार्टनर के साथ और उनके मुताबिक चलने की जगह आप अपने डिसीजन खुद ले पाते हैं।
पार्टनर के साथ रहने से व्यक्ति बहुत सी चीजों के लिए अपने साथी पर डिपेंडेंट होने लगता हैं। बिल्स के भुगतान से लेकर खाने पीने और आने जाने के लिए पार्टनर का साथ खोजने लगते हैं। ऐसे में अगर आपका पार्टनर आपसे दूर रह रहा है, तो आप अब इंडिपेंडेंट हो जाते हैं। छोटे से लेकर बड़े कामों तक हर जगह आपको खुद जाना होता है। इससे आपकी नज़रों में पार्टनर के लिए रिस्पेक्ट बढ़ती हैं।
गाड़ी के दोनों पहियों के सहारे ही किसी भी रास्ते को तय किया जा सकता है। इसी प्रकार रिलेशनशिप को मज़बूत बनाने के लिए दो लोगों का साथ ज़रूरी है। वे लोग जो लॉन्ग रिलेशनशिप में रहते हैं। उन्हें अपने पार्टनर कमी और उनकी वेल्यू समझ आने लगती है। दूर होने के बाद उन्हें इस बात का एहसास हो पाता है कि दूसरे व्यक्ति के साथ में जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों को आसानी से पार किया जा सकता है। ऐसे में दोनों पक्ष अब एक दूसरे की वेल्यू को बेहतर ढ़ग से समझने लगते हैं।
पार्टनर के नज़दीक न होने से आप अपने समय को आसानी से मैनेज कर पाती हैं। हांलाकि आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है। मगर अकेले हर काम को पूरा करने के लिए आप समय प्रबंधन में माहिर हो जाती है। अगर आप मैरिड हैं, तो प्रोफेशनल लाइफ से लेकर फैमिली लाइफ तक हर काम के लिए आप समय निकालती हैं, जिससे आप अपने पार्टनर को और बेहतर ढ़ग से समझने लगती है और उनकी वैल्यू आपकी नज़रों में बढ़ने लगती है।
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