स्टैमिना वह शक्ति या ऊर्जा है जो आपको लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक प्रयास बनाए रखने में मदद करता है। आज के दौर में मजबूत स्टैमिना कौन नहीं चाहता! घर की जिम्मेदारियां हो या कॉरपोरेट लाइफ की भाग दौड़, निरंतर बढ़ने के लिए स्टैमिना होना बहुत आवश्यक है। आज के समय की मांग यह है कि शारीरिक और मानसिक दोनो ही रूप से कुशल होना पड़ेगा। जब आप कोई भी गतिविधि कर रहें हो, तो अपनी सहनशक्ति यानी स्टैमिना बढ़ाने से आपको असुविधा या तनाव सहने में मदद मिलती है।
लेकिन क्या इन दोनों को एक साथ हासिल करना मुश्किल लगता है? तो चिंता मत करिए क्योंकि हेल्थशॉट्स ने आपका काम आसान कर दिया है। जी हां, एक्सपर्ट की मदद से हम बता रहें हैं कि कैसे आप अपने मेंटल और फिजिकल स्टैमिना को बढ़ा सकते हैं।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के प्रधान निदेशक और प्रमुख, न्यूरोलॉजी विभाग, डॉ प्रवीण गुप्ता कहते हैं, “स्टैमिना काम करते वक्त की थकान को दूर करता है। मजबूत स्टैमिना होने से आप कम ऊर्जा का उपयोग करते हुए अपने डेली एक्टिविटी को अच्छे से कर सकती हैं।”
डॉक्टर प्रवीण गुप्ता कहते हैं, “आपके शरीर के सेल्स को लगातार ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है। आप जितना खुद को फिजिकल एक्टिविटी का हिस्सा बनाएंगे, आपका स्टैमिना उतना ही मजबूत होगा।”
वे आगे कहते हैं, “स्टैमिना बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है वॉकिंग। तेज रफ्तार में रोज आधा से एक घंटा चलने पर आप अपनी सहनशक्ति को मजबूत कर पाएंगे। इसके अलावा आप रनिंग और स्ट्रेचिंग के कॉम्बो की मदद से स्टैमिना के साथ मांसपेशियों की ताकत को भी बढ़ावा दे सकते हैं।”
जब आप ऊर्जा की कमी महसूस कर रहे हों तो व्यायाम आपकी मदद कर सकता है। लगातार व्यायाम आपकी सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करेगा।
2017 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान से अत्यधिक सम्मानित डेटाबेस के अध्ययन के अनुसार जो प्रतिभागी काम से संबंधित थकान का अनुभव कर रहे थे, उन्होंने छह सप्ताह तक व्यायाम करने के बाद अपने ऊर्जा स्तर में सुधार पाया। उन्होंने अपनी कार्य क्षमता, नींद की गुणवत्ता और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में सुधार का अनुभव किया है।
आप जो खाते हैं, वह आपकी सेहत में झलकता है। इसलिए डॉक्टर प्रवीण कहते हैं, “स्टैमिना बढ़ाने के लिए अपनी डाइट का ध्यान रखें। आप अपने आहार में फल और सब्जियों की मात्रा को बढ़ाएं। इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ताकत देने के साथ एक्सरसाइज के बाद के ऑक्सिडेशन को भी हील करता है।” विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से आपको अच्छे स्वास्थ्य और पुरानी बीमारी से बचाने में मदद मिलती है।
डॉ प्रवीण कहते हैं, “प्रोटीन आपकी मांसपेशियों का बिल्डिंग ब्लॉक होता है। यह मांसपेशियों और शरीर के सेल्स की वृद्धि, विकास और मरम्मत के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। प्रोटीन में वसा की तुलना में अधिक मेटाबॉलिक रेट होता है, इसलिए एक व्यक्ति अधिक कैलोरी बर्न कर सकता है। इसके स्वस्थ स्रोतों में लीन चिकन, मछली, अंडे और नट्स शामिल हैं।”
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आप ऑयली और मसालेदार भोजन से परहेज करते हैं, तो आपके शरीर में अतिरिक्त फैट नहीं जमा होंगे। यह आपके स्टैमिना को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अनहेल्दी बिंज ईटिंग की शिकार न हो या अपनी क्रेविंग को हेल्दी और स्वादिष्ट भोजन के साथ स्विच करें।
आप सभी ने 8 गिलास पानी का नियम सुना है। हाल के शोध ने साबित कर दिया है कि एक नियम के रूप में ज्यादा पानी जरूरी नहीं है। आपके व्यायाम की लंबाई और तीव्रता के आधार पर आपको कम या ज्यादा की आवश्यकता हो सकती है। तापमान भी पानी के सेवन का एक कारक है।
तापमान बढ़ने पर हाइड्रेशन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह निर्धारित करने के दो अच्छे तरीके हैं कि क्या आपको पर्याप्त पानी मिल रहा है, जिसमें वजन और मूत्र की निगरानी शामिल है।
संगीत सुनने से आपकी हृदय और मन के स्टैमिना में वृद्धि हो सकती है। इस अध्ययन में 30 प्रतिभागियों ने अपने चुने हुए संगीत को सुनते समय व्यायाम करते समय एकाग्रता बढ़ा दी थी। संगीत आपको मेंटली शांत कर देता है जो हैप्पी हार्मोन यानी एंडोर्फिन को रिलीज करता है। यह मानसिक सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
योग और ध्यान आपकी सहनशक्ति और तनाव को संभालने की क्षमता को बहुत बढ़ा सकते हैं।
2016 के एक अध्ययन के हिस्से के रूप में, 27 मेडिकल छात्रों ने छह सप्ताह के लिए योग और ध्यान कक्षाओं में भाग लिया। उन्होंने तनाव के स्तर और कल्याण की भावना में महत्वपूर्ण सुधार देखा। उन्होंने अधिक धीरज और कम थकान की भी सूचना दी।
डॉ प्रवीण कहते हैं, ” मानसिक स्टैमिना बढ़ाने के लिए आपको अपने दिमाग को लगातार उत्पादक कार्यों में लगाना चाहिए। इसके लिए आप पहेलियों को हल करें, माइंड गेम खेलें, उन चीजों में संलग्न हों जो आपकी बुद्धि को चुनौती दें और याददाश्त बढ़ाएं।”
लिन मैनुअल मिरांडा ने प्रत्येक दिन की शुरुआत और अंत में सकारात्मक सोच के ऊपर “जी मॉर्निंग, जी नाइट” नामक किताब प्रकाशित की। इसमें वह साझा करते हैं कि उत्साहित और छोटे संदेशों के माध्यम से आप खुश और पॉजिटिव रह सकते हैं।
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