भारत देश में बातों को कहावतों से भी जाना जाता है। इसी बीच में स्वास्थ्य को लेकर भी कई कहावतें बड़े बुजुर्गेां ने बनाई हैं। जिनमें दो लाइन में पूरी बात को जाना जा सकता है। इसी में एक कहावत है बिना स्वास्थ्य जीवन, जीवन नहीं होता, बल्कि यह दुखों और आलस्य की अवस्था होती है। इन लाइनों से पता चलता है कि मनुष्य के जीवन में स्वस्थ शरीर का होना कितना जरूरी है। सिर्फ शरीर और स्वस्थ शरीर दोनों के मतलब में बहुत अंतर है। आज के दौर में जीवन जीने में ज्यादातर लोग तनावग्रस्त हो चुके हैं। पारिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत समस्यायों से ग्रस्त व्यक्ति दिमागी बीमारी का शिकार होता जा रहा है। लोगों ने तनाव को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है।
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हालांकि, लोग किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेने में भी कतराते हैं। अंधविश्ववास पर यकीन रखने वाले लोग मानकसिक बीमारी के चलते डिप्रेशन में चले जाते हैं। कुछ लोग आज भी कहते हैं कि डिप्रेशन कुछ नहीं है, एकमात्र वहम है। ऐसे में आपकी स्थति को ध्यान में रखते हुए आज हेल्थ शॉट्स आपके लिए लाया है डिप्रेशन और एंग्जाइटी से निपटने के कुछ खास टिप्स (HOW TO OVERCOME STRESS and anxiety)। तो चलिए जानते हैं इस समस्या से किस तरह से निपटा जा सकता है।
आज के दौर में डिप्रेशन को लोग समय से नहीं पहचान पाते। यदि इसकी जानकारी सही समय पर हो जाये तो इससे निपटना आसान हो जाता है। समय से पहचान हो जाने पर यह बड़ी समस्या नहीं बन पाती है। विशेषज्ञ कहते हैं समस्या को पहचान कर भी लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। डिप्रेशन का शिकार हुई महिला आत्महत्या जैसी घटना को भी अंजाम दे सकती है। सायकायट्रिस्ट डॉ उन्नति कुमार कहते हैं कि वैसे तो डिप्रेशन कोई बीमारी नहीं है, व्यक्ति खुद इसे बड़ी बीमारी बना रहा है। हर रोज जागरूकता के लिए चल रहे अभियान से लोगों को सीख लेनी चाहिए। दवाओं के साथ मोटिवेशनल स्पीकर को सुनना चाहिए।
किसी भी शारीरिक गतिविधि को करने के लिए दिमाग का सक्रीय रहना बहुत जरूरी है। खासकर जब बात शांत और खुश रहने की आती है तो सेरोटोनिन सबसे ज्यादा मायने रखता है। दिमाग में सेरोटोनिन केमिकल की कमी होने पर कोई भी महिला या पुरूष डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है। इस केमिकल के असंतुलित होने पर दिमाग एक बात को ही दोहराता रहता है और व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार हो जाता है। ऐसी स्थित में अमीनों एसिड से युक्त खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना चाहिए। यह शरीर में सेरोटोनिन की एक उचित मात्रा को बनाये रखता है और आपके मूड को भी लाइट और स्ट्रेस फ्री रखता है।
डिप्रेशन का शिकार लोगों के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जबरन किसी काम को करने के लिए मानसिक बीमारी से ग्रस्त मरीज से नहीं कहना चाहिए। नहीं तो मुश्किल खड़ी हो सकती है। डिप्रेशन की शुरूआत भी यहीं से होती है। यह माइल्ड केस में भी सहायक हो सकता है। ऐसे में महिला या पुरूष अपनी सोच से जो काम करना चाहता है उसके लिए उत्सावर्धन करना चाहिए। जिससे वह किसी भी प्रकार से मानसिक बीमारी का शिकार न हो सके।
यदि आप किसी बात को लेकर कई दिनो से सोच विचार कर रही हैं तो उसे शेयर ज़रूर करें, जिससे आपको गलत या सही की जानकारी दी जा सके। डिप्रेशन तो किसी को भी हो सकता है, मगर जो अपनी बात को अपने खास से शेयर करता है उन्हें इस समस्या से शीघ्र छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
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