कोरोना महामारी और लॉकडाउन का यह दौर हम सभी के लिए बेहद कठिन है। हम सब यह जानते हैं कि कोरोना वायरस से जंग जीतना इतना भी आसान नहीं है। एक लंबी और मुश्किल लड़ाई लड़नी पड़ती है। मगर कोविड – 19 से ठीक होने के बाद भी जंग जारी रहती है। कभी नींद न आना, तो कभी थकान और एंग्जायटी । कोरोना वायरस से ठीक हुए हजारों लोग इन दिनों पोस्ट कोविड लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से उबरने वाले एक तिहाई लोग इस तथ्य के बाद किसी प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव का अनुभव करते हैं। ऐसे में कोरोना के बाद इन सबको भी हराना जरूरी है।
कोरोना वायरस ने हम सभी के जीवन को परिवर्तित किया है। काम और स्कूल अब वे स्थान नहीं हैं, जहां आप शारीरिक रूप से जाते हैं। किराने की दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग लाइन देखना अब अजीब नहीं रहा। इसलिए, आप भी परिवर्तन को स्वीकार करें और नई चीजों में खुशियां ढूंढने की कोशिश करें। घर से काम कर रहे हैं तो मन लगाने के लिए गाने सुनें या अपने बैठने का वातावरण बदलें। इससे आपको खुशी मिलेगी!
हमें पता है कि अगर आप अभी हाल ही में कोविड -19 से उबरे हैं, तो घबराहट और चिड़चिड़ाहट दोनों महसूस होती है। इसलिए हर बात के लिए खुद को दोष न दें कि आप जल्दी मानसिक या शारीरिक रूप से स्वस्थ क्यों नहीं हो पा रहे हैं।
इसके बजाय खुद के साथ अच्छा व्यवहार करें, पर्याप्त नींद लें, खूब पानी पिएं और स्वस्थ आहार लें। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर या समाचार देखने में बहुत अधिक समय बिताने से बचें, क्योंकि इससे एंग्जायटी ट्रिगर हो सकती है। तो, उन गतिविधियों के लिए समय निकालें जिनका आप आनंद लेते हैं।
गाने सुनना, नाचना, ध्यान करना, जर्नल लिखना – यह सारी वो चीजें हैं, जिनसे आपके तनाव के स्तर में ज़रूर कमी आएगी। इसके साथ ही, एक्सरसाइज और योग करने से भी मन को शांति मिलती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, रात को सोने से पहले जो कुछ भी आपके पास है उसका धन्यवाद करें। निश्चित ही इन सभी चीजों से आपको फायदा होगा।
अपने प्रियजनों को ईमानदारी से बताएं कि आप कैसा महसूस कर रही हैं। बात करना एक बड़ी मदद हो सकती है। उस दोस्त या परिवार के सदस्य को खोजें जो बिना निर्णय लिए सुनने को तैयार हो या जिसके साथ आपको बात करना अच्छा लगता हो।
दोस्तों और परिवार से बात करना हमेशा पर्याप्त नहीं होता। यदि आप कोविड – 19 से उबरने के बाद चिंता या अवसाद से जूझ रहे हैं, तो पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने पर विचार करें।
यहां तक कि ऐसी सेवाएं भी हैं जहां आप टेक्स्ट या वीडियो चैट के माध्यम से अपने घर से आराम से एक चिकित्सक से जुड़ सकते हैं। एक खुशहाल, कम तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए आपको जो मदद चाहिए, उसे पाने में कोई शर्म नहीं है।
यह भी पढ़ें : एक मनोवैज्ञानिक बता रहीं उन 13 आत्मघाती आदतों के बारे में, जिन्हें आपको छोड़ देना चाहिए
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें