दिल का रिश्ता सबसे नज़दीकी रिश्तों में से एक माना जाता है। जिसमें हम दूर रहकर भी किसी की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। उसके बिना कहे हर बात को सुन लेते हैं और बिना पूछे हर सवाल का जवाब भी दे डालते हैं। हो भी क्यों न आखिर दिल का रिश्ता होता ही कुछ ऐसा है। लेकिन अगर कोई ऐसा व्यक्ति जो दिल के बेहद करीब हो और किसी कारणवश हम से दूर हो जाए। तो वो स्थिति बेहद असहनीय हो जाती है।
दिल टूट जाता है और हम बिखरने लगते हैं। बिखरी हुई भावनाओं को संवारने के लिए जीवन में मूवऑन करना बहुत ज़रूरी है। किसी भी प्यारी यादें अगर आपके दुख का कारण बनने लगें, तो उन्हें छोड़कर आगे बढ़ना बहुत ज़रूरी है। दरअसल, एक सुनहरा भविष्य आपकी राह देख रहा है। जानते हैं कि टूटे दिल को संभालने के लिए किन आसान टिप्स को फॉलो करें (Tips to mend broken heart)।
इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत का कहना है कि जब कोई व्यक्ति हमारे बेहद करीब होता है, तो उससे दूर होना बेहद दुखद होता है। उसकी यादें और उसकी बातें आपको हर वक्त याद आती रहती है। ब्रोकन हार्ट (Broken heart) को हील करने के लिए जीवन में कोई शार्टकट नहीं होता है। मेंटल बैलेंस इस स्थिति से बाहर आने का एकमात्र उपाय है। दिल टूटने के बाद अधिकतर लोग हीनता और आत्मग्लानि का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन सभी बातों को भूलकर खुद को पुन स्थापित करने की ओर ध्यान देना चाहिए। अपनी रूचि को पहचानें और अधूरे कार्योंं को पूरा करने की ओर ध्यान अवश्य दें।
अगर आप आगे बढ़ने की जगह राह में कहीं रूक गए हैं, तो इससे आप मानसिक तनाव का शिकार होने लगते हैं। जो अन्य कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन जाता है। हर इंसान में खुद को बदलने की संभावना होना चाहिए। किसी कारणवश अगर आपका लव पार्टनर किसी कारण से आपसे दूर हो चुका है। तो उस स्थिति से खुद को बाहर निकलने के लिए अपने आप को प्रेरित करें। सेल्फ मोटिवेशन के ज़रिए आप जीवन में आसानी से आगे बढ़ सकते हैं।
जीवन में कई पसंदीदा चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम समय की किल्लत के चलते पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में एक्टीविटीज़ में रूचि लें और उनको निखारने का प्रयास करें। इससे आप न केवल कुछ नया सीखते हैं। बल्कि अपने माइंड को आसानी से डायवर्ट कर पाते हैं। अन्यथा पुरानी यादें और बातें हर वक्त इंसान को घेरे रखती है।
दिनभर किसी एक शख्स के बारे में सोचना मानसिक तनाव का कारण बन जाता है। ऐसे में अकेलेपन से बाहर निकलकर अन्य लोगों से बातचीत करें। साथ ही दोस्तों के साथ घूमने फिरने जाएं और अच्छा समय बिताएं। दोस्तों के साथ अपनी समस्याओं को शेयर करें और बीती बातों को भूलकर आगे बढ़ने की कोशिश ज़रूरी है।
हर वक्त दूसरों का ख्याल रखने के कारण हम अपने बारे में सोचना भूल जाते हैं। ऐसे में टूटे दिल को दोबारा से जोड़ने के लिए अपनी खुशी का ख्याल रखना ज़रूरी है। इस बात को समझें कि कौन सी चीजें आपको खुशी देती हैं। हर वो काम करें, जिससे आप अपने आसपास खुशहाली का अनुभव कर पाएं।
कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जो आप किसी से कह नहीं पाते हैं। ऐसे में अगर आप ब्रोकन हार्ट की समस्या से गुज़र रहे हैं। तो अपने विचारों को लिखें। मन में उठने वाली भावनाएं आपको अंदर ही अंदर परेशान करने लगती है। बार बार आपका मन पार्टनर से जुड़ी यादों की ओर भागने लगता है। आप हर दम पैचअप प्लान करते हैं। मगर ऐसी सिचुएशन में दिमाग में आने वाली बातों को लिखें।
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