हमारे दिल के स्वास्थ्य को कई कारक प्रभावित करते हैं। हमारे खाने-पीने का तरीका, खाद्य आहार और हमारी जीवनशैली भी इसके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि वर्क प्रेशर के कारण हम तनाव लेते हैं, तो वह भी हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दिनों स्ट्रेस या तनाव ह्रदय से संबंधित बीमारियों को पैदा करने का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। हमें हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले इन कारकों के प्रति जागरूक करने के लिए ही दुनिया भर में वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) 29 सितंबर (World Heart Day 2023-29 septembar) को मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन पर हम सभी को हृदय संबंधी बीमारियों (Heart Disease Risk) का जोखिम बढ़ाने वाले कारक स्ट्रेस (stress causes heart disease) की पहचान कर इसे दूर करने का प्रयास (Stress and Heart Health) करना चाहिए।
मनस्थली संस्था की फाउंडर-डॉयरेक्टर और सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘ स्ट्रेस (Stress) ह्रदय से संबंधित बीमारियों को पैदा करने का सबसे बड़ा कारक है। सबसे बड़ी बात है कि लोग इस बात से अंजान रहते है कि ज्यादा स्ट्रेस उनके ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अधिक नुकसानदायक हो सकता है। स्ट्रेस मात्र कोई भावनात्मक बोझ नहीं है, बल्कि यह ह्रदय की बीमारियों के लिए बड़ा रिस्क फैक्टर (Risk factor for heart) है।
जब हम रोजमर्रा के जीवन में बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने लगते है, तो हमारे सोचने की क्षमता समय के साथ बदलती जाती है। इस बदलाव का प्रभाव नकारात्मक रूप से ह्रदय पर पड़ता है। जिस तरह से लगातार तूफान चलने से तबाही होती है ठीक उसी तरह से लगातार स्ट्रेस लेने से हृदय पर भी चोट पड़ती है। स्ट्रेस की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, सूजन हो जाती है और अस्वस्थ लाइफस्टाइल में वृद्धि हो जाती है।
डॉ. ज्योति कपूर के अनुसार, ‘हृदय की रक्षा के लिए हमें स्ट्रेस मैनेजमेंट की कला में महारत हासिल करना होगा। खुद की सेहत के प्रति सचेत रहना होगा। जैसे ही हम स्ट्रेस की गांठें सुलझाते हैं, मतलब स्ट्रेस की वजह क्या है और इसका समाधान क्या है वैसे ही हम हृदय की सुरक्षा को मजबूत करने लग जाते हैं। तनाव को दूर करना बदलाव की कुंजी है। इससे दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।’
दिल के लिए खुद को डी-स्ट्रेस करना है, तो हमें तनाव से निपटना सीखना होगा। अपनी अनहेल्दी आदतों का प्रबंधन करना भी होगा। ये पांच आसान टिप्स ऐसा करने में मदद कर सकते हैं।
शोध से यह साबित हो चूका है कि हंसने से स्ट्रेस हार्मोन का स्तर कम होता है। धमनियों में सूजन कम (reduce inflammation in the arteries) होती है। अच्छा एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (good HDL cholesterol) बढ़ता है।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के शोध इस बात पर जोर देते हैं कि खुद पर कंसन्ट्रेट करने के विचार और गहरी सांस लेने के अभ्यास दिमाग के साथ-साथ दिल के लिए भी जरूरी है। इससे उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का जोखिम कम होता है। ध्यान के साथ-साथ योग और प्रार्थना भी मन और शरीर को आराम दे सकते हैं।
जब आप शारीरिक रूप से सक्रिय होती हैं, चाहे आप टहलती हैं या कोई गेम खेलती हैं, आपका शरीर मूड-बूस्टिंग केमिकल एंडोर्फिन जारी करता है। एक्सरसाइज न केवल तनाव से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह रक्तचाप को कम करके हृदय की मांसपेशियों (exercise to strengthen Heart muscles) को मजबूत करता है। यह स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करके हृदय रोग से भी बचाता है।
जब तनाव हर जगह पीछा करता है, तो उससे बचना असंभव है। इसलिए खुद को इलेक्ट्रोनिक्स से अनप्लग कर लें। ईमेल और टीवी समाचार से बचें। सेल्फ केयर के लिए हर दिन समय निकालें – भले ही वह सिर्फ 10 या 15 मिनट के लिए ही क्यों न हो।
तनाव दूर करने के लिए गुनगुने पानी से स्नान, संगीत सुनना या किसी पसंदीदा शौक के लिए समय बिताना भी हो सकता है।
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