बचपन हर किसी के लिए एक खूबसूरत अहसास की तरह होता है। क्योंकि उस दौरान हर कोई आपकी हर छोटी से छोटी खुशी का ख्याल रखता है। लेकिन बचपन से वयस्क होने की जर्नी में हम अपनी जिम्मेंदारियों में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी खुशियों को अपनी लास्ट चॉइस बना लेते हैं। परिवार और काम की जिम्मेदारियों के बीच न जानें हम खुद को कहां खो बैठते हैं। यही कारण होता है कि जिंदगी में कुछ न कुछ पीछे छूट जाने का गम हमेशा मन में रहता है। अपनों का ख्याल रखने के साथ अपनी खुशियों की जिम्मेदारी लेना भी जरूरी है। जिससे आप बिजी लाइफ से कुछ पल अपने लिए भी निकाल सकें। इसी बात का संदेश देते हुए दूनिया भर में इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे ( International Day of Happiness) मनाया जाता है। खुद को बेहतर तरीके से समझने के लिए गुरुग्राम हॉस्पिटल की सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, डॉ. आरती आनंद ने कुछ खास टिप्स हमसे साझा की है। जिसे हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं।
खुद की खुशी का ख्याल रखना सिर्फ जरूरत नहीं बल्कि आपका अधिकार है। इस बात का संदेश देने के लिए हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। साल 2013 से संयुक्त राष्ट्र में यह दिन दुनिया भर में खुशी का संदेश देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन की विशेषता इसलिए है क्योंकि यह हमें बताता है कि खुद को समझकर अपनी जिंदगी का ख्याल रखना कितना जरूरी है।
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ आरती आनंद के मुताबिक अपनी सभी चीजों के लिए आभार व्यक्त करना आपको अंदर से खुशी देगा। आपके पास जो भी कुछ हैं या जिंदगी में जो भी बेहतर हो रहा है। उन सभी चीजों के लिए आभार व्यक्त करें। ऐसा करने से आपको अंदर से खुशी और गर्व का आभास होगा। इससे आप जीवन में और भी बेहतर करने के लिए प्रेरित भी होंगी।
अपने अतीत की गलतियों से सीख लेकर अपने आज को बेहतर बनाना बहुत जरूरी है। कुछ लोग अपने अतीत के गम और भविष्य की चिंता के बीच वर्तमान को प्रभावित करने लगते हैं। यही चीज भविष्य में आने वाली मुसीबतों का कारण बन जाती है। डॉ आरती आनंद का मानना है कि अपने आज पर ध्यान लगाने से आपकी भविष्य की कई संभावनाएं अपने आप बेहतर होती जाएंगी। इसलिए अतीत और भविष्य से ध्यान हटाकर वर्तमान को अपनी प्राथमिकता बनाएं।
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अगर हमारे साथ कोई बुरा करता है तो उसके लिए मन में नकारात्मक भाव आना आम बात है। लेकिन साइकोलॉजिस्ट, डॉ. आरती आनंद का मानना है कि नकारात्मकता से दूरी बनाना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। अगर आप मन में किसी के लिए नकारात्मक विचार रखेंगे, तो इसका सीधा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इसलिए अपने गुस्से पर कंट्रोल रखने के साथ दूसरों के लिए अपना व्यहवार शांत रखें।
अपने मनपसंद कार्यो पर ध्यान लगाना अपनी चिंताओं को दूर रखने का आसान तरीका है। डॉ. आरती आनंद मानती हैं कि अपनी इच्छाओं पर काम करने से आपको स्ट्रेस और एंजाइटी से राहत मिलेगी। यह आपको अंदर से खुशी देगा और अपनी स्किल्स को और भी बेहतर बनाने में मदद करेगा।
दूसरों को अपनी चुनौती माननें के बजाय खुद को अपनी चुनौती बनाएं। क्योंकि अगर आपकी प्रतिस्पर्धा खुद से होगी तो यह आपको अपनी कमियों पर काम करने में मदद करेगा। इससे आपको अपने स्ट्रांग और वीक पॉइंट समझने में मदद मिलेगी। साथ ही आप खुद को बेहतर तरीके से निखारने में काम कर पाएंगी।
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