देर तक किसी विषय पर सोचना और फिर किसी नतीजे पर पहुंचना, डीप थिकिंग का परिचय देता है। अक्सर वे लोग जो कई बार छोटी बातों को देर तक सोचते रहते हैं। वे काम्प्लेक्स थिंकर की कैटेगरी में आते हैं। हांलाकि ये लोग स्वभाव के जिद्दी भी होते हैं, जो आसानी से दूसरों की बातों को एडॉप्ट नहीं करते हैं। जानते हैं वो कौन से साइन है, जो इस ओर इशारा करते हैं कि आप एक काम्प्लेक्स थिंकर हैं (Signs of complex thinker)।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत का कहना है कि वे लोग जो डीप थिंकिर होते हैं। वे प्रोबलम साल्विंग स्किल्स से लेकर डिसिजन मेकिंग तक हर चीज़ आगे होते हैं। कई बार देर तक सोचना उनकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करता है। वे किसी भी जटिल समस्या को देर तक सोच विचार करने के बाद ही हल करते हैं। पूरी तरह से चीजों को इवेल्यूएट करने वाले ये लोग अन्य लोगों से बातचीत करना खूब पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के मूड स्विंग होना आम बात है। कभी बार ज्यादा सोचना इन्हें दिशाहीन भी बना देता है।
ऐसे लोग इमेजिनेटिड वल्र्ड में रहना पसंद करते हैं। जो रियल लाइफ से बिल्कुल अलग थलग होती है। दिनभर अपने ख्यालों में उलझे रहने के चलते इनकी सोच इन पर हावी होने लगती है। दूसरों के जीवन में उठापटक भी इनकी सोच का हिस्सा बन जाती है। अपने आप में ही मसरूफ रहने वाले ऐसे लोग दिनभर गहरी सोच में रहते है।
ऐसे लोग दूसरों की बातों पर जल्दी यकीन नहीं करते हैं। डॉ युवराज बताते हैं कि ऐसे लोगों से डील करने के लिए उन्हें कंविन्स करना ज़रूरी होता है। ये लोग मनमौजी और जिद्दी स्वभाव के होते हैं। दूसरों की बातों को आसानी से एडॉप्ट नहीं करते हैं। चीजों को गहराई से समझने के बाद ही आगे बढ़ते हैं। किसी दूसरे व्यक्ति की इच्छा के मुताबित काम नहीं कर पाते हैं। तर्क की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही किसी बात को मानते हैं। इनका जिद्दी स्वभाव कई बार इनके लिए परेशानी का कारण भी बन जाता है।
ऐसे व्यक्ति देर तक किसी भी विषय पर चर्चा करना पंसद करते हैं। अधिकतर लोग ऐसे लोगों के पास बैठना पंसद नहीं करते हैं। दरअसल, ऐसी प्रवृति के लोग बिना आवश्यकता के किसी भी विषय पर अपनी राय कायम करने लगते हैं। अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाना इन्हें अच्छा लगता है। काम्प्लेक्स थिंकर लोगों से बातचीत का बहाना खोजते हैं और लंबे वक्त तक उनके साथ बैठकर बातचीत करना भी पसंद करते हैं।
इनका मूड कभी भी एक जैसा नहीं रहता है। कभी छोटी सी बात इनकी खुशी का कारण बन जाती है, तो कभी परेशानी की वजह। मूड स्विंग होने की समस्या ऐसे लोगों के साथ अक्सर रहती है। ये अपने इस व्यवहार के कारण कई बार लोगों की आलोचना का शिकार भी बन जाते हैं। इनके व्यवहार में असंतुलन देखने को मिलता है। ये दूसरों की कही बातों पर रिएक्ट करने लगते हैं और उसे दिल पर लगा लेते हैं। जो इनके मार्ग में रूकावट का काम करता है।
ऐसे लोगों की सोच दिशाहीन रहती है। ये लोग एक समय में कई विषयों पर एक साथ सोचने लगते हैं, जिसके चलते अनेक विचार इनकी सोच को भटकाने लगते हैं। व्यर्थ के विचारों को दिमाग में लाकर देर तक सोचना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक बनने लगता है। इस प्रवृति के लोग अपनी जिंदगी के अहम मुद्दों पर विचार करने की जगह गैर ज़रूरी मुद्दों पर गहराई से सोचने लगते हैं।
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