कई बार हम सोचते हैं कि प्रोफेशनल और पर्सनल फ्रंट के किसी ख़ास काम में सफल होना निश्चित है। पर हमें असफलता हाथ लगती है। चाहे प्रमोशन नहीं मिले या कहीं घूमने जाने का प्लान सफल नहीं हो पाए। हालात कोई भी हो, असफल होना बुरा लगता है। इस बुरी लगने वाली भावना से निकलना जरूरी है। तभी आगे की सफलता के रास्ते खुलते हैं। अगर असफलता हाथ लगी है, तो खुद को सपोर्ट करने के भी कई तरीके हैं। असफल होने पर खुद को किस तरह सपोर्ट किया जाए या इस असफलता को कैसे मैनेज (how to manage failure in life) किया इसे समझने के लिए हमने एक एक्स्पर्ट से बात की।
सर गंगाराम हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट, क्लिनिकल साइकोलॉजी डॉ. आरती आनंद असफल होने पर खुद को संभालने की जरूरत और आगे बढ़ने के बारे में बता रहीं हैं। बुरा महसूस करने देना प्रेरक का काम करता है।
डॉ. आरती बताती हैं, ऐसे कई कारण और भावनाएं हैं, जिनकी वजह से असफलता महसूस किया जाता है। निराशा की भावना, चिंता, अवसाद, आत्म सम्मान को चोट पहुंचना, प्रतिभा का गलत मूल्यांकन, खुद के बारे में खराब अवधारणा, नकारात्मक चर्चा इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। शर्मिंदगी, गुस्सा, उदासी और शर्म भी आपकी असफलता की भावना को बढाते हैं। ये भावनाएं व्यक्ति को असहज कर देती हैं। असफल होने के बावजूद दिमाग को बुरा महसूस नहीं करने देना चाहिए। बुरा महसूस करने देना प्रेरक का काम करता है। खुद को सपोर्ट करने के लिए कुछ समाधान खोजना चाहिए।
जिन वजहों से आपको बुरा महसूस होता है, उन कारकों की तलाश करें और उन पर काम करें। उन वजहों से ध्यान हटाने की कोशिश करें। इसके लिए कहीं घूमने निकल जाना, इवनिंग वाक पर निकलना, लाइट म्यूजिक सुनना भी हो सकता है। किसी दोस्त को कॉल करना, गहरी सांस लेने का अभ्यास करना, बबल बाथ लेना, अपने पालतू जानवरों के साथ खेलना भी उपाय हो सकते हैं। हालांकि, इससे असफलता से उपजी स्थिति से मुकाबला करने के लिए हौसला मिलेगा। असफलता की ओर से ध्यान हटेगा और खुद को पहले से अधिक मजबूत पाएंगी।
हो सकता है कि अपने जीवन के किसी मोड़ पर असफलता के बारे में कुछ अतार्किक विश्वास विकसित कर ली हों। आपको यह लग सकता है कि असफलता का मतलब है कि आप कभी सफल नहीं हो पायेंगी। यह भी लग सकता है कि असफल होने पर आपको कोई भी पसंद नहीं करेगा। इस प्रकार के विश्वास गलत हैं। ये आपको उन चीजों को करने से रोक सकते हैं, जिनसे आप सफल हो सकती हैं। इस तरह के तर्कहीन विश्वासों की पहचान कर उन्हें खत्म करने की कोशिश करें। इससे खुद पर विश्वास कर सकेंगी।
असफलता पर बहुत अधिक सोचने-विचारने की बजाय कुछ कठिन काम करने के लिए खुद को चुनौती दें। अनावश्यक रूप से खुद को दोष देना बंद करें। अपनी असफलता को संभालना और सीखने की कोशिश करें। नकारात्मक विचारों से खुद को दूर करें। खुद को एनरजेटिक फील करें। इससे खुद को सपोर्ट करने में मदद मिलेगी। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने का प्रयास करें। ऐसी चीजें जरूर तलाशना शुरू कर दें जहां आप सफल हो सकती हैं।
किताब, इंटरनेट, मोबाइल पर मौजूद सामग्री को खंगालें। आइन्स्टाइन, न्यूटन से लेकर महात्मा गांधी, ध्यान चंद तक, इन सभी महापुरुषों के जीवन को जानें। इन सभी ने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर असफलता हासिल की। यह देखना मददगार हो सकता है कि असफलता एक ऐसी चीज है जिससे हर कोई निपटता है। इन लोगों ने किस तरह असफलता से मुकाबला किया, जानने की कोशिश करें। इससे प्रेरणा मिलेगी और खुद को सपोर्ट करने की ताकत भी।
एक बार जब गलतियों की पहचान कर लेती हैं, तो आगे बढ़ने की योजना बनाने के लिए भी तैयार हो जाएं। याद रखें कि अपनी समस्याओं के बारे में सोचते रहने या गलतियों को दोहराने से आप अटक जाएंगी। यह सोचना बंद करें, मैं असफल हूं”। इस सोच पर ध्यान केंद्रित करें, “मैं फिर से प्रयास करने में सक्षम हूं।” अपनी नई सीख के साथ आगे की योजना बनाएं। एक ऐसी योजना बनाएं, जो प्राप्त की गई जानकारी को व्यवहार में लाने में आपकी मदद कर सकता है।
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