हम अपने काम को तयशुदा वक्त पर पूरा करना चाहते हैं। पर कभी-कभार नहीं चाहते हुए भी देर हो जाती है। इससे हमारा मन अशांत हो जाता है। हम तनाव से जूझने लगते हैं। फिर हम यह गाना नहीं चाहते हुए भी गुनगुनाने लगते हैं। ‘मैं देर करता नहीं देर हो जाती है… । आखिर नहीं चाहते हुए भी हमें देर क्यों हो जाती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारी आदतें और हमारे आसपास की स्थितियां देर करने के लिए जिम्मेदार (reasons and solutions for delay in work) होती हैं। कौन-कौन से 5 कारण जिम्मेदार(5 ways to stop procrastinating) हैं, इसके लिए हमने बात की सर गंगाराम होस्पिटल में कंसल्टेंट सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ. आरती आनंद से।
कोरोना काल में हम लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। सुबह उठने के साथ ही हमारी गजेट्स पर निर्भरता शुरू हो जाती है। समाचार पढने, म्यूजिक सुनने, योग, फिटनेस वीडियो देखने में हमारा बहुत सारा वक्त चला जाता है। ऑफिस में भी गजेट्स का साथ नहीं छूटता। इससे न सिर्फ तनाव होता है, बल्कि हमारा बहुत सारा वक्त इसमें चला जाता है। काम पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है।
ऐसी समस्या से बचने के लिए हमें यह तय करना होगा कि कितना समय हमें गजेट्स और इंटरनेट को देना होगा। तय किये गये समय से अधिक समय खर्च करने पर ही देरी होती है।
तकनीक सुविधाएं लाई है, तो उसका गलत उपयोग भी खूब हो रहा है। व्हाट्स एप चैट और वीडीओ काल इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये क्षण में अपने प्रिय लोगों के पास ले तो आता है। पर रोज-रोज की बातचीत और विडियो जरूरी काम को पेंडिंग वर्क बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। गैर जरूरी और वक्त को बर्बाद करने वाले फोन कॉल्स और विडियो को अवॉयड करें। इससे समय की बचत होगी। आप समय पर काम पूरा कर तनाव मुक्त भी रहेंगी।
अक्सर कुछ लोग काम को कल पर टालते रहते हैं। आप सोचती हैं कि आपके पास कल का पूरा वक्त है। इस समय में आप पेंडिंग वर्क को कर लेंगी। रोज टालते रहने के कारण आपके पास पेंडिंग काम का अम्बार लग जाता है। आप चाहते हुए भी अपने काम को डेडलाइन पर पूरा नहीं कर पाती हैं। नतीजा खीज और तनाव के रूप में सामने आता है।
यदि समय पर काम शुरू कर दिया जाए, तो समय पर काम पूरा भी हो जाता है। कल पर टालने की बजाय हर काम को आज ही करने की कोशिश करें।
काम करते समय इस बात को जरूर चेक करें कि आपका कितना काम पूरा हुआ है और कितना बाकी है। इससे पूरा नहीं हुए काम का पता चल सकेगा। आप काम को समय पर पूरा करने की कोशिश करेंगी।
कुछ लोग हर विषय पर बहुत ज्यादा सोचते हैं। ऐसा होगा, तो क्या करना होगा। ऐसा नहीं होगा तो क्या-क्या करना पड़ेगा। इधर-उधर की बातें सोचते रहने के कारण उन्हें किसी भी काम के लिए निर्णय लेने में देरी हो जाती है। फिर तय समय पर काम पूरा करने में देरी हो जाती है। डॉ. आरती कहती हैं, कभी-भी नेगेटिव नहीं सोचें। वर्तमान में जीने की कोशिश करें। नकारात्मक विचार आने पर यह सोचें कि जो होगा, सो देखा जायेगा। अभी इस कार्य को समय पर पूरा करने की कोशिश करूं।
अक्सर हम समझ ही नहीं पाते हैं कि किस योजना या प्लानिंग पर काम करना पहले शुरू किया जाये। हम सोचते हैं कि जो काम जटिल है, उसे पहले पूरा कर लिया जाए। इसकी वजह से जो जरूरी काम होता है, वह डिले हो जाता है।
घर हो या ऑफिस ऐसा हरगिज नहीं करें। आप प्राथमिकताओं को तय करने में खुद को असमर्थ पा सकती हैं। तुरंत सीनियर या कूलीग के साथ बात कर समस्या का समाधान कर लें। घर पर भी किसी अन्य सदस्य की राय लेकर अपनी प्राथमिकता तय कर लें।
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