एक महिला जीवन में बहुत से रोल अदा करती है। कभी बेटी बनकर, तो कभी बहु बनकर। कभी मां बनकर, तो कभी सास बनकर। हर किरदार भले ही एक-दूसरे से जुदा होता है। मगर मन की शक्ति और आगे बढ़ने का जज्बा महिलाओं को बुलंदियों (Empowered women) पर ले जाने में कारगर साबित होता है। बहुत सी महिलाएं जीवन में सुख सुविधाओं के बावजूद दुखी नज़र आती हैं। मगर कुछ ऐसी चुनिंदा महिलाएं भी हैं, जो हर हालात में खुद को ढालकर मज़बूती से आगे बढ़ने की हिम्मत जुटा (Passionate women) लेती हैं। आखिर कौन होती हैं वे महिलाएं और कैसे वे हर स्थिति में खुद को संभाले रखती हैं। आइए समझते हैं उन 5 गुणों के बारे में जो बताते हैं कि आपकी मानसिक रूप से कितनी मजबूत हैं (Mentally strong women)।
रिसर्चगेट के मुताबिक वुमेन एम्पॉवरमेंट के साथ हम सोसायटी में एक राजनीतिक वातावरण का निर्माण कर सकते है। इसमें अब महिलाएं उत्पीड़न, शोषण, डिसक्रिमिनेशन और मेल डोमिनेटिंग व्यवहार से बच जाती हैं। ऐसे माहौल में महिलाएं बिना डर के सांस ले सकती हैं। आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं दुनिया की आबादी का लगभग 50 फीसदी हिस्सा हैं। भारत ने अनुपातहीन लिंग अनुपात दिखाया है। इसमें फीमेल्स मेल्स की तुलना में कम नज़र आ रही हैं।
साल 2001 को वीमेन एम्पावरमेंट ईयर के तौर पर अनाउंस किया गया था। बाकी प्लांस महिलाओं के कल्याण से जुड़े हुए थे। भारत में वुमेन एम्पावरमेंट के लिए नेशनल पॉलिसी 2001 में लाई गई थी। वहीं इसे उचित तरीके से पेश करने के लिए साल 2003.04 के दौरान महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय योजना कार्यान्वित की गई थी।
अगर आप खुद से प्यार नहीं करते, तो किसी और से प्यार नहीं कर सकते हैं। ऐसी महिलाएं जो मेंटली मजबूत हैं, वे हमेशा दूसरों का ख्याल बखूबी रखती हैं, पर इससे पहले वे खुद का ख्याल रखना भी जानती हैं। वे लोगों से आसानी से घुलमिल जाती हैं। उनका सकारात्मक व्यवहार लोगों को खूब पसंद आता है। अन्य लोगों के खान पान से लेकर सोने और उठने तक हर काम को आसानी से मैनेज कर लेती है।
अगर आपका व्यवहार ऑप्टिमिसटिक है, तो आप अन्य लोगों पर ध्यान केद्रित करने की जगह अपने काम पर फोकस करेंगी। अपना खाली वक्त सकारात्मक कार्यों में लगाएंगी। इससे हर ओर पॉजिटिविटी का संचार होता है। इसमें कोई दोराय नही कि अगर आप खुश रहते है, तो आपके आसपास का माहौल भी खुशियों से भरा हुआ नज़र आएगा।
जीवन को रोकर गुज़ारना आसान है। मगर मुश्किल हालातों में भी खुद को संभालना और मज़बूती से खड़े रहना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसी महिलाएं जो कम चीजों में भी गुज़र बसर करना जानती है और संसाधनों को एकजुट करना जिन्हें बखूबी आता है, वे उनके मज़बूत होने का परिचय देता है। मुस्कान भरे चेहरे के साथ अगर आप दिनभर अपने काम को मना लगाकर कर रही है और दूसरों पर फाइनेशियली डिपेंड नहीं करती हैं, तो ये एक मज़बूत महिला के होने का संकेत हैं।
खुद पर विश्वास होना बेहद ज़रूरी है। अगर आपके अंदर आत्मविश्वास है, तो आप किसी भी चैलेंज को आसानी से एक्सेप्ट करके उसे पूरा करने की ओर बढ़ेगे। अगर आपके अंदर कांफिडेंस की कमी है, तो आप कोई भी काम करने से कतराते रहेंगे। दरअसल, आत्मविश्वास हमारी मेंटल स्ट्रेंथ को बढ़ाने का काम करता है। काफिडेंस वो चाबी है, जो हर ताले को खोलने का दम रखती है। हांलाकि इस मेल डोमिनेंटिंग सोसायटी में महिलाओं को कम आंका जाता है। मगर फिर भी वे आगे बढ़ रही हैं।
अगर कोई आपके किसी काम को रिजैक्ट कर देता है या कोई व्यक्ति आपको अपने जीवन में वो जगह नहीं दे पाता जिसकी आप हकदार है, तो इससे घबराना कायरता है। वो महिलाएं जो मजबूती से एक ढ़ाल की तरह खड़ी रहती है और आगे बढ़ना उनका मकसद है, वही जीवन में सफलता हासिल कर मानसिक तैयार पर मजबूत बनती है। एक्सैप्ट और रिजैक्ट जीवन के दो पहलू है। इस बात को समझना ज़रूरी है कि अगर आप रिजैक्ट नहीं होंगे, तो कभी भी खुद को पॉलिश नहीं कर पाएंगे और वहां से आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
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