National Doctors Day 2022 : डॉक्टर और मरीज के बेहतर संबंध आसान बना सकते हैं उपचार 

एक मरीज का डॉक्टर के साथ बेहतर संबंध होने से न केवल बीमारी को ठीक तरह से समझने में मदद मिलती है, बल्कि उपचार भी आसान हो जाता है। यहां हैं डॉक्टर और पेशेंट के बीच स्ट्रॉन्ग रिलेशनशिप के कुछ टिप्स।
Patient ko dein antibiotic ki jaankaari
सारकोमा के लिए प्राथमिक उपचार के तौर-तरीकों में सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं. चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 20 Oct 2023, 09:11 am IST
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कोविड -19 पेंडेमिक के बाद से डॉक्टर और पेशेंट के रिलेशन में जबरदस्त बदलाव आया है। इसने डॉक्टरों के बीमारी की पहचान-जांच, उपचार, फॉलो अप और रोगियों के साथ बातचीत करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। डॉक्टर-मरीज के रिश्ते में तेजी से सुधार हुआ है, क्योंकि मरीज अपने घर पर बैठे-बैठे टेलीकम्यूनिकेशन के माध्यम से अपने डॉक्टर से जुड़ सकता है। डॉक्टर्स डे पर आइए जानें कि कैसे मेडिकल प्रोफेशनल्स मरीजों के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बना सकते हैं? 

यह सच है कि कोविड महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन एक वरदान बन गई है। यह डॉक्टर को फोन या वीडियो पर मरीज से बात करने, उनका अवलोकन करने, उसके चेहरे के भाव, संकेतों और बॉडी लैंग्वेज को नोटिस करने और फिर उसका उपचार करने का अवसर प्रदान करती है। 

यह रोगियों में कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने का एक शानदार तरीका है। उन्हें केवल आवश्यकता पड़ने पर ही अस्पताल जाना पड़ता है। चूंकि सोशल डिस्टेंसिंग सबसे जरूरी है, इसलिए टेलीकंसल्टेशन ने मरीजों को जांच प्रक्रिया में शामिल होने में मदद की है। मरीज पहले की अपेक्षा अधिक सतर्क रहने लगे हैं। वे चेतावनी के संकेतों को पहचानने में सक्षम हुए हैं तथा वे समय पर डॉक्टर को रिपोर्ट भी कर लेते हैं।

महामारी में वरदान साबित हुआ यह नया तरीका 

लॉकडाउन के दौरान यात्रा करना मुश्किल था और कई मरीज डॉक्टर से बहुत अधिक दूरी पर रह रहे थे। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के लिए टेलीकम्युनिकेशन रोगियों से जुड़ने का सबसे अच्छा माध्यम बन गया, ताकि वे मरीज को आवश्यक जरूरी  राहत दिला सकें। मरीजों के साथ अच्छे संबंध होने से उनकी जरूरतों को समझने और उनके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

हां जानिए कि कैसे डॉक्टर-रोगी संबंध को बेहतर बनाया जा सकता है

  1. रोगी के प्रति सहानुभूति दिखाएं

डॉक्टर को अपने मरीज के प्रति थोड़ी सहानुभूति दिखानी चाहिए, खासकर तब जब आपको उन्हें कोई बुरी खबर देनी हो। यदि आपके पास रोगी को समझाने के लिए कोई व्यक्तिगत उदाहरण है, तो उन्हें उनके साथ जरूर साझा करें। इस तरह रोगी अपने-आपको आपसे जुड़ा हुआ महसूस करेगा।

  1. कभी-भी जल्दबाजी न करें

एक डॉक्टर होने के नाते, आपका शेड्यूल अनिश्चित हो सकता है और आपके पास समय की भी कमी होगी। लेकिन आपको रोगी को उसके रोग के लक्षणों के बारे में बताने के लिए उन्हें कुछ समय देना होगा। अन्यथा, वे समस्या को पूरी तरह से नहीं समझ पाएंगे। फिर डॉक्टर भी उनका उपचार सही तरीके से नहीं कर पाएंगे।

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ज्यादातर औरतें करवा चौथ व्रत रखती हैं, क्योंकि…

  1. बनें रोगी के अच्छे मित्र

सुनिश्चित करें कि रोगी सिर्फ आपके निर्णय को ही मानने के लिए तैयार न हो, बल्कि अपनी बात भी आपके सामने रख सके। रोगी की सभी शंकाओं को दूर करने का प्रयास करें। उन्हें उपचार के पक्ष और विपक्ष दोनों को समझने और अप्लाई करने में उनकी सहायता करें।

<img class="size-medium wp-image-26083" src="https://www.healthshots.com/hindi/wp-content/uploads/2021/07/National-Doctors-Day-2021–300×170.jpg" alt="महामारी में लोग अवसाद में जा रहे थे, और हमें उन्हें संभालना था।” width=”300″ height=”170″ /> रोगी के अच्छे मित्र बनकर ही सही तरीके से इलाज किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक
  1. मरीजों की भावनाओं का रखें ख्याल

एक डॉक्टर को हमेशा सतर्क और सावधान रहना पड़ता है। उसे मरीजों के चेहरे के भावों पर ध्यान देना पड़ता है। जरूरत पड़ने पर मरीज को दिलासा भी देनी पड़ सकती है, उनकी बातों और भावनाओं का ख्याल रखना पड़ सकता है। एक अच्छे डॉक्टर की हमेशा यह कोशिश होनी चाहिए कि वह अपने मरीज का अच्छा दोस्त भी हो।

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