आप कितने भी दुखी हों, संगीत आपको खुश कर देता है। आपके मन को बेहतर बनाता है। आप अच्छा सोच पाती हैं, नकारात्मक भावनाएं आपसे दूर रहती हैं। संगीत आपको उदास महसूस नहीं करने देता है। यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। कई शोध बताते हैं कि संगीत हमारे मूड और वेल बीइंग (music for overall health) में भी मदद करता है।
जर्नल ऑफ पॉजिटिव साइकोलॉजी ने वर्ष 2013 में संगीत पर एक अध्ययन प्रकाशित किया। इसके आधार पर यह पता चला कि जिन लोगों ने संगीत सुना, उन्होंने खुश और उत्साहित महसूस किया। कुछ ही हफ्तों में उनके मूड और समग्र खुशी में सुधार पाया गया।
पूरे अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों को अपने मूड को बेहतर बनाने की कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हें सफलता तभी मिली जब उन्होंने खुशनुमा संगीत सुना। उन्हें उदास महसूस कराने वाले संगीत की बजाय खुशी महसूस कराने वाले संगीत सुनाये गए।
संगीत थेरेपी के समान है। अमेरिकन म्यूजिक थेरेपी एसोसिएशन के अनुसार, संगीत ओवर ऑल वेलनेस की समग्र भावनाओं को बढ़ाता है। संगीत सुनने पर डोपामाइन हॉर्मोन निकलता है। इससे दर्द की अनुभूति कम हो सकती है। म्यूजिक थेरेपी कार्यक्रम मानसिक तनाव को प्रबंधित करने, याददाश्त बढ़ाने और यहां तक कि दर्द को खत्म करने के लिए किया जा सकता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने सर्जरी के दौरान या उसके बाद पहले संगीत सुना, उन्हें संगीत न सुनने वालों की तुलना में कम दर्द और चिंता का अनुभव हुआ। व्यक्ति सर्जरी के दौरान संगीत सुनते थे उन्हें उन लोगों की तुलना में कम दर्द निवारक दवा की आवश्यकता होती थी, जो संगीत का आनंद नहीं लेते थे।
इसमें 7,000 से अधिक मरीज़ शामिल थे। संगीत डिमेंशिया, स्ट्रोक, पार्किंसंस डिजीज और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित क्रोनिक स्थितियों में भी मदद कर सकता है।
नेचर न्यूरोसाइंस के अध्ययन के अनुसार, खुशनुमा संगीत सुनने के बाद डोपामाइन केमिकल सीक्रेट होता है। चरम आनंद के क्षणों में यह केमिकल जारी होता है। मन को उत्साहित और रिलैक्स महसूस कराने वाले संगीत जैसे कि सोल गॉस्पेल, स्मूथ जैज़ या यहां तक कि वीडियो गेम साउंडट्रैक जैसे संगीत मस्तिष्क में डोपामाइन रिलीज करते हैं।
यह केमिकल खुशी और रिलैक्सेशन से जुड़ा न्यूरोट्रांसमीटर है। खुशनुमा संगीत सुनने से हमारा उत्साह बढ़ सकता है और हममें सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
साइकोलॉजी ऑफ़ म्यूजिक जर्नल के अनुसार, मस्तिष्क की चोट के रोगियों के लिए संगीत के कई फायदे हैं। यह सेल्फ-एक्सप्रेशन, मूड लेवल में अंतर, कॉग्निटिव कार्यप्रणाली, सोशल स्किल और शारीरिक क्षमता में सुधार कर सकता है। गाना बोलने, उच्चारण करने, अभिव्यक्ति और शब्दावली याद रखने में मदद कर सकता है।
संगीत डैमेज हो चुकी मेमोरी (music for memory loss) वाले लोगों को उनके अतीत की कुछ घटनाओं को याद करने में मदद कर सकता है। यह अल्जाइमर डिजीज और डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के लिए सबसे उपयोगी है। यदि संगीत से संबंधित कोई वाद्ययंत्र नियमित रूप से बजाया जाए, तो याददाश्त भी बेहतर हो सकती है।
नेचर न्यूरोसाइंस के अध्ययन के अनुसार, जब संगीत बजाया जाता है, तो ब्लड फ्लो सुचारू रूप से होता है। यह हृदय गति को मैनेज कर सकता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल कर सकता है। यह कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को कम कर सकता है और ब्लड में सेरोटोनिन और एंडोर्फिन लेवल को बढ़ा (music for overall health) सकता है। यह मूड को अच्छा बनाता है। इस तरह से यह पूरे शरीर के वेलनेस के लिए जरूरी है।
यह भी पढ़ें :- Autism disorder in India : कीटनाशकों और प्रदूषण के कारण भारत में बढ़ रही ऑटिस्टिक बच्चों की संख्या