मेंटल हेल्थ डाइट के ये 3 कदम आपको बनाएंगे और ज्यादा पाॅजिटिव

जैसे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए हम डाइट फॉलो करते हैं, उसी तरह मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए कीजिये इस मेन्टल डाइट को फॉलो।
हमेशा सकारात्मक रहने के लिए इस 3 स्टेप के मानसिक स्वास्थ्य आहार को अपनाएं। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:46 am IST
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इस पल पल बदलती दुनिया में तनावग्रस्त होना बहुत सामान्य बात है। हमारी जीवनशैली ऐसी है जहां हम हर वक्त भागते रहते हैं। इस बीच हम अपने स्वास्थ्य के लिये समय तो निकालते हैं लेकिन सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए। मानसिक स्वास्थ्य की हम परवाह नहीं करते।

हालांकि समय बदल रहा है और मानसिक स्वास्थ्य और शांति पर चर्चा हो रही है। इस मेंटल डाइट प्लान से तनाव, एंग्जायटी और अवसाद से लड़ा जा सकता है। इस डाइट में सिर्फ तीन स्टेप हैं जिससे आप अपने मन को शांत रख सकेंगें।

जीवन में सकारात्मक कैसे बनें। चित्र: शटरस्‍टॉक

मेंटल हेल्थ के लिए इस मेंटल डाइट का पालन करें-

1. विचारों का नियंत्रण

हमारे मस्तिष्क की एक प्रॉपर्टी है न्यूरोप्लास्टिसिटी, जिसमें हमारा दिमाग किसी भी अनुभव को न्यूरॉन्स के एक्शन के अनुसार याद रखता है और मिलते जुलते अनुभवों के प्रति वैसे ही रेस्पॉन्स करता है। जितना ज्यादा नकारात्मक आप सोचते हैं दिमाग उतना ज्यादा नकारात्मक विचारों की ओर भागता है।
अगर हम किसी स्थिति के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं तो अगली बार हमारा दिमाग अपने आप नकारात्मक विचारों की ओर भागेगा।

इसका समाधान है कि आप ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। जब भी कोई नकारात्मक विचार आपके मन में आये तो गहरी सांस लें और उस विचार को दिमाग से निकालने की कोशिश करें। इस तरह आप नकारात्मक विचारों के पैटर्न को खत्म कर सकेंगे।

इस मेंटल हेल्थ डाइट का पालन करने से आप सकारात्मक रहेंगी और अवसाद कोसों दूर रहेगा। चित्र- शटर स्टॉक।

इसके अलावा अपनी पसंद की एक्टिविटी करें ताकि आप ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक सोच सकें और सकारात्मक विचारों का पैटर्न बने। दोस्तो के साथ समय बिताएं, कोई गेम खेलें, कुकिंग करें इत्यादि जो भी आपको खुश रखने में कारगर हो।

2. सकारात्मक पुष्टिकरण

यूएस नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिसर्च के अनुसार अगर आप बार बार खुद को सकारात्मक प्रोत्साहन देते हैं तो आपका दिमाग स्वतः ही सकारात्मक पुष्टि करता है। इसे सकारात्मक पुष्टिकरण कहते हैं।

आपके अचेतन मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होने लगते हैं।

इस उदाहरण को समझें, अगर आप यह सोचेंगे कि आप कोई रेस जीतेंगे, तो आप जीतने के लिए ज्यादा प्रयास करेंगे। अगर आप यह सोच लेंगे कि आपका जीतना मुश्किल है तो आप अचेतन मन में पहले ही हार मान चुके होंगे और आप पूरा प्रयास नहीं करेंगे।
इसलिए खुद की सकारात्मक पुष्टि देना आवश्यक है।

3. मेडिटेशन

बढ़ रही एंग्जायटी को मेडिटेशन से कम करने की कोशिश करें। चित्र : शटरस्टॉक

मेडिटेशन में आप ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं और हर सांस के साथ आपको हल्का और शांत महसूस होता है।
मेडिटेशन लोगों की कई प्रकार से सहायता करता है जैसे अवसाद या एंग्जायटी से लड़ने में, अच्छी नींद के लिए, गम्भीर चोट या दर्द में और साथ ही यह आपके व्यक्तित्व को भी इम्प्रूव करता है।

मेडिटेशन के कई तरीके हैं लेकिन शुरुआत में आप सिर्फ एक आरामदायक स्थिति में बैठ कर, आंख बंद करके अपनी सांस पर ध्यान लगा सकते हैं। अपने विचारों को नियंत्रित करने की कोशिश ना करें, बल्कि विचारों को बहने दें।

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इन तीन स्टेप को अपने जीवन में शामिल करें, हर दिन इनका पालन करने से आप मानसिक रूप से स्वस्थ और तनावमुक्त रहेंगे।

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