खुश रहेंगी, तो हमेशा रहेंगी स्वस्थ, हम आपको बताते हैं क्यों ?

यहां हम आपको खुश और सकारात्मक रहने के ऐसे चार गुण सिखाने वाले हैं जो आपको शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखेंगे।
Khush rehkar aap din behtar banati hai
खुश रहकर आप अपना दिन बेहतर बनाती हैं। चित्र: शटरस्‍टाॅक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 11 Oct 2023, 16:45 pm IST
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खुद को खुश रख कर आप असल में अपने पूरे स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर रख सकती हैं। खैर! यह तो आप जानती ही होंगी की एंडोर्फि‍न्स नाम का हॉर्मोन (Endorphin hormone) तभी बनता जब आप खुश होती हैं। बस यही हॉर्मोन हमें याद दिलाता हैं कि हमारी खुशियों और हमारे स्वास्‍थ्‍य के बीच बड़ा मजबूत संबंध है। असल में जब खुश होते हैं तभी हमारे शरीर में एंडोर्फि‍न्स नामक हॉर्मोन का स्राव होता है।

हमारे साथ हैं मनोचिकित्सक, भावना बर्मन, जो आपको विस्तार से बताने वाली हैं कि कैसे हमारी खुशियां हमारे शरीर को जरूरी पोषण देती हैं।

हमारे स्वास्थ्य पर खुशी के प्रभाव के बारे में वे कहती हैं, “यह हमें आशावान बनाता है और हममें मानसिक लचीलापन बढ़ता है। इससे उस कौशल का विकास होता है, जो हमें समस्याओं के समाधान में मदद करता है।

यहां चार तरीके बताए गए हैं जो हमारे विचार, सकारात्मक कल्याण और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:

1. खुश रहने की आदत स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देती है

हम सभी ने सुना है कि कैसे एक स्वस्थ आहार, सही व्यायाम और गहरी नींद हमें बेहतर स्वा स्य्थ देती है, पर सम्पूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य नहीं। क्यूंकि इस प्रक्रिया का एक दूसरा रूप भी है !

खुश रहने वाले लोग हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल को फाॅॅलो करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या आपने ध्यान दिया है कि जब आप खुश होते हैं तो पौष्टिक भोजन आपको आकर्षित करता हैं? दिलचस्प बात यह है कि यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि पॉजीटिव थिंकिंग वास्तव में आपको बेहतर फलों और सब्जी का सेवन करने के लिए प्रेरित करती है। शोध में यह भी कहा गया है कि, फल और सब्जी से भरपूर आहार मधुमेह, स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

हम सभी ने अनुभव किया होगा कि एक खुशियों भरे दिन के बाद हमें गहरी नींद आती है। ऐसा कैसे होता है? यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में कहा गया कि खुश रहने से हमारी नींद की आदतों में सुधार होता है। यह हमारी एकाग्रता, उत्पादकता, व्यायाम के स्तर को बढ़ाता है और सही वजन बनाए रखने में मदद करता है।

2. हैप्पीनेस इम्यूनिटी को बढ़ाती है

कभी आपने देखा है, कि आप जितने भी खुशहाल लोगों को जानते हैं, वे शायद ही कभी बीमार हुए हों? जी हाँ ! खुश रहना वास्तव में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि दुखी लोगों को खुश लोगों की तुलना में आम सर्दी ज़ुकाम जल्दी होने की संभावना रहती है।

खुश रहेंगी तो इम्‍यूनिटी मजबूत होगी और आप कम बीमार पड़ेंगी। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या हमारा भावनात्मक स्वास्थ्य बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद कर सकता है? एक अध्ययन में पाया गया कि सकारात्मक दृष्टिकोण वास्तव में हेपेटाइटिस बी के खिलाफ एक उच्च एंटीबॉडी प्रतिक्रिया बनाने में मदद करता है।

पर कैसे? यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन में कहा गया कि खुशी ने हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एडर्नल (एचपीए) की गतिविधि को प्रभावित किया। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली, हार्मोन, पाचन और तनाव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

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खुशी कैसे बीमारी को रोकने में मदद करती है?

डॉ. बर्मी कहती हैं, “जो व्यक्ति तनावपूर्ण परिस्थितियों में शांत महसूस करते हैं, उनमें बीमारी का खतरा कम होता है।” जब भी कोई बीमारी आपके दरवाजे पर दस्तक देने का प्रयास करती है, तब ऐसी चीज़े करें या सोचें जो आपको खुशी देती हैं’!

3. खुश रहने वालों को कम होता है दर्द

शायद, दुखी होने पर हमें दर्द का एहसास ज्यादा होता है! लेकिन खुश रहने से वास्तव में बीमारी को ठीक करने में मदद मिल सकती है। गठिया पर किए गए एक अध्ययन में, यह पाया गया कि हाई पॉजीटिविटी के साथ यदि आने वाली मुश्किल का सामना किया जाए तो वह कम तकलीफदेय होता है। डॉ. बर्मी ने कहा, “यह कई लम्बी बीमारी कि स्थितियों के साथ छोटे-छोटे दर्द में भी सुधार करता है।”

इसी अध्ययन ने आगे कहा कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों को दर्दनाक गठिया वाले प्रत्येक दिन से 711 अधिक कदम चलने के लिए प्रोत्साहित किया। कम खुश रहने वाले लोगों में ऐसा करने की संभावना 8.5% कम थी।

यह होता कैसे है?

शोध में कहा गया है कि कष्टदायी दर्द के साथ भी, सकारात्मक भावनाएं प्रभावी रणनीति बनाने में मदद करती हैं। क्योंकि यह नए विचारों को प्रोत्साहित करके उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है।

4. पॉजीटिव एटीट्यूड बेहतर रखता है हार्ट हेल्थ

क्या ‘खुश रहो’ जैसा आशीर्वाद वाकई हमारे स्वाटस्य्मे पर असर डालता है? यह वास्तव में हमारे दिल को खुश कर सकता है। हृदय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खुशी के प्रभाव पर, डॉ. बर्मी कहती हैं “दिल की दर, माप और परिवर्तनशीलता के बीच एक संबंध है। जो दिल की धड़कन के बीच के समय को संयोजित करता है और यही बीमारियों के लिए जोखिम से जुड़ा हुआ भी है।”

आप खुुुुश रहिए, आपका दिल आपको थैंक यू कहेगा। चित्र: शटरस्‍टॉक

शोध बताते हैं कि खुश रहने से हृदय रोगों का खतरा 13% से 26% तक कम हो सकता है।

ऐसा कैसे होता है?

खुश लोग दिल से स्वस्थ होते हैं। उनके व्यवहार में जैसे शारीरिक गतिविधि, धूम्रपान से परहेज, और स्वस्थ खाने की आदतें शामिल होती हैं। बस आसान शब्दों में मान लीजिए, मन की सकारात्मक स्थिति आपको सही रास्ते पर रखती है!

हमें उन गतिविधियों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो हमें खुश रखने के साथ-साथ संतुष्ट महसूस करवाती हैं। यह हमारे पूर्ण कल्याण में मदद करेगा और साथ ही हमें सकारात्मक रखेगा।

इसलिए, उन नकारात्मक विचारों को दूर करें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ सकारात्मकता अपने जीवन में लाएं। विश्वास करें यह आपके जीवन को बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा बदलने कि शक्ति रखता है।

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