सकारात्मक कल्पना की शक्ति, बदल सकती है आपके भविष्य की दिशा, जानें इसके बारे में सब कुछ

जी हां, यह आपकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करती है और आपके भविष्य को भी। जब आप अपने बारे में अच्छा और सच्चा सोचते हैं, तो आप ज्यादा आत्मविश्वास पूर्ण तरीके से काम करते हैं।
पर्सुएशन रिश्‍तों में भी सुधार करती है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:50 am IST
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सकारात्मक दर्शन का अर्थ है संभावित परिस्थितियों को लेकर एक सकारात्मक कल्पना करना। यह कुछ कुछ खुली आंखों से सपने देखने जैसा ही है। बस ये सपने ज्यादा रियलिस्टिक होते हैं। इसमें हम उन्हीं परिस्थितियों की कल्पना करते हैं, जिन्हें हम भविष्य में हासिल करना चाहते हैं।
अब आप सोचेंगें सिर्फ़ कुछ पॉज़िटिव सोचने से हमारे भविष्य और सफलता का क्या लेना देना? इसका जवाब है मनोविज्ञान के पास।

सकारात्मक दर्शन या पॉजिटिव विजुअलाइज़ेशन (Positive visualization) हमारे दृष्टिकोण को बनाने या बिगाड़ने में ज़िम्मेदार है। साइकोलॉजिकल बुलेटिन में 2.5 लाख से अधिक लोगों के साथ किए गए शोध में पाया गया कि सकारात्मक दृष्टिकोण हमारी मानसिकता को बदल सकता है। इस रिसर्च के हेड डॉ लैबोमिर्स्की ने कहा, “जब लोग खुश होते हैं, वे ज्यादा कॉन्फिडेंट और एनर्जेटिक महसूस करते हैं। जब हम खुद को पसन्द करते हैं, लोगों को भी हम पसंद आते हैं।”

सकारात्मक दर्शन के इन फायदों को जानें

1. आशावादी बनाता है सकारात्मक दृष्टिकोण

जब आप दुखी होते हैं या लो महसूस करते हैं तो सकारात्मक कल्पना आपके मूड को ठीक कर सकती है। जब आप अपने भविष्य को लेकर सकारात्मक सोचते हैं, तो आप हताश नहीं होते, और आप दुगनी मेहनत करते हैं। सकारात्मक दर्शन आपको जीवन के प्रति आशावादी बनाता है।

पॉजीटिव विजुअलाइजेशन में आप खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. प्रेरणा का स्रोत है सकारात्मक दर्शन

सकारात्मक कल्पना आपको अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब आप सोच पाते हैं कि आपको जीवन से क्या चाहिए तो आप उसे पाने के लिए काम भी करते हैं। आपको निरन्तर काम करने की प्रेरणा देता है सकारात्मक दर्शन।

3.इससे आत्मविश्वास बढ़ता है

जब हम अपनी इच्छानुसार घटनाएं या परिस्थितियों में खुद की कल्पना करते हैं, तो यह हमारा आत्मविश्वास बढ़ाता है। हमें यकीन होता है कि हम कर सकते हैं। और खुद पर विश्वास हो तो आप अपने लिए बेहतर निर्णय लेते हैं। और आपके निर्णय ही आपकी सफलता की सीढ़ी होते हैं।

4. आप लक्ष्य पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं

“क्या मैं दस साल बाद भी इस ऑफिस में काम करना चाहती हूं, अगर नहीं तो मैं क्या चाहती हूं?” इस सवाल का जवाब है सकारात्मक दर्शन में। जब आप खुद को अपने पसन्द के भविष्य में इमेजिन करते हैं, तो आप अपने लक्ष्य को लेकर श्योर होते हैं। इससे आप अपने टारगेट पर फोकस कर पाते हैं।

कैसे विकसित करें सकारात्मक कल्‍पना शक्ति?

सकारात्मक दर्शन या सकारात्‍मक कल्‍पनाशक्ति आपको आशावादी बनाते हैंं। मगर यह मेहनत की जगह नहीं ले सकता। यह आपकी मेहनत को महज़ एक दिशा देता है। अगर आप खुद को लेकर कंफ्यूज़ हैं, तो सकारात्मक दर्शन की मदद से आप जान सकते हैं कि आप जीवन में क्याज़ चाहते हैं, मगर उसे पाने के लिए काम आपको ही करना है।

अपने अगले दिन की कल्पना करें। आप कल क्या करना चाहते हैं। ध्यान रहे, यह कल्पना यथार्थ के करीब हो। अब इसी तरह अगले महीने के लिए कल्पना करें, और उस दिशा में काम करें। अगर आपको सकारात्मक सोचने में कठिनाई हो रही है, खुद पर भरोसा नहीं है या आप बहुत

नकारात्मक महसूस कर रहे हैं, तो इन स्टेप्स का लें सहारा

मेडिटेशन की शक्ति आपको इसके अभ्‍यास के बाद ही महसूस होगी। चित्र: शटरस्‍टॉक

1. गाइडेड मेडिटेशन का सहारा लें। आप खुद से भी मेडिटेशन कर सकते हैं। इससे आपका दिमाग शांत होता है और आप आसानी से फोकस कर पाती हैं।
2. ऑडियो प्रोग्राम सुनें। टेप या यूट्यूब पर कल्पना करने के लिए ऑडियो गाइड मौजूद हैं। इससे आपकी सकारात्मक सोचने की आदत बनेगी और आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
3. पॉज़िटिव कोटेशन या तस्वीरों का इस्तेमाल करें। इससे आपको कुछ अच्छा सोचने की ऊर्जा मिलेगी। इन पोस्टर्स को ऐसी जगह लगाएं जहां आप इन्हें बार-बार देखें।

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अपनी कल्पना को हकीकत में बदलने के लिए सकारात्मक रहना ज़रूरी है। पॉज़िटिव सोचें ताकि आपके कर्म भी पॉज़िटिव हों।

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