आपको आजकल टीवी चैनल पर आ रहे सीरियल रामायण के वे सुंदर और शांत राम जी याद हैं न। हां रामचंद्र जी का यह किरदार गुरमीत चौधरी ने अदा किया है। और गुरमीत आजकल अपने आप को तमाम चिंताओं और तनाव से दूर रखने के लिए ‘ओउम’ (ॐ) मंत्र का जाप कर रहे हैं। असल में ‘ओउम’ (Chanting om) का उच्चारण आपको मानसिक तनाव (Mental stress) से दूर रखता है।
गुरमीत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ‘ओउम’ मंत्र का जाप करते हुए वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, “ध्यान को अच्छी तरह महसूस करना और एक खुशहाल जीवन जीना आवश्यक है… ।”
गुरमीत आजकल मेडिटेशन के स्वास्थ्य लाभ को खुद महसूस करते हैं। और मेडिटेशन में सबसे ज्यादा जरूरी है ‘ओउम’ मंत्र का जाप करना।
वे इसके बारे में लिखते हैं, “ध्यान हमें नकारात्मक विचारों, चिंताओं और चिंता के सभी कारकों को खत्म करने में मदद कर सकता है। जो असल में हमें अपनी खुशी को महसूस करने से रोकते हैं। यह साबित हो गया है कि नियमित रूप से किए जाने वाले ध्यान का अभ्यास तनाव और चिंता के लक्षणों को कम करेगा।”
लॉकडाउन के दौरान नियमित रूप से ध्यान का अभ्यास करने के बारे में बात करते हुए, गुरमीत ने कहा, “मैंने लॉकडाउन के बीच अपनी दिनचर्या में ध्यान को शामिल किया है और यह काफी प्रभावी साबित हो रहा है, क्योंकि यह मुझे बहुत अधिक शांत तरीके से स्थिति को संभालने में मदद करता है। ध्यान मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद कर रहा है।”
यह हजारों वर्ष पुरानी भारतीय विरासत में से एक है। जो तीन अक्षरों से मिलकर बना है। ओ, उ और म। ये तीनों अक्षर मिलकर एक पूरा शब्द ‘ओउम’ बनाते हैं। जिसका उच्चामरण न सिर्फ धार्मिक और आध्या त्मिक आयोजनों में किया जाता है, बल्कि ध्विनि तरंगों पर हुए विभिन्नै शोध भी यह मान रहे हैं कि यह आपको मानसिक रूप से तनावमुक्त। होने में मदद करता है।
इसके उच्चारण के संदर्भ में सद्र गुरू (Sadhguru) कहते हैं कि जब आप पूरी तरह मौन हो जाते हैं, तब आप खुद को हल्का महसूस करते हैं और इस तरह बाहरी तनाव को खुद से दूर रखना आसान हो जाता है। वे बताते हैं, “अ” का अर्थ है उत्पन्न होना, “उ” का तात्पर्य उठना एवं “म” का मतलब है मौन हो जाना।
जब आप ओम का जाप करते हैं, तो आप अपनी सारी चिंताओं और तनावों को एक तरफ रखकर पूरी दुनिया से अलग हो जाते हैं। नियमित जप के साथ, आपका मन इस छोटे से संस्कृत शब्द पर केंद्रित हो जाता है। इसके नियमित अभ्यास से आपकी एकाग्रता यानी फोकस में सुधार होता है।
इस संदर्भ में हुए कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि ओउम का जाप तनाव के स्तर को कम करता है। इस समय की सबसे बड़ी समस्यााओं में एंग्जायटी (Anxiety) और स्ट्रेस (Stress) ही शामिल हैं। ओउम इन दोनों पर बेहतर तरीके से काम करता है।
इसका नियमित अभ्यास करने से आप खुद को ज्यादा कूल महसूस करते हैं। मेडिटेशन से आप खुद के बारे में ज्यादा जागरुक होते हैं। यह आपको अपने साथ समय बिताने का मौका देता है।
तनाव जीवन का एक नियमित हिस्सा है। लेकिन बहुत अधिक चिंता और तनाव शरीर में विषाक्त पदार्थों का उत्पादन करते हैं ,जो हानिकारक शारीरिक और मानसिक रोगों का कारण बनते हैं। और ओउम जप (Chanting Om) तनाव को कम करके और जब भी आप जप शुरू करते हैं, तो आप खुद को शांत और तरोताजा महसूस करते हैं। यह मूड स्विंग से भी निजात दिलाता है।
शोध बताते हैं कि ओउम का उच्चाैरण आपकी रीढ़ की हड्डी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। जप के दौरान निर्मित कंपन रीढ़ की हड्डी की शक्ति में सुधार करते हैं। लेकिन इसके लिए, आपको उचित मार्गदर्शन में नियमित रूप से इसका अभ्यास करना चाहिए।
यह आपके शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को बेहतर बनाने में योगदान देता है। ब्लड सर्कुलेशन और शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार कर यह आपको सेहतमंद बनाता है। जब आप इसके उच्चारण के दौरान गहरी सांस लेती हैं, तो यह आपकी बॉडी को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सीफाई करता है।
मेडिटेशन के दौरान ओउम का जप शरीर के विभिन्न भागों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है। इस प्रकार, यह रक्तचाप और उच्च रक्तचाप के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब आप जप के दौरान बाहरी दुनिया से डिस्कनेक्ट होते हैं, तो आपकी सांस, श्वसन और दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है।
इस प्रकार नियमित अभ्यास आपके दिल के काम को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, यह आपके पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
क्या तनाव के कारण आप भी इन दिनों ठीक से सो नहीं पा रहीं हैं, तो आपको आज ही से ओउम का उच्चारण और ध्यान शुरू कर देना चाहिए। यह आपकी नींद में सुधार करता है जिससे स्लीप पैटर्न में भी सुधार होता है।
भावनात्मक अस्थिरता तनाव के कारणों में से एक है। जब आप चिंतित, क्रोधित, निराश या चिड़चिड़े होते हैं, तो इसका सीधा असर आपके करियर पर पड़ता है। जबकि नियमित रूप से ओउम का जाप करने से आप अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर पाते हैं।
अशांत मन में पहले नकारात्मक सोचने की प्रवृत्ति होती है। लेकिन नियमित रूप से ध्यान और ओम का जाप यह सुनिश्चित करता है कि आप गंभीर परिस्थितियों में भी सकारात्मक बने हें।
आपकी तर्क क्षमता में सुधार होता है और आप कठिन परिस्थितियों में सही और बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। आप भी सही और नकारात्मक लोगों के बीच अंतर करना शुरू करते हैं। इससे यह आपको दोस्तों का एक सकारात्मक समूह बनाने में मदद करता है।
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