हर वर्ष 1 जनवरी को ग्लोबल फैमिली डे के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को मनाने का मकसद लोगों तक एकता के सकारात्मक प्रभावों को पहुंचना है। ताकि दुनिया भर में अलग-अलग कल्चर और रिलिजन के लोग एक दूसरे का समर्थन करें और देश दुनिया में शांति बनी रहे। इसका मुख्य मकसद वार को खत्म करके हार्मनी और यूनिटी को बढ़ावा देना है। यह न केवल देश दुनिया में बल्कि समाज के हर घरों में सेलिब्रेट होना चाहिए। आज के समय में न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड बढ़ गया है, पर असल में यह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है।
हमारा देश भारत एक डाइवर्स कंट्री है, जहां अलग-अलग राज्य का खान-पान, पहनावा, बोली और रहन-सहन यहां तक की त्यौहार भी अलग-अलग हैं। परंतु फिर भी हम सब खुद को भारतीय कहते हैं। ठीक उसी प्रकार एक घर में अलग-अलग तरह के विचारधारा के लोग होते हैं, जो एक साथ एक दूसरे से जुड़े होते हैं। लोगों के साथ आपका स्वास्थ्य एवं संतुलित रिश्ता आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
जी हां, यह बिल्कुल सच है। अब आप सोच रही होंगी, आखिर रिश्तों का सेहत से क्या लेना देना है? तो चिंता न करें, आज “ग्लोबल फैमिली डे” के मौके पर हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, संयुक्त और खुशहाल परिवार में रहने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे (health benefits of having a healthy relationship with family)।
ग्लोबल फैमिली डे (Global family day), जिसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इसे हर साल दुनिया में सद्भाव यानी कि हार्मनी और एकता की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा, यह दुनिया को एक ग्लोबल विलेज के रूप में देखने पर जोर देता है जिसमें हम सभी एक परिवार हैं, चाहे हमारी नागरिकता, बाउंड्रीज या नस्ल कोई भी हों।
यह 1997 में शुरू हुआ जब यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने दुनिया के बच्चों के लिए शांति और अहिंसा की संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक की शुरुआत की। लिंडा ग्रोवर इसे बढ़ावा देने वाली एक प्रमुख व्यक्ति थीं और इसे बढ़ावा देने के अन्य प्रयासों में “वन डे इन पीस” – 1 जनवरी, 2000″ जैसी किताबें शामिल थीं। यह किताब भविष्य में एक ऐसे दिन की अवधारणा के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां केवल शांति होगी और कोई युद्ध नहीं होगा।
स्वस्थ रिश्ते में होने से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का उत्पादन कम होता है। जब व्यक्ति परिवार के लोगों से जुड़ा होता है, और सभी के साथ कनेक्ट होता है, तो इस प्रकार भावनात्मक और सामाजिक तनाव का प्रभाव उन पर कम पड़ता है।
एक अकेले व्यक्ति की तुलना में पारिवारिक व्यक्ति को तनाव की कम अनुभूति होती है। यह जानना कि कोई व्यक्ति आपको प्यार करता है और आपका साथ देता है, भले ही वह व्यक्ति शारीरिक रूप से मौजूद न हो, आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
परिवार में एक दूसरे से जुड़ाव होने से जब भी किसी व्यक्ति को भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है, तो उनके पीछे परिवार के कई सदस्य खड़े होते हैं। उन्हें दौरान जब व्यक्ति को लोगों के प्यार और समझ की अनुभूति होती है, तो इससे उनका भावनात्मक तनाव काफी हद तक कम हो जाता है। जब परिवार में लोग एक दूसरे का महत्व समझते हैं, तो व्यक्तिगत रूप से सभी को सेल्फ वर्थ समझने में मदद मिलती है। साथ ही सकारात्मक भावनाएं भी बढ़ती हैं।
किसी भी स्कूल और कॉलेज जाने से पहले परिवार हमारा प्राथमिक शिक्षक होता है। कोई भी बच्चा अपने जीवन के सभी प्रारंभिक स्किल्स अपने परिवार से सीखता है। एक स्वस्थ एवं संतुलित परिवार बच्चों के मानसिक विकास को सकारात्मक रूप से बढ़ावा देते हैं।
जिस परिवार में लड़ाई झगड़ा और अन्य प्रकार के कनफ्लिक्ट छिड़े रहते हैं, उन घरों में बच्चों का मानसिक विकास धीमी गति से होता है। वहीं बच्चे अधिक चिड़चिड़े और गुस्से वाले हो जाते हैं। इसलिए परिवार में सुख और शांति का बना रहना बहुत जरूरी है।
कई ऐसे रिसर्च सामने आए हैं, जो बताते हैं कि एक स्ट्रांग फैमिली रिलेशनशिप व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। परिवार द्वारा मिलने वाला भावनात्मक समर्थन व्यक्ति में तनाव को कम कर देता है, जिससे की इम्युनिटी मजबूत होती है। इसके अलावा एक दूसरे के साथ खाना शेयर करना शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना, खुलकर बातचीत करते हुए हंसी मजाक होना एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर इशारा करते हैं।
परिवार में जुड़ाव होने से लोग एक दूसरे का ध्यान रखते हैं, एक दूसरे से समय पर खाने के लिए पूछते हैं। इसके अलावा जब परिवार का कोई व्यक्ति दुखी होता है, तो दूसरा उसे आश्वासन देने में जुट जाता है। यह सभी चीजें, एक व्यक्ति को अंदरुनी रूप से मजबूत बनाती हैं, जिससे कि उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी लंबे समय तक बना रहता है।
सबसे बढ़कर, अच्छे पारिवारिक रिश्ते बिना शर्त प्यार और स्वीकृति प्रदान करते हैं। परिवार के सदस्य हमें वैसे ही प्यार करते हैं जैसे हम हैं, हमारी कमियों के साथ। यह प्यार आत्म-स्वीकृति के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है और हमें दूसरों को बिना शर्त प्यार करने और स्वीकार करने की शक्ति देता है।
जो लोग एक सामाजिक और पारिवारिक जीवन जीते हैं, उनकी उम्र अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक होती है। स्वस्थ रिश्ते तनाव से अधिक प्रभावी रूप से और आसानी से निपटने में आपकी मदद करते हैं। ऐसा नहीं है कि आपको हर किसी से रिश्ता बना कर रखना है, या नकारात्मक लोगों से भी जुड़े रहना है, परंतु पूरी तरह से अकेले रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए जो लोग आपसे प्यार करते हैं, और आपके साथ रहना चाहते हैं, उन्हें सराहें और उनका समर्थन करें।
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