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टमाटर और तरबूज दूर कर सकते हैं डिप्रेशन का जोखिम, जानिए रिसर्च क्या कहती है

कई बार छोटी समस्याएं जैसे चिंता या घबराहट ही बड़ी बन कर डिप्रेशन का रूप ले लेती हैं। इसको लेकर पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई कि डिप्रेशन (depression risk) को दूर करने में लाल फल और सब्जियां जैसे टमाटर और तरबूज, मदद कर सकते हैं।
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टमाटर और तरबूज, कैसे कर सकते हैं डिप्रेशन में मदद। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 10 Feb 2025, 12:00 pm IST

अंदर क्या है

  • क्या टमाटर और तरबूज दूर करते हैं डिप्रेशन
  • लाल फल कैसे करते हैं मानसिक समस्याओं में मदद 
  • डिप्रेशन दूर करने के उपाय 

इन दिनों लोगों की तनाव भरी जिंदगी की वजह से मानसिक समस्याओं से जूझते लोगों में लगातार इजाफा हो रहा है। इन्हीं समस्याओं में से एक डिप्रेशन भी है। कई बार ये किसी ट्रॉमा की वजह से होता है। कई बार छोटी समस्याएं जैसे चिंता या घबराहट, ही बड़ी बन कर डिप्रेशन (depression risk) का रूप ले लेती हैं। इसको लेकर पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई कि डिप्रेशन को दूर करने में लाल फल और सब्जियां जैसे टमाटर और तरबूज – मदद कर सकते हैं। आज हम इसी पर बात करने वाले हैं कि क्या वाकई ऐसा है? और अगर ऐसा है तो कैसे?

क्या टमाटर और तरबूज दूर करते हैं डिप्रेशन ( tomato and watermelon prevents depression risk)

हाल ही में चाइना के Chongqing Medical University के रिसर्चर्स ने एक दिलचस्प खोज की। उनका कहना है कि लाइकोपीन (जो टमाटर, लाल शिमला मिर्च, और ऐसे ही कुछ लाल रंग वाले फलों और सब्जियों में पाया जाता है) हमारे दिमाग के लिए अच्छा हो सकता है। इस स्टडी में ये बताया गया है कि लाइकोपीन के अंदर नयूरोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज़ होती हैं यानी ये दिमागी कोशिकाओं को नुकसान से बचा सकता है।

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तरबूज खाने से हमारी याददाश्त, सीखने की क्षमता और इमोशनल स्टेबिलिटी भी सुधर सकती है।चित्र : एडॉबीस्टॉक

इस स्टडी में ये भी बताया गया कि लाइकोपीन से हमारी याददाश्त, सीखने की क्षमता और इमोशनल स्टेबिलिटी भी सुधर सकती है। यानी, लाइकोपीन दिमाग की कनेक्शंस को मजबूत करता है, जिससे हम नए कनेक्शंस बना पाते हैं, जो अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।इस रिसर्च को और टेस्ट करने के लिए, वैज्ञानिकों ने 60 चूहों पर एक एक्सपेरिमेंट किया। इनमें से आधे चूहों को प्लेसीबो दिया गया जबकि बाकी को लाइकोपीन सप्लीमेंट्स दिए गए।

लाइकोपीन से ट्रीट किए गए चूहे बहुत ज्यादा सोशल दिखे और उनका मूड (depression risk) भी काफी बेहतर था। खासकर, जो टेस्ट किया गया था जिसमें चूहों को शुगर-वॉटर मिलाकर दिया गया था, वो भी लाइकोपीन वाले चूहे पसंद करने लगे। यह टेस्ट एन्हेडोनिया को चेक करने के लिए किया जाता है। ये एक ऐसी समस्या (depression risk) का नाम है जिसमें मरीज को किसी चीज़ से खुशी या मज़ा महसूस नहीं होता।

फिर समस्या क्या? (depression risk)

इन रिसर्च के नतीजे तो बहुत उम्मीद जगाने वाले हैं, लेकिन एक बड़ी चुनौती भी है, वो है डोज़ (खुराक)। स्टडी में चूहों को उनके शरीर के वजन के हिसाब से 20 मिलीग्राम लाइकोपीन प्रति किलोग्राम दिया गया था। अब, अगर हम इसे इंसानों के हिसाब से ट्रांसलेट करें, तो इसका मतलब होगा कि एक 200 पौंड (लगभग 90 किलोग्राम) व्यक्ति को रोज़ करीब 147 मिलीग्राम लाइकोपीन लेना पड़ेगा।

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टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है जो मानसिक समस्याओं में बड़े काम का है। चित्र : अडोबी स्टॉक

अब समस्या ये है कि मौजूदा रिसर्च कहती है कि अगर एक दिन में 75 से 100 मिलीग्राम से ज्यादा लाइकोपीन खाया जाए, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित (depression risk) नहीं हो सकता। इसका मतलब यह हुआ कि जो डोज़ चूहों पर दिया गया, वह इंसान के लिए बहुत ज्यादा हो सकता है।
रिपोर्ट कहती है कि एक मीडियम साइज के टमाटर में लगभग 3 मिलीग्राम लाइकोपीन होता है और एक टुकड़े तरबूज में भी कुछ ऐसा ही कम-से-कम मात्रा होती है। तो अब अगर हमें लाइकोपीन के ऐसे हेल्थ बेनिफिट्स मिलने हैं, तो डोज़ को लेकर और रिसर्च की जरूरत है। फिलहाल, अगर हम ज्यादा लाइकोपीन खाएंगे तो वो हमारी सेहत के लिए खतरे (depression risk) का कारण बन सकता है।

डिप्रेशन दूर करने के कुछ और उपाय ( ways to prevent depression risk)

1. योग और ध्यान

दिल्ली के श्री गंगाराम अस्पताल में साइकेट्री डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉक्टर आरती आनंद कहती हैं कि योग और ध्यान सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं दिमाग के लिए भी अच्छा है। जब आप योग करते हैं तो आपका मन शांत होता है और आप तनाव (depression risk) से बाहर आते हैं।

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योग और ध्यान से भी मानसिक समस्याओं में राहत मिलती है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

अगर समय कम हो, तो रोज़ 10-15 मिनट का ध्यान भी आपकी स्थिति में सुधार कर सकता है। प्राणायाम जैसे आसन भी बहुत फायदेमंद होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

2. अच्छी नींद

नींद मानसिक सेहत (depression risk) के लिए भी बेहद जरूरी है। जब आप पर्याप्त नींद लेते हैं तो दिमाग को आराम मिलता है और मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है।हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। अगर नींद में परेशानी हो तो सोने से पहले हर्बल चाय या गर्म दूध का सेवन कर सकते हैं जो नींद को बेहतर बनाता है।

3. हेल्दी डाइट

डॉक्टर आरती कहती हैं कि आपका खाना भी आपकी मानसिक सेहत को प्रभावित करता है। ताजे फल, हरी सब्जियाँ, नट्स और सीड्स आपके शरीर और मस्तिष्क को जरूरी पोषण देते हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा शक्कर से बचने की कोशिश करिए क्योंकि ये न केवल शारीरिक सेहत के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक (depression risk) हो सकते हैं।

4. नेचुरल थेरेपी

कई बार हर्बल चाय भी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। कैमोमाइल चाय, तुलसी या लैवेंडर चाय जैसे प्राकृतिक उपाय डिप्रेशन (depression risk) के लक्षणों को कम कर सकते हैं। ये चायें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं जो मानसिक शांति देती हैं। तो रात में एक कप कैमोमाइल चाय पीजिए।

5. एक्सरसाइज

व्यायाम का असर सिर्फ शारीरिक सेहत पर ही नहीं आपकी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। जब आप व्यायाम करते हैं तो आपके शरीर में हैप्पी हार्मोन (एंडोर्फिन) रिलीज़ होते हैं जो मूड को बेहतर करते हैं। और हाँ इसके लिए आपको जिम जाने की भी जरूरत नहीं है। आप घर पर भी हलका योग, वॉक या डांसिंग कर सकते हो। ये सब मेंटल हेल्थ (depression risk) दुरुस्त रखने में आपकी मदद करेंगे।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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