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जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं अकेले रहने वाले लोग, जानिए आपकी इम्युनिटी को कैसे कमजोर करता है अकेलापन

आंकड़े बताते हैं कि जो लोग अकेले रहते हैं, उनमें डायबिटीज, आर्थराइटिस और हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम ज्यादा होता है।
किसी वजह से आप अलग-थलग महसूस करती हैं, तो दोस्तों-परिवार से बताएं। अकेलापन को दूर करने के लिए वे किस तरह मदद कर सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
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जीवन में हम सभी कभी न कभी अपने आप को अकेला ज़रूर महसूस करते हैं। मगर कभी – कभी हम अपनों से सिर्फ डिस्टेन्स की वजह से दूर हो जाते हैं और मिल नहीं पाते। उदाहरण के लिए कोविड में लोग एक – दूसरे से दूर हो गए थे और एक लंबे वक़्त तक मिल नहीं पाये थे। यही वजह है कि कोविड-19 के बाद बहुत से लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिलीं। पर क्या आप जानती हैं कि अकेलापन सिर्फ आपके मानसिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जी हां, विशेषज्ञ मानते हैं कि अकेलापन आपकी इम्युनिटी (loneliness effect on immunity) को कमजोर बनाकर आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा देता है।

यदि आप भी कुछ दिनों से खुद को अकेला महसूस कर रही हैं और आजकल जल्दी – जल्दी बीमार हो रही हैं, तो समझ जाइए कि ये दोनों फक्टर एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं। कई अध्ययनों में भी यह सामने आया है कि अकेलापन आपकी इम्युनिटी को प्रभावित कर सकता है।

तो चलिये जानते हैं क्या है अकेलेपन और इम्युनिटी के बीच का संबंध

ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रस्तुत एक शोध के अनुसार, यदि आप अकेले हैं, तो आप तनाव की प्रतिक्रिया में अधिक सूजन-संबंधी प्रोटीन का उत्पादन करने की संभावना रखते हैं। इन्फ्लेमेशन कई स्वास्थ्य स्थितियों जैसे टाइप 2 मधुमेह, गठिया और अल्जाइमर रोग से जुड़ा हुआ है।

जो लोग अकेले होते हैं उनमें अधिक तनाव होता है। अकेलापन के कारण होने वाला तनाव एड्रेनोकोर्टिकल सिस्टम को सक्रिय कर सकता है, जिसे “फ्लाइट और फाइट” रेस्पॉन्स के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रतिक्रिया वास्तविक खतरे से लड़ने में उपयोगी है, लेकिन समय के साथ लगातार सक्रिय होने पर यह हानिकारक हो सकती है।

इसलिए, अकेलापन कई बाहरी संक्रामण के प्रति हमें संवेदनशील बनाता है, क्योंकि हमारी इम्युनिटी कमजोर होने लगती है।

कमजोर इम्युनिटी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

यह आपके हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है

2012 के हार्वर्ड के एक अध्ययन से पता चलता है कि मध्यम आयु वर्ग के वयस्क, अकेलेपन के कारण होने वाले तनाव से जूझते हैं, जो आगे चलकर हृदय रोग के कारण उनके मरने के जोखिम को 24% तक बढ़ा देता है। तनाव हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर हृदय में कोलेस्ट्रॉल के संचय को बढ़ा देता है।

इतना ही नहीं, अकेलापन स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर और रक्तचाप को बढ़ाता है। जिसकी वजह से हृदय की मांसपेशियों को और भी अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिसकी वजह से संचार प्रणाली धीमी हो जाती है। इस प्रक्रिया में निर्मित रक्त प्रवाह रक्त वाहिकाओं को बहुत नुकसान पहुंचाता है।

3. अकेलेपन के कारण होने वाला अवसाद

शिकागो विश्वविद्यालय द्वारा किया गया एक शोध बताता है कि जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो आप डिप्रेस्ड भी हो हैं। अकेले व्यक्ति में, कोर्टिसोल और अन्य तनाव से जुड़े हॉरमोन सक्रिय हो जाते हैं और अवसाद का कारण बनते हैं। जिसकी वजह से भी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।

वर्कआउट करने से आप मानसिक रूप से भी एक्टिव रहती हैं। चित्र ; शटरस्टॉक

4. यह आपके खाने की आदतों को प्रभावित करता है

शोध से पता चलता है कि जब आप अकेले खाना खाते हैं, तो आप अनहेल्दी खाने की अधिक संभावना रखते हैं। जब आप किसी के लिए और किसी और के साथ खाते हैं, तो आप एक अधिक पौष्टिक भोजन तैयार करते हैं जिसमें कई तरह के खाद्य पदार्थ होते हैं।

जर्नल, हेल्थ साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग अकेले होते हैं, उनके शारीरिक रूप से निष्क्रिय होने की संभावना अधिक होती है और वे अधिक भोजन छोड़ देते हैं।

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तो क्या हो सकता है इसका समाधान

यदि आप अकेला महसूस कर रहे हैं तो शारीरिक गतिविधि पर थोड़ा ध्यान देने की कोशिश करें। इससे आपका मूड बेहतर होगा। जो चीज़ें आपको पसंद हैं उन्हें करने की कोशिश करें, जैसे पेंटिंग, यदि डांस करना पसंद है तो डांस क्लास जॉइन करें, इससे आपको नए फ्रेंड्स भी मिलेंगे। अपनी फीलिंग्स को लिखने की कोशिश करें। लिखने से खुद को समझने में मदद मिलती है और मन भी हल्का रहता है। ऐसा करने से आप बेहतर महसूस करेंगे।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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