बिजी और स्ट्रेसफुल लाइफ का सबसे ज्यादा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। चाहे आप बाहर से कितने ही फिट क्यों न हो। लेकिन अगर आपकी मेंटल हेल्थ ठीक नहीं, तो आपके लिए चीज़े अपने आप मुश्किल होती जाएंगी। इसके कारण आपको तनाव, डिप्रेशन, नींद की कमी और बैचेनी जैसी समस्याएं हो सकती है। इसलिए जरूरी है अपनी मेंटल पर ध्यान देना। जब बात मानसिक स्वास्थ्य की हो, तो आयुर्वेद को कभी नकारा नही जा सकता। प्रकृति ने हमें जड़ी-बूटियों के रूप से ऐसे तोहफे दिये हैं, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हुए हैं।
आज इस लेख में हम ऐसी ही कुछ खास जड़ी बूटियों पर बात करेंगे, जो आपकी मेमोरी बूस्ट करने में मदद कर सकती है।
अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल तनाव कम करने के लिए सदियों से किया जा रहा है। अश्वगंधा में एंटीइन्फ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ स्ट्रेस कम करने वाले कम्पाउंड भी पाएं गए हैं। जिससे इसका सेवन आपको मेंटली रिलेक्स करने में मदद कर सकता है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा अश्वगंधा पर की रिसर्च में अश्वगंधा को तनाव और चिंता कम करने के लिए असरदार पाया गया।
लैवेंडर को प्रकृति की खास जड़ी बूटियों में माना गया है। यह बालों को त्वचा को बेहतर बनाने के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी असरदार माना गया है। यह चिंता, नींद और संपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतरीन जड़ी-बूटियों में से एक है। यह सुगंधित जड़ी-बूटी है, जो मूड को रिलेक्स करके शांत महसूस करने में मदद करती है।
यूरोपियन न्यूरोसाइकोफार्मेकोलॉजी जर्नल के मुताबिक लैवेंडर का एंग्ज़ाइटी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर जब इसे एक ओरल सप्लीमेंट के रूप मे लिया जाए। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल माइंड रिलेक्स रखने में फायदेमंद है।
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कई अध्ययनों से सामने आया है कि पेपरमिंट ऑयल को सूंघने भर से थकान कम हो सकती है। यह फोकस, याददाश्त और एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है।
पबमेड सेंट्रल के विशेषज्ञों ने पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल पर शोध कराया। जिसमें 144 लोगों को शामिल किया गया। इस शोध में सामने आया कि पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल की सुगंध फोकस और याददाश्त बढ़ाने में मददगार साबित हुई है।
गोटू कोला को प्राचीन समय से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि इसका इस्तेमाल सतर्कता और मूड बेहतर बनाने में मदद करता हैं। यह खास जड़ी-बूटी है जो याददाश्त और मूड बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही इसका सेवन वृद्ध लोगों में फिजिकल स्ट्रेंथ बढ़ाने में असरदार माना गया है।
एनसीबीआई के विशेषज्ञों द्वारा गोटू कोला पर अध्ययन किया गया। जिसमें 28 वृद्ध वयस्कों में 2 महीने तक शोध किया गया। इस दौरान उन्हें रोज गोटू कोला की कुछ डोज दी गई। इस शोध में पाया गया की गोटू कोला की ज्यादा डोज लेने वालों की स्मृति और सतर्कता में बढ़ोत्तरी हुई। साथ ही इन लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में बड़े बदलाव भी देखे गए।
वेदास क्योर के फाउंडर और आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. विकास चावला का मानना है कि शंखपुष्पी एक आवश्यक जड़ी-बूटी है। जो मस्तिष्क के कार्यो को संभालने और मस्तिष्क को बीमारियों से बचाने में मदद करती है। एक इस्तेमाल नींद की कमी, याददाश, अनिद्रा, एडीएचडी जैसे रोगों में भी फायदेमंद हो सकता है।
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