FOMO : जानिए क्या है तनाव की यह स्थिति, जिसे कभी न कभी हम सभी महसूस करते हैं

फियर ऑफ मिसिंग आउट एक किस्म का भय होता है। घर हो या ऑफिस हर जगह किसी न किसी वजह से ये व्यक्ति पर हावी रहता है। जानते हैं फियर ऑफ मिसिंग आउट से कैसे डील करें।
Fear of missing out se kaise bahar aayein
फियर ऑफ मिसिंग आउट से कैसे करें डील। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 14 Nov 2023, 18:30 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

ज़रा सोचिए अगर आपको किसी पार्टी में न बुलाया जाए, तो आप कैसा महसूस करेंगें। बिल्कुल वैसा ही जैसे आपकी कोई प्रिय चीज़ आपसे छूट गई हो। देखते ही देखते आप खुद को अकेला महसूस करने लगते है और कुछ खोने का डर और चिंता आपको घेर लेती है। वो भावना फियर ऑफ मिसिंग आउट कहलाती है। इस भावना के चलते काम करने के दौरान दिमाग के एक कोने में दिनभर यही सवाल उठते रहते हैं कि वहां अन्य लोग खूब मौज मस्ती कर रहे होंगे। जो आप मिस कर रहे हैं। इससे आप खुद को लूज़र और अन्य लोगों के प्रति ईर्ष्या की भावना रखने लगते हैं। सोशल मीडिया का बढ़ता रूझान भी इस समस्या के बढ़ने का कारण साबित हो रहा है।
जानते हैं एक्सपर्ट से कि क्या है फियर ऑफ मिसिंग आउट (Fear of missing out) और इससे कैसे डील करें।

राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि फियर ऑफ मिसिंग आउट एक प्रकार के डर को कहते हैं। इसमें व्यक्ति को हर दम अपनी प्रिय चीज़ छिनने की चिंता बनी रहती है। फिर चाहे, वो नौकरी हो, दोस्ती दो या पारिवारिक रिश्ते। साथ ही जो दूसरों के पास है, उसे वे किसी प्रकार से हासिल करना चाहते है। ऐसे लोग दूसरे के जीवन से विशेष रूप से प्रभावित रहते है। हर पल दूसरों से खुद को कंपेयर करना उनके डर और चिंता का मुख्य कारण बनने लगता है। तुलनारत्मक रैवया, आत्म विश्वास की कमी और हर पल सोशल मीडिया से कनैक्टिड रहना फियर ऑफ मिसिंग आउट की समस्या को बढ़ा देते है। जानते हैं फियर ऑफ मिसिंग आउट से बाहर निकलने के उपाय।

जानते हैं फियर ऑफ मिसिंग आउट से कैसे करें डील (tips to deal with Fear Of Missing Out)

1. सोशल मीडिया की गिरफ्त से बाहर निकलें

हर वक्त फेसबुक, इंस्टा और विभिन्न प्रकार के व्हाट्स एप ग्रुप्स के संपर्क में रहने से न केवल आपकी सोशल लाइफ (social life) सीमित हो रही हैं बल्कि इच्छाएं भी बढ़ने लगती है। आपके मन में हर दम यही ख्याल रहता है कि दूसरों का जीवन आपसे बेहतर है और उनके पास सभी सुख सुविधाएं है। जब कि ये अधूरा सच होता है। ऐसे में हर वक्त फोन के इर्द गिर्द न रहे और कुछ वक्त सेल्फ केयर के लिए निकालें।

Social media ke side effect
हर वक्त फोन के इर्द गिर्द न रहे और कुछ वक्त सेल्फ केयर के लिए निकालें।चित्र : एडोबी स्टॉक

2. दोस्तों के साथ क्नैक्टिड रहें

जब हम दूसरे लोगों से मिलते हैं, तो वास्तव में उनकी जीवन की अचीवमेंटस के साथ मुश्किलात के बारे में भी जान पाते हैं। उस वक्त हमारे अंदर फियर ऑफ मिसिंग आउट की भावना अपने आप कम हो जाती है। साथ ही आपका अकेलापन दूर होता है और विचारों में सकारात्मकता बढ़ने लगती है। जो कुछ खोने के डर को दूर करने के साथ कुछ न मिल पाने की भावना को भी कम कर देता है।

3. आत्मविश्वास को बढ़ाएं

कुछ खोने के डर के चलते आप अकेलेपन का शिकार होने लगते हैं, जिससे आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। ऐसे में अपने अकिसी भी डर पर काबू पाने के लिए सेल्फ कॉफिडेंस को बढ़ाएं। आत्मविश्वास के बढ़ने से आप जीवन में कुछ भी आसानी से अचीव कर सकते हैं।

FOMO se bachne ke liye confidence build karein
शांत बने रहने पर स्पष्ट रूप से सोचने और प्रभावी समस्या सामने लाने में मदद मिलेगी। चित्र : अडोबी स्टॉक

4. लाइफ को एंजाय करें

हर वक्त अन्य चीजों को पाने की इच्छा रखने से बेहतर है। आपके पास जो भी संसाधन है उनमें खुशी को तलाशें। इससे आप जीवन जीने का भरपूर आनंद उठा पाएंगे। जो आपकी सेल्फ ग्रोथ के लिए बेहतर साबित हो सकता है। जीवन में हर व्यक्ति की इच्छाएं और ज़रूरतें अलग अलग होती हैं। ऐसे में खुद को अन्य लोगों के समान न समझें।

5. तुलनात्मक रैवया छोड़ दें

बात बात में अपनी तुलना दूसरों से करना छोड़ दें। समय की कीमत को समझकर आगे बढ़ें। आपका तुलनात्मक व्यवहार आपकी खुशियों को कम करने का मुख्य कारण साबित होता है। दूसरों की अचीवमेंटस और संसाधनों को देखकर निराश होने की जगह अपनी लाइफ पर फोक्स करें।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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