पिछले साल मीडिया में इस बात की खूब चर्चा रही कि भोपाल की एक महिला ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके पास फेसबुक पर एक्टिव उसके बचपन की एक दोस्त हर रोज नए-नए गहनों को पहन कर फोटो शेयर करती थी। आत्महत्या करने वाली महिला के पास दोस्त की तरह स्टाइलिश गहने नहीं थे। पिछले दिनों वाट्सअप ग्रुप पर एक कविता “खूब वायरल’ हुई, जिसमें महिला के पति के पास एक साइकिल है, इसलिए वह शर्मसार है। वह लग्जरी कार के साथ सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर करना चाहती है।
इस तरह की कई घटनाएं और खबरें सामने आ रही हैं, जिसमें सबसे अधिक 20-40 वर्ष की फीमेल आबादी सोशल मीडिया से प्रभावित हो रही है। अमेरिका की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाली भारतीय महिलाओं की मेंटल हेल्थ प्रभावित हुई है। भारत में सोशल मीडिया के महिलाओं पर पड़ रहे बुरे प्रभाव के बारे में हमने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान फैकल्टी मेंबर डॉ. अरविंद मिश्र से बातचीत की।
डॉ मिश्र के अनुसार, सोशल मीडिया सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से काम कर रहा है। यदि महिलाएं दिन भर में 6-7 घंटे इसका प्रयोग करती हैं, तो यह नशे की तरह काम करने लगता है। कई महीने तक लगातार ऐसा करने पर यह हमारे मेंटल स्टेटस को प्रभावित करने लगता है। कुछ जरूरी उपाय अपनाकर सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
यह भी पढ़ें :- क्या अर्ली प्यूबर्टी लड़कियों की ग्राेथ पर भी असर करती है? जानिए इस बारे में क्या कहती हैं एक्सपर्ट
ज्यादातर महिलाएं स्वभाव से कोमल होती हैं। किसी भी बात का उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि वे अपनी किसी बचपन की फ्रेंड या किसी खास महिला की बातें सोशल मीडिया पर पढ़ती हैं, तो वे उस पर लगातार आत्म मंथन करती रहती हैं। वे किसी भी बात को दिल पर ले सकती हैं।
जब भी महिलाएं फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया देखना बंद करें, तो मन में यह विश्वास पक्का करें कि सोशल मीडिया को ऑपरेट करना बंद करने के साथ ही, सारे दृश्यों और बातों पर भी वहीं विराम दे देना है। उसका फॉलोअप जानने के लिए कभी भी नींद खुलने पर सोशल मीडिया की स्टेटस चेक नहीं करें। इससे डिप्रेशन, इनसोमनिया के खतरे बढ़ते हैं।
अक्सर हम दिन भर थोड़े-थोड़े अंतराल पर सोशल मीडिया चेक करते रहते हैं। किसी व्यक्ति को फॉलो करते रहते हैं। सबसे पहले मन को मजबूत करें और कोई एक टाइम फिक्स करें। जैसे कि दोपहर में 12-2 या फिर शाम में 5-6 बजे। एक रूटीन बना लें और फिर उसे रोज फॉलो करें। रात में लगातार फोन पर सोशल मीडिया देखते हुए न सोएं।
इससे हमें कभी साउंड स्लीप नहीं आती है। यदि आप सोशल मीडिया देखने का टाइम फिक्स नहीं करेंगी, तो यह एक लत की तरह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालेगा। यह आपकी जिंदगी को उसी तरह प्रभावित करने लगेगा, जिस तरह शराब या सिगरेट का सेवन जीवन को प्रभावित करता है।
यह भी पढ़ें :- डियर लेडीज, इंटिमेट हेल्थ और सेक्स टिप्स के लिए फॉलो करें 7 इंस्टाग्राम एकाउंट
कभी भी खुद पर दबाव न बनाएं। दबाव बनाने पर थोड़े दिन बाद आप उसी काम को दोबारा करने लगेंगी जिसे आपने पहले छोड़ दिया था। माइंड को रिलैक्स करें। इस पर सोच-विचार करें, फिर उसे अमल में लाएं। मेडिटेशन भी आपको इस काम में मदद दे सकता है।
सोशल मीडिया पर आभूषण, डिजाइनर कपड़े या अनर्गल प्रलाप करने वाली पोस्ट पर जाने की बजाए आप खुद इस पर सकारात्मक कार्य करें। कई बार निगेटिव खबरें हमें न सिर्फ डिप्रेशन में ले जाती हैं, बल्कि कई गलत काम करनेे के लिए भी प्रेरित करती हैं। सोशल मीडिया आपके लिए माइंड रिलैक्सिंग हो जाएगा, जब आप इस पर रचनात्मक कार्य करेंगी।
अपनी कोई भी कविता, कहानी या पेंटिंग या फिर यदि आप इलस्ट्रेशन बनाने में माहिर हैं, तो उसे शेयर करें। आपकी रचनात्मक प्रस्तुति पर जब लोग सकारात्मक कमेंट करेंगे, तो यह आपको अच्छा महसूस कराएगा और आप इन कार्यों को करने के लिए प्रेरित होंगी। साथ ही, आप वर्चुअल वल्र्ड की बजाय वास्तविक दुनिया में समय देना अधिक पसंद करेंगी।
यह भी पढ़ें :- फोर प्ले से लेकर कडलिंग तक, यहां हैं वे चीजें जो आपको ऑर्गेज़्म तक पहुंचा सकती हैं