एक तरफ बॉडी को हेल्दी और फिट रखने के लिए तो हम कई प्रयास करते है। वहीं, दूसरी ओर बात जब मेंटल हेल्थ की आती है, तो मांइड की खुशहाल को हम इग्नोर कर देते हैं। आस पास बढ़ते तनाव के कारण हम दिनों दिन हम मानसिक थकान महसूस करने लगते हैं और हमारा दिमाग किसी काम की ओर भी फोक्स नहीं कर पाता है। धीरे धीरे इसका प्रभाव हमारी वर्क एफिशेंसी पर दिखने लगता है। जो हमारे लिए परेशानी का कारण बनने लगता है। देखते ही देखते हमारी प्रोडक्टिव कम होने लगती है (tips to improve your productivity)।
दिन भर काम में मसरूफ रहने के बाद हम खुद को थका हुआ और परेशान महसूस करने लगते है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वर्किग आवर्स के दौरान स्मॉल इंटरवेल्स का होना ज़रूरी है। काम के बेहतर नतीजों और वर्क एफिशेंसी को बढ़ाने के लिए छोटे ब्रेक्स हमें मेंटल सपोर्ट देने का काम करने हैं। इससे हम रिफ्रेश फील करते हैं और काम को बेहतर तरीके से अंजाम तक पहुंचा जाते है। साथ ही इससे हमारी प्रोडक्टिविटी भी इंक्रीज़ होने लगती हैं।
अगर आप एक काम को पूरी शिद्दत से करते हैं, तो उसका रिजल्ट आपकी उम्मीद से भी बेहतर हो सकता है। इस बारे में डॉ युवराज का कहना है कि कई बार हम एक वक्त में अपने लैपटॉप पर बहुत से टैबस खोलकर कई कामों को एक ही वक्त में करने लगते हैं। इससे हमारा मांइड डायवर्ट होने लगता है। हम अपनी अंटेशन को अलग अलग कामो में लगाने लगते हैं।
इससे हमारा वर्क प्रभावित होता है। ऐसे में एक समय में एक ही काम करें और उसमें खुद को पूरी तरह से इंवाल्व कर लें। अलग अलग कामों को करने से आपके काम में देरी होना तय है। ज्यादा और जल्दी काम करने के लिए एक एक कर अपने सभी दिनभर के कामों को निपटाएं।
अगर आप 7 से 8 घंटे की नींद लेने है, तो इससे आप दिनभर एक्टिव रहते हैं और काम भी समय से पहले करने में सक्षम होते हैं। वहीं अगर आप देर से सोकर जल्दी उठ जाएं, तो उसका प्रभाव आपकी दिनचर्या पर दिखने लगेगा। आप न केवल आलस्य महसूस करेंगे बल्कि आपका मन किसी भी काम में नहीं लग पाएगा। ऐसे में पूरी नींद लें और काम को बेहतर तरीके से करने का प्रयास करें। पूरी नींद आपके फोक्स और अंटेंशन को बढ़ाने का काम करती हैं।
अगर आप सुबह उठकर ध्यान लगाती हैं, तो इससे सेल्फ लव और सेल्फ कंटरोल बढ़ने लगता है। आप खुद को हेल्दी महसूस करने लगते है। ध्यान के बाद योग या अन्य व्यायाम आपके शरीर को एक्टिव बनाने का काम करते हैं। तन और मन दोनों को एक्टिव बनाने से हम हर काम को बेहतर तरीके से कर पाते हैं। इससे हमारे व्यवहार में स्पष्टता बढ़ने लगती है। हर वक्त दो विचारों के साथ चलने वाली हमारी आदत भी खत्म हो जाती है। हमारी नज़र सिर्फ हमारे लक्ष्य पर रहती है। इससे वर्क एफिशेंसी दिन ब दिन बढ़नग लगती है।
अपने आप को अगर आप दिनभर में 15 से 20 कार्य दे देते हैं, तो आप बहुत से कार्यों को करने में समर्थ नही हो पाते हैं। ऐसे में कामों की प्रायोरिटी सेट करें। इस बात को समझें कि किस दिन किस काम को करना ज्यादा ज़रूरी है। इससे हमारा न केवल समय बच जाएगा बल्कि ज्यादा प्रोडक्टिस भी हो पाएंगे। लंबी चौड़ी टू डू लिसट बनाने से हम काम करने से पहले ही कई बार थकान महसूस करने लगते है। दिनभर में चाहे 3 से 4 काम करें। मगर उसे पूरी मेहनत और लगन के साथ में करें।
किसी भी काम को लेकर ज्यादा सोच विचार करने से बचें।
दूसरों से अपनी तुलना न करें। इससे भी आपका काम प्रभावित होने लगता है।
खाली समय का सदुपयोग करें और उसे किसी व्यर्थ के काम में बर्बाद न करें।
सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरूआत करें। अगर आपके विचार क्लीयर होंगे, तो आपको उद्देश्य की प्राप्ति अवश्य होगी।
अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें दोबारा से दोहराने की गलती न करे। अन्यथा आप दिनभर गलतियां ठीक करने में ही लगा देगें।