लिवइन रिलेशनशिप एक नए तरह के संबंध के रूप में प्रचलित होने लगा है। पारीवारिक तनाव, महानगरों की भागदौड़ और अस्मिता के प्रश्नों ने इसे और भी लोकप्रिय बनाया है। पर अब भी समाज में इसे लेकर कई टैबूज हैँ। जिनके कारण हमेशा इन्हें प्रश्नांकित किया जाता है। ट्रेडिशनल रिश्तों की एक्सपेक्टेशन के कारण भी कई बार लिवइन में रहने वाले जोड़ों को तनाव का सामना करना पड़ता है। हालांकि हर तरह का रिश्ता किसी भी व्यक्ति का निजी चुनाव और सुविधा है। पर कुछ चीजों को फाॅलो कर लिवइन रिलेशनशिप को बेहतर बनाया जा सकता है। यहां हम उन्हीं 5 गोल्डन रूल्स के बारे में बात करने वाले हैं, जो लिवइन रिलेशनशिप (Live in relationship)को तनावमुक्त और मजबूत बनाने में मददगार हो सकते हैं।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि हर व्यक्ति का व्यक्तित्व दूसरे से जुदा होता है। ऐसे में कोई जैसा है, उसे सी तरह से स्वीकारने का प्रयास करें। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि दोनों का नज़रिया एक जैसा ही हो। इसके अलावा कभी भी पब्लिकली अपने पार्टनर को नीचा दिखाने की कोशिश न करें। अगर कोई गलती हुई है, तो चर्चा करके उसका समाधान निकालें। बहुत से लिवइन रिलेशन आगे चलकर मैरिज का रूप ले लेते हैं, तो अपने रिश्ते के प्रति पूरी तरह से इमानदार रहे और कोई समस्या आने पर मनोचिकित्सक से संपर्क साधें।
जब आप एक साथ रहते हैं, तो प्यार के साथ साथ अपने कर्त्तव्यों का पालन करना भी बेहद ज़रूरी है। किसी एक व्यक्ति पर काम का पूरा बोझ डालने की जगह काम को बांटने का प्रयास करें। अगर आप इस रूल को अपने रिलेशनशिप में फॉलो नहीं करती हैं, तो जल्द ही आपका रिश्ता बिखरने की कगार पर पहुंच सकता है। दोनों लोग मिलकर अपने कार्यों को अगर बांट लेते हैं, तो दिनचर्या भी सुचारू रहती है और रिश्ता अपने आप एक अच्छे मोड़ तक पहुंच जाता है। लिवइन रिलेशनशिप दो लोगों को इंडिपैडेंट बनाने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें रहकर एक कपल बहुत कुछ सीखता है।
भले ही आप एक छत के नीचे जीवन बिता रहे हैं, मगर आपकी लाइकिंग और डिसलाइकिंग का ख्याल रखना आपके पार्टनर की ड्यूटी है। इसके अलावा रिलेशन में कुछ बाउंड्रीज़ का होना ज़रूरी है। अगर आप किसी वक्त किसी काम के लिए तैयार नहीं है, तो पार्टनर को उसे समझना चाहिए। बेवजह जिद्द और रोष रिश्ते की नींव को कमज़ोर बना देते हैं। आक्रोश में आकर अगर आपका पार्टनर आपसे मिसबिहेव करने लगे, तो ऐसे में आपको सतर्क रहने की ज़रूरत है।
जब दो लोग एक साथ रहते हैं, तो उसका प्रभाव घर के खर्चों पर भी दिखने लगता है। जिम, ग्रासरीज़ और सलून का खर्चा समेत हर चीज़ में दोनों की भागीदारी आवश्यक है। आप अपनी म्यूचुअल अंडरस्टैण्डिंग से खर्चों को बराबर बांट लें। इसके अलावा आप चाहें, तो खर्चों के साथ साथ अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सेविंग स्कीम्स पर भी विचार करें।
अगर आप एक साथ रह रहे हैं, तो बात बात पर लड़ना झगड़ना और हर गलती को प्वांइट आउट करना छोड़ दें। इससे रिलेशन में किसी तीसरे के आने की आंशका बनी रहती है। ये ऐसी स्टेज होती है, जब हम आसानी से किसी के प्रति आर्कषित होने लगते हैं।
दरअसल, हम किसी रिश्ते में बंधे नहीं होते हैं और हमें ऐसा महसूस होता है कि हम आज़ाद है। वास्तव में ऐसा नहीं हैं, जब आप किसी के साथ लिवइन में रह रहे हैं, तो अपने पार्टनर के प्रति कमिटिड होना ज़रूरी है। न केवल उसकी गलतियों को अनदेखा करें बल्कि उसकी अच्छाइयों के लिए उसे प्रोत्साहित करना भी न भूलें।
अमातौर पर एक लड़का और एक लड़की बहुत सोच विचार करने के बाद लिवइन में रहने का डिसिज़न लेते हैं। कुछ मामलों में एक दूसरे से आकर्षित होकर भी लोग एक साथ रहने लगते हैं। एक साथ रहने के दौरान एक साथ पार्टीज़ में जाना, हैंग आउट करना एक सामान्य बात है। उस दौरान अगर आप अपने दोस्तों से अपने पार्टनर की कमियां बताते हैं, तो बहुत बार अन्य लोग इसका फायदा उठाने का प्रयास भी करते हैं।
अगर एक दूसरी को लेकर कोई मनमुटाव हो गया है, तो उसे अपने लेवल पर सुलझाने का प्रयास करें या उस इशू को किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह से साल्व करें। इससे आप दोनों का रिश्ता अपने आप स्मूथ होने लगेगा। अन्यथा अन्य लोगों की खींचतान आपके रिश्ते को कमज़ोर बनाने का काम करने लगती है।
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