कभी-कभी ऐसा लगता है कि सब हमारे खिलाफ हैं, या कोई हमें नहीं समझता। लगता है कि अब कुछ नहीं बचा, कुछ नहीं कर पाऊंगी। पर तनाव, उदासी के ऐसे पल कभी न कभी सभी की जिंदगी में आते हैं। पर दिवाली असल में उदासी के इन्हीं अंधेरों के खिलाफ डटे रहने का ही तो पर्व है। दीये की छोटी सी लौ बताती है कि अंधेरा चाहें कितना भी घना हो, वह रोशनी से हमेशा हार जाता है। आप भी अगर सही रणनीति बनाएं (how to regain self confidence), तो अपनी असफलता को सफलता में बदल सकती हैं। हम बताते हैं कैसे।
दीपावली के अवसर पर दीये जलाए जाते हैं।ये दीये मन के अंधेरे को दूर करते हैं और उत्साह का दीपक मन में जलाने के लिए प्रेरित करते हैं। ये हमें मन की शक्ति पहचानने के लिए प्रेरित करते हैं। मन की शक्ति को पहचानकर मन में उत्साह का दीपक जलाने के लिए स्टेप बाय स्टेप कई उपाय किये जा सकते हैं।
कई बार हम अनिर्णय की स्थिति में होते हैं। हम इस काम को इतने बजे तक निपटा लें या उसे कल ख़त्म करें। ऊहापोह की स्थिति में हम झूलते रहते हैं और कई बार गलत निर्णय भी ले लेते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता पर रखें।
घर हो या ऑफिस, यदि प्रेशर की वजह से रोज देर रात तक काम करती हैं, तो यह सबसे अधिक आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। बढ़िया स्वास्थ्य रहने पर ही आप हर मोर्चे पर काम कर पाएंगी और लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगी। चाहे कितना भी प्रेशर हो, योग, एक्सरसाइज, वाकिंग के लिए जरूर समय निकालें। लोगों के सामने यह स्पष्ट करें कि आपकी प्रियोरिटी क्या है।
फैमिली की बॉन्डिंग तभी मजबूत होती है, जब परिवार का हर सदस्य एक दूसरे का ख्याल करते हैं। एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। जरूरी नहीं है कि महिला होने के नाते सभी कार्य को करने का भार आपके ऊपर हो।
घरेलु कार्यों का बंटवारा समान रूप से होगा, तभी हर सदस्य अपने लिए समय निकाल पायेगा, अपने ऊपर ध्यान दे पायेगा। यदि आप ऐसा कर पाएंगी तो आप स्वयं को एनर्जेटिक महसूस करेंगी और आत्मविश्वास भी महसूस करेंगी।
कई ऐसे काम भी होते हैं, जिन्हें करना हमें बेहद पसंद होता है। रुचि के काम दिल के करीब होते हैं। जब भी समय मिले, अपनी पसंद का काम करें। रुचि का काम स्ट्रेस बस्टर के समान होता है। डायरी लेखन, पेंटिंग, बागवानी, आर्ट वर्क जैसे कई काम हैं, जिन्हें करना लोगों को पसंद आता है।
डेली लाइफ में साधारणतया हमारी जिंदगी एक ढर्रे पर चलती रहती है। अगर इस क्रम में थोड़ी भी फेरबदल होती है, तो हम परेशान हो जाते हैं। यदि हम किसी अप्रिय घटना से गुजरते हैं, तो हमारा मन निराशा के समंदर में गोते लगाने लगता है। हम अपने आप में सिमट जाते हैं और उसी अप्रिय घटना के बारे में बार-बार सोचने लगते हैं।
ऐसी स्थिति में अगर हम कहीं घूमने या लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़ते हैं, तो सबसे पहला फायदा मिलता है स्थान परिवर्तन का। लंबी यात्राएं हमारे मन-मस्तिष्क से बुरी यादों को जेहन से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाते हैं। प्राकृतिक नजारे हमें फ्रेश फील कराते हैं। जब आप किसी अच्छे स्थान की यात्रा करके आएंगी, तो खुद को उत्साह से भरा हुआ पाएंगी। मन में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होगा।
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