सर्दियों में देर से सूर्योदय होता है और सूर्यास्त भी जल्दी हो जाता है। वातावरण में ठंड होती है इसलिए कई लोग अपने घरों के अंदर बंद हो जाते हैं। जिसकी वजह से आपको उदासी महसूस हो सकती है या काम में मन न लगना जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि शरीर को धुप नहीं लगती, जो कि बहुत ज़रूरी होती है।
साथ ही, सर्दियों के मौसम में आपने अक्सर महसूस किया होगा कि शाम को बहुत उदास महसूस होता है और खाना खाने का भी मन नहीं करता है। ऐसे में खुद को ठीक करने के लिए अपने आप को सुधारने के लिए स्थिति को पहचानना बहुत ज़रूरी है। साथ ही, यह पता करना ज़रूरी है कि कहीं आप विंटर ब्लूज (winter blues)की शिकार तो नहीं हैं? या सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (seasonal depression) से पीड़ित हैं।
तो यदि आपको भी आजकल कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है और आप अपनी स्थिति को समझ नहीं पा रही हैं तो, इस लेख के माध्यम से पता करें कि आपको विंटर ब्लूज हैं या सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (seasonal effective disorder vs winter blues )।
यदि आप विंटर ब्लूज से पीड़ित हैं तो आपको सर्दियों में बिस्तर से बाहर निकलने में बहुत तकलीफ होती होगी। साथ ही, आपको सोने में परेशानी हो सकती है और दैनिक कार्यों को पूरा करने या बाहर निकलने का मन भी नहीं करता होगा। विनेत्र ब्लूज टेम्परेरी होते हैं और आपके दैनिक कार्यों में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। यह बहुत ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है।
विंटर ब्लूज़ को मानसिक स्वास्थ्य विकार नहीं माना जाता है, लेकिन मेयो क्लिनिक के अनुसार इसके क्लिनिकल लक्षण कुछ इस प्रकार हैं
सर्दियों के दौरान उदास महसूस करना
दैनिक कार्यों को पूरा करने के लिए प्रेरणा की कमी
सोने में परेशानी होना
सामान्य से अधिक समय बिस्तर में बिताना
सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) जिसे सीजनल डिप्रेशन के रूप में भी जाना जाता है, एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है। जो दैनिक कामकाज में बाधा उत्पन्न कर सकता है और आपको उदास महसूस कराता है।
डायग्नोस्टिक मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (DSM-5) SAD को एक मौसमी पैटर्न के साथ मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (MDD) के रूप में परिभाषित किया गया है। यह कभी भी हो सकता है और मौसमी परिवर्तन तक सीमित नहीं है। यह किसी भी मौसम में हो सकता है।
क्रेविंग होना खासकर कार्ब्स की
सोने में कठिनाई
हर समय उदास महसूस करना, लगभग हर दिन
उन गतिविधियों में रुचि खो देना, जो कभी आपको पसंद थीं
प्रियजनों से अलगाव महसूस करना
ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
सुस्ती और थकान
निराशा
आत्मघाती विचार आना
विंटर ब्लूज टेम्परेरी होते हैं और इन्हें कुछ मामूली लाइफस्टाइल चेंजेस करके ठीक किया जा सकता है। मगर यदि आपको सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर है तो आपको मेडिकेशन या थेरिपी की ज़रुरत पड़ सकती है। मगर ये कुछ टिप्स हैं जो आपको दोनों से उबरने में मदद कर सकती हैं या स्थिति को बेहतर बना सकती हैं।
सूरज विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत है, जो सर्केडियन रिदम रेगुलेशन के लिए बहुत जरूरी है। धूप के संपर्क में आने से ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और मूड को बूस्ट करने में मदद मिलती है। तो भले ही कितनी भी ठंड क्यों न हो यदि बाहर धुप निकल रही है तो थोड़ी देर बाहर निकलें।
हर रात एक ही समय पर सोने और हर सुबह एक ही समय पर जागना आपकी सर्केडियन रिदम को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है। ऐसा करने से आपको दिनभर थकान महसूस नहीं होगी। साथ ही, खुद को तरोताजा रखने में मदद मिलेगी।
व्यायाम करने से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो मूड और ऊर्जा में सुधार के लिए जाना जाता है। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने से आपके ऊर्जा स्तर में सुधार हो सकता है। बाहर निकलके व्यायाम करना और भी बेहतर है क्योंकि यह आपको ताजी हवा में सांस लेने और धूप सेंकने अनुमति देता है।
सर्दियों में हममें से कई लोगों को मीठा खाने का मन करता है, जिससे थकान महसूस होती है। इसलिए, दैनिक आधार पर अपने आहार में साबुत अनाज और ताजा सब्जियां शामिल करने का प्रयास करें। ऐसे खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें जो विटामिन डी से भरपूर हों जैसे कि मछली, अंडा, मशरूम, दूध, और अनाज।
घर में बस बैठे रहने से भी बहुत उदास महसूस होता है। इसलिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें बाहर खाने पर जाएं, गेम खेलें,आदि। इससे आपका मूड बोस्स्त होगा और बार – बार उदासी नहीं घेरेगी।
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