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सर्दियों के दिनों में क्यों उदास हो जाता है मन? यह हो सकता है सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर का संकेत

क्या आप भी आजकल ज़्यादा उदास रहने लगी हैं? क्या आपका भी आजकल किसी से बात करने का मन नहीं करता है? तो हो सकता है कि आप 'सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर' से पीड़ित हों। अधिक जानने के लिए पढ़ें।
सर्दियों का मौसम आपके मानसिक स्वास्थ्य को सुस्त कर देता है। चित्र : शटरस्टॉक
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कोरोनावायरस महामारी हम सब के लिए कई समस्याएं लेकर आई है। घर में बैठे रहने से आलस भी घेर लेता है। ऐसे में कहीं जाने आने और न ही किसी से बात करने का मन करता है। बीते दिनों कोरोना की वजह से भी लोग अपने घर में बंद हो चुके हैं। वर्क फ्रम होम ने भी लोगों का एक दूसरे तो मिलना-जुलना कम कर दिया है।

सर्दियों में हम अक्सर खुद को बिना किसी बात के तनावपूर्ण महसूस करते हैं। ऐसे में क्या आप भी ज़्यादा उदास रहने लगी हैं? क्या आपका भी आजकल किसी से बात करने का मन नहीं करता है? तो हो सकता है कि आप सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर से पीड़ित हों। यह एक तरह की मनोस्थिति है, जो आपको खाकर सर्दियों एक दौरान परेशान कर सकती हैं। चलिये इसके बारे में और जानते हैं –

क्या है ‘सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर’?

सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर (SAD) मौसमी पैटर्न के साथ मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (MDD) है। यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप अवसाद होता है, जो आमतौर पर मौसमी परिवर्तन से उत्पन्न होता है। आमतौर पर लोग सर्दियों में इस स्थिति का अनुभव करते हैं। यह स्थिति अक्सर महिलाओं और किशोरों और युवा वयस्कों में ज़्यादा होती है।

जानिए सर्दियों में होने वाले डिप्रेशन से कैसे निपटें। चित्र : शटरस्टॉक

जानिए सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षणों के बारे में

सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) हर साल लगभग एक ही समय पर शुरू और समाप्त होता है। मगर इसे विंटर ब्लूज का नाम देकर इंकार न करें, यह वाकई में आपको परेशान कर सकता है। जानिए इसके लक्षणों के बारे में –

लगभग हर दिन उदास या निराश महसूस करना
उन गतिविधियों में रुचि खोना जिन्हें आपने कभी पसंद करते थे
कम ऊर्जा होना और सुस्ती महसूस करना
सोने में समस्या होना
अधिक भोजन करना और वजन बढ़ना
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना
निराशाजनक, बेकार या दोषी महसूस करना
जीने की इच्छा न रखने के विचार होना
अधिक सोना
भूख में परिवर्तन
थकान या कम ऊर्जा

हेल्थशॉट्स के इस हिंदी वीडियो में फोर्टिस हेल्थ केयर में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. कामना छिब्बर बता रहीं हैं सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर के बारे में। यहां देखें उनका वीडियो।

तो सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षणों को कम कैसे किया जा सकता है

स्वस्थ जीवन शैली की आदतें भी एसएडी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

लीन प्रोटीन, फलों और सब्जियों के साथ स्वस्थ आहार
व्यायाम
नियमित नींद
कुछ लोगों को एंटीडिपेंटेंट्स जैसी दवाओं से फायदा होता है।

डॉ. कामना छिब्बर भी बता रही हैं इसे बीमारी से बचाव के उपाय

घर परिवार और दोस्तों से मिलना जारी रखें

यदि आप भी इन लक्षणों का सामना कर रही हैं, तो अपने घर वालों के साथ रहें। अगर उनसे ज़्यादा बात नहीं हो पाती है या वो दूर रहते हैं तो अपने दोस्तों से मिलें। लोगों के घर जाएं कोई आउटिंग प्लान करें, जिससे आप खुद को अकेला महसूस न करें।

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सर्दियों में धूप का मजा लें। चित्र: शटरस्टॉक

लोगों से वर्चुअली जुड़े रहें

डॉ. कामना कहती हैं कि लोगों से मिल – ”जोल बढ़ाए रखें। उन्हें कॉल करें, वीडियो कॉल करें। फिर चाहे वे आपके घर वाले हों, दोस्त हों या साथ में काम करने वाले लोग। इससे उन्हें भी अच्छा लगेगा और आपको भी।”

धूप लेना बहुत ज़रूरी है

धूप लेना मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में काफी मदद करता है। इसलिए कुछ देर धूप में बैठने के लिए समय ज़रूर निकालें इससे मन और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होगा। डॉ. कामना कहती हैं कि ”घर के खिड़की दरवाजों को भी खोलें, धूप आने दें इससे घर की नेगेटिविटी दूर रहती है।”

इन सब के बावजूद यदि आपको अच्छा महसूस नहीं हो रहा तो चिकित्सीय मदद लेने से पीछे न हटें।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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