Fathers Day: इन 4 कारणाें से बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है पिता की सकारात्मक उपस्थिति

एक बच्चे के जन्म और विकास के लिए स्त्री और पुरुष दोनों की आवश्यकता होती है। बदलती जीवनशैली, रिश्तों में टकराव और अलग-अलग कारणों से टूटते परिवारों का असर बच्चों के भावनात्मक और सामाजिक विकास पर भी पड़ रहा है।
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पिता के कार्यों, महत्व और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर वर्ष फादर्स डे मनाया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 18 Jun 2023, 11:00 am IST
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मां-पिता परिवार की गाड़ी के दो पहियों के समान होते हैं। इन दोनों की मेहनत और संघर्ष से ही जीवन और बच्चे के विकास की यात्रा आगे बढ़ती है। जिन बच्चों को पिता का प्यार नहीं मिल पाता, वे भी अकसर किसी न किसी फादर फिगर (Father Figure) की तलाश में रहते हैं। उनके प्यार और संरक्षण की छांव में बच्चे अपने तरीके से आगे बढ़ते हैं। हालांकि मां का प्यार विशेष और सबसे अधिक जरूरी होता है। लेकिन पिता की सकारात्मक मौजूदगी बच्चे के हेल्दी डेवलपमेंट (father for child development) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पिता की भूमिका को रेखांकित करने और महत्व को बताने के लिए ही हर साल फादर्स डे (Fathers Day 2023) मनाया जाता है।

फादर्स डे (Father’s Day 2023-18 जून )

पिता के कार्यों, महत्व और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हर वर्ष फादर्स डे मनाया जाता है। इसका उदेश्य फादर और फादरहुड के प्रति सम्मान प्रकट करना (Honors fathers and fatherhood) है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK), कनाडा (Canada), भारत (India) सहित कई देशों में जून के तीसरे रविवार (June 3rd Sunday) को फादर्स डे (Fathers Day) मनाया जाता है। भारत में फादर्स डे 2023 (Fathers Day 2023) की तिथि इस बार 18 जून है।

यहां हैं पिता की 4 महत्वपूर्ण भूमिका, जो बच्चे के विकास में मदद कर सकते हैं

1. संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development)

फ्रंटियर्स इन सोशियोलॉजी जर्नल के अनुसार, पिता की सकारात्मक और सक्रिय उपस्थिति बच्चे की भावनात्मक बुद्धि (Emotional Intellect) और समस्या को सुलझाने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। इसी अध्ययन यह भी कहा गया है कि बच्चे के जीवन के शुरुआती वर्षों में पिता के सक्रिय रूप से शामिल होने पर बढ़िया प्रभाव पड़ता है। ऐसे बच्चे संज्ञानात्मक विकास का बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। वे जिज्ञासु और खोजी प्रवृत्ति के हो सकते हैं। स्टडी में पाया गया कि सक्रिय पिताओं के साथ बड़े हुए बच्चे मौखिक और गणित परीक्षाओं में हाई स्कोर किया। उनके स्कूल छोड़ने या बाल अपराध की संभावना भी कम दिखी।

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बच्चे के जीवन के शुरुआती वर्षों में पिता के सक्रिय रूप से शामिल होने पर बढ़िया प्रभाव पड़ता है। चित्र: अडोबी स्टॉक

2. हाई होता है कॉन्फिडेंस (High Confidence Level)

देखा गया है कि पिता के नहीं रहने पर बच्चे विपरीत परिस्थिति का अधिक मुकाबला करते हैं। पर उनमें आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। अमेरिकन सायकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, पिता बच्चे को भावनात्मक सहारा दे सकते हैं। इससे बच्चों को अपना महत्व समझने में मदद मिलती है। इससे उनमें अधिक आत्म-सम्मान विकसित हो सकता है। वे आमतौर पर खुश और अधिक आत्मविश्वासी होते हैं। वे तनाव या निराशा और साथियों के दबाव का अच्छी तरह विरोध कर सकते हैं।

3 मैत्रीपूर्ण संबंध गलत करने से रोकता है (Friendly Relation prevents wrong Deeds)

पैरेंट साइंस प्रेक्टिस जर्नल के अनुसार, बच्चे का पिता या फादर फिगर के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध होना जरूरी है। हालांकि इस संबंध के बीच सीमा भी निर्धारित होनी चाहिए, ताकि बच्चे फायदा न उठाएं। बच्चों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध होने से उनके सही रास्ते से भटकने और गलत आदतों का शिकार होने की संभावना कम हो जाती है। जब वे गार्जियन के सामने सहज होते हैं, तो उन्हें मार्गदर्शन देना आसान होता है

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बच्चे हमेशा माता-पिता को अपने रोल मोडल के रूप में तौलते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत और नायक भी होते हैं पिता (Role model)

बच्चे हमेशा माता-पिता को अपने रोल मोडल के रूप में तौलते हैं। वे यह देखते रहते हैं कि पेरेंट्स ने क्या सही और क्या गलत किया। दूसरों के साथ उनका कैसा व्यवहार रहा। वे उनके उदाहरण से सीखते हैं कि एक आदमी को क्या बनना चाहिए। बच्चे पिता के व्यवहार की नकल करते हैं। लड़के पिता या फादर फिगर की विशेषताओं वाले पुरुषों में विकसित हो सकते हैं। लड़कियां भी अपने पिता को रोल मॉडल के रूप में देखती हैं। अक्सर वे अपने पिता की विशेषताओं की तलाश अपने पार्टनर में करती हैं। पिता को हमेशा अपने बच्चों के सामने अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ताकि उनके बच्चे बड़े होकर अपने आसपास के लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार करें।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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