आज के मॉडर्न टाइम में सोशल होना बहुत जरूरी है। इससे हमें लोगों के व्यक्तित्व समझने और अपने कंफर्ट जोन से निकलने का मौका मिलता है। वही जो लोग इंट्रोवर्ट होते हैं या लोगों से मिलना पसंद नही करते है। उनमें अन्य लोगों के मुकाबले कम कॉन्फिडेंट होता है। कई लोगों के साथ यह स्थिति इतनी ज्यादा होती है, कि उन्हें लोगों का सामना करने में भी परेशानी होती है।
ऐसे मामलें में व्यक्ति सोशल एंजायटी का शिकार हो सकता है। जिसमें उसके लिए लोगों से बात कर पाना बिल्कुल भी संभव नही होता है। सोशल एंजायटी एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को आवश्यक दवाओं, काउंसिल के जरिए स्वस्थ किया जा सकता है. लेकिन कई बार इसके लक्षण भी अनदेखें होते हैं, ऐसे में व्यक्ति को इस स्थिति का पता नही चल पाता। इस समस्या पर खुलकर बात करते हुए साइकोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर ललित का एक पोस्ट सामने आया है। जिसमें उन्होंने सोशल एंजायटी (social anxiety symptoms) के अनदेखें लक्षणों पर खुलकर बात की है।
अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या का सामना कर रही हैं, तो हेल्थ शॉट्स का यह लेख आपके लिए फायदेमंद हो सकता है –
यहां देखिए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर ललित का पोस्ट
डॉ ललिता के अनुसार सोशल एंजायटी से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा दूसरों को खुद से बेहतर समझता है। उसे ऐसा महसूस करता है कि सामने वाला व्यक्ति उनसे ज्यादा बेहतर है। और किसी भी मामलें में उन्हें मात दे सकता है। ऐसे व्यक्तियों का कॉन्फिडेंस लेवल बहुत कम होता है। और हारने या मजाक बनने से डर से ऐसे लोग सोसाइटी से दूर रहने की कोशिश करते है।
ऐसी स्थिति में व्यक्ति का कॉन्फिडेंस बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। उसे पर्सनल काउंसिल और सप्पोर्ट देकर उसकी हिम्मत बढ़ानी चाहिए।
एक्सपर्ट के मुताबिक सोशल एंजायटी से ग्रस्त व्यक्ति खुद को कॉन्फिडेंट बनाए रखने के लिए एल्कोहॉल या ड्रग्स का सेवन करना जैसी आदतों में पड़ने लगता है। ऐसे लोग जानबूझकर पार्टी या सामाजिक कार्यो से खुद को दूर रखते है, जिससे उन्हें लोगों का सामना न करना पड़े। अगर आपका कोई करीबी ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, तो उसकी विशेषज्ञों से सलाह करवाए।
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सोशल एंजायटी से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा लोगों से दूरी बनाए रखता है। उसे महसूस होता है कि उसके बोलने पर लोग उसे बोरिंग समझेंगे या उसका मजाक बनाएंगे। ऐसे व्यक्ति बातचीत के दौरान कंफ्यूज रहते हैं कि सामने वाले व्यक्ति से क्या और कैसे बात करनी है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनसे अलावा हर व्यक्ति परफेक्ट और कॉन्फिडेंट है।
ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपनी बाउंड्री में कैद होकर रह जाता है। और करियर और पर्सनल लाइफ में भी बेहतर परफॉर्म नही कर पाता।
ऐसे लोगों को हमेशा डर होता है कि लोगों से मिलने पर वह कोई न कोई गलती जरूर करेंगे। ऐसे व्यक्ति साधारण स्थिति में भी हमेशा गलतियों के बारें में सोचते रहते हैं। मजाक बनने और गलतियों से डर से ऐसे लोग अपने दैनिक कार्यों को भी ठीक से नही कर पाते।
किसी के देखने या साथ होने पर हाथ कांपना, पसीने आना, छोटे-छोटे टास्क भी न कर पाना इसके लक्षणों में शामिल है।
इस मानसिक स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति अपनी भावनाएं चाहकर भी किसी से शेयर नहीं कर पाते। उन्हें लगता है कि सामने वाला व्यक्ति उन्हें जज करने लगेगा। या उनकी बातों को नजरअंदाज कर देगा। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपनी भावनाओं और इच्चाओं को दबाकर रखता हैं। उन्हें ऐसा महसूस होने लगता है कि उनकी बातें व्यर्थ की है जो किसी को भी बोर कर सकती हैं।
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