वित्त वर्ष को अगर सफलता-असफलता के पैमाने के रूप में विश्लेषित करें, तो आपने भी अपने आप काे समझ लिया होगा। किसी ने प्रोफेशनल फ्रंट पर बहुत बढ़िया अचीव किया होगा, तो कोई आशा के विपरीत कुछ भी हासिल नहीं कर पाया होगा। किसी के हाथ नेगेटिव पॉइंट्स ही आये होंगे। पर यह समय निराशा में गोते लगाने का नहीं है। पॉजिटिविटी से खुद को लैस करने का समय है। यह अपने-आप में बदलाव लाने का सबसे बढ़िया अवसर है। एक्सपर्ट कहते हैं कि खुद की आदतों में परिवर्तन लाने के प्रयास से सफलता जरूर मिलती है। सीनियर साइकोलोजिस्ट और इन्स्टाग्राम पर प्रसिद्ध प्रोग्राम थेरेपी बाय सानिया चलाने वाली डॉ. सानिया बेदी उन 5 आदतों के बारे में बताती हैं, जो आपका जीवन बदल सकते (life changing habits) हैं।
पूरे दिन में एक ऐसी घटना घट सकती है, जिसके बारे में आप पूरा दिन सोचती रह जाती हैं। मां लिया जाये कि ऑफिस में हुए अप्रेजल में आपको किसी प्रकार की प्रमोशन नहीं मिली। इसके कारण आप दिन भर चिंता में डूबी रहीं। कई बार आपको असफलता पर रोने का भी मन किया। यह सही नहीं है।
डॉ. सानिया कहती हैं कि कोई एक घटना को पूरा दिन खराब करने का कोई अधिकार नहीं है। अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सबसे पहले खराब क्षण को याद करते हुए पूरा दिन खराब नहीं करना है।
अपने अंदर की भावनाओं को अभिव्यक्त करना भी सीखें। ऐसा नहीं करने पर कई तरह की भावनाओं का संग्रह मन में हो जायेगा। किसी भी तरह की चिंगारी मिलने पर आप भड़क भी सकती हैं। इस तरह से की गयी अभिव्यक्ति आपको बहुत नुकसान पहुंचा जाएगी। समय-समय पर अपने मन की बात जरूर कहनी चाहिए। किसी भी प्रकार की अभिव्यक्ति शान्तिपूर्वक होनी चाहिए।
अक्सर सबसे अधिक अपने मन की बातों को ही अनसुना करते हैं। यदि अपनी रुचि का कोई काम करना है या अपने पसंद की कोई बात कहनी है या भोजन करना है, तो अपनी इच्छा को तुरंत दबा लेते हैं। अपनी इच्छा, अपनी बात को कभी महत्त्व ही नहीं देते। सबसे पहले अपने मन की बात को महत्त्व देना चाहिए। विशेषज्ञ की राय में अपने प्रति दयालु होने पर ही दूसरों के प्रति बन (life changing habits) सकते हैं।
दिन भर में आप क्या खा रही हैं, किन-किन चीजों का उपयोग कर रही हैं, इन पर भी ध्यान दें। इस्तेमाल लायी जाने वाली चीजों या खाद्य सामग्रियों का भी आप पर बहुत प्रभाव पड़ता है। साथ ही यह भी जांचने की कोशिश करें कि बातचीत के दौरान आप किन-किन शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। आपके कहे गए शब्द भी जीवन में बहुत कमल दिखा देते हैं। प्रोफेशनल या पर्सनल फ्रंट पर भी सोच-समझकर शब्दों का इस्तेमाल करें।
यह सच है कि एक बार में ही खुद में बड़ा परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। इसके लिए लगातार प्रयास करना होगा। धीरे-धीरे ही हमारी बुरी आदतें खत्म होती हैं और उनके स्थान पर अच्छी आदतें जन्म लेती हैं। इसलिए हडबडाने की बजाय धैर्य से काम लें। क्योंकि लक्ष्य की तरफ उठाए गये छोटे-छोटे कदम ही बड़ा परिवर्तन लाते हैं।
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