एक दूसरे को जानकर, सोच समझकर और सभी बातों को ध्यान में रखकर शादी की जाती है। बावजूद इसके विवाह के मज़बूत बंधन में दरारें आने लगती है। धीरे धीरे दोनों लोग रिश्ते में घुटन, असहजता और मिसअंडस्टैण्डिंग का अनुभव करने लगते हैं। छोटी छोटी बातों पर होने वाले टकराव अनसकसेस्फुल मैरिज का कारण बनने लगते हैं। देखते ही देखते दो प्यार करने वाले अब साथ में आगे बढ़ने की बजाय एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। जो मैरिड लाइफ को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। जानते है डेड मैरिज के साइन और इससे निपटने के उपाय भी (signs of broken relationship)।
वे कपल्स जो एक दूसरे की अहमियत को नहीं समझते हैं। साथ ही एक दूसरे के साथ प्यार से नहीं रहते हैं। उनका रिश्ता डेड मैरिज की कैटेगरी में ही आता है। अगर आपका पार्टनर अपने परिवार के अन्य लोगों और बच्चों के सामने आपसे गलत व्यवहार कर रहा है और बात बात पर आपका मज़ाक उड़ा रहा है। इसका मतलब है कि वो इस रिश्ते से खुश नहीं हैं। ऐसे में आपको इस परेशानी का रूट कॉज़ समझने की आवश्यकता है।
जो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं। वे हमेशा साथ रहने के बहाने खोजने लगते है। वहीं दूसरी ओर ऐसे कपल्स जो एकदूसरे की कंपनी को एजॉय नहीं कर पाते। वे हर जगह अलग अलग ही नज़र आते हैं। अगर आपका पार्टनर आपके विचारों, पहनावे और बोलचाल के ढ़ग से प्रभावित नहीं रहता है। तो वो आपके साथ समय बिताने से कतराने लगेगा। जो रिश्ते में एक अलार्मिंग साइन है।
अगर आप हर समय परेशानी का अनुभव कर रही हैं, तो इसका अर्थ है कि आप इस रिश्ते से नाखुश है। बहुत से कपल्स ऐसे हैं, जिनमें अंडरस्टैण्डिंग नहीं होती है। इससे रिश्ते में टकराव आना सामान्य सी बात है। जब आपका पार्टनर आपको समझनार बंद कर देता है और अपनी मर्जी आप पर थोपने लगता है, तो वहीं से रिश्तों में दूरिया बढ़ने लगती है।
दो लोग जो एक दूसरे से प्यार करते है। वे हर पल एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। वहीं अगर रिश्तों में दरार महसूस हो रही है, तो इसका प्रभाव सेक्सुअल लाइफ पर भी देखने को मिलता है। ऐसे लोग यौन संबध बनाने में दिलचस्पी महसूस नहीं करते हैं। हर वक्त पार्टनर से दूर रहने के बहाने खोजने लगते हैं। हगिंग, किसिंग और हाथ पकड़ना भी अवॉइड करने लगते हैं। जो रिश्ते में दूरी को जताता है।
ऐसे लोग जो अपनी शादीशुदा जिंदगी में परेशान है। वो इमोशनली तौर पर अपने पार्टनर से डिटैच रहने लगते हैं। वे हर पल परेशानी और दुख का अनुभव करने लगते हैं। वो अपने मन की बात अपने साथी से शयर नहीं कर पाते हैं। भावनात्मक तौर पर दूरी आने से रिश्ते में अकेलापन और गुस्सा व रोष की स्थिति बढ़ने लगती है।
एक दूसरे से अपनी समस्याओं को शेयर करें। अगर रिश्ते में कोई परेशानी आ रही है, तो समय रहते उसका सॉल्यूशन निकालें। उससे भागें नहीं। इससे समस्या का समाधान हो जाता है।
हर रिश्ते में टोकन ऑफ लव यानि किंसिग, प्यार का इज़हार और एपरीसिएशन बहुत ज़रूरी है। चाहे आपके पार्टनर से कोई गलती भी हुई है। फिर भी उसे कोशिश करने के लिए एपरीशिएट अवश्य करें।
कोई भी समस्या को अन्य लोगों तक न पहुंचाए। जो भी परेशानी हो। उसे खुद सुलझाएं।
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