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एस्ट्रोजन है जरूरी हॉर्मोन पर इसकी अधिकता बढ़ा सकती है आपके लिए मुश्किलें 

क्या आपका एस्ट्रोजन हार्मोन लेवल हाई है? यदि ऐसा है, तो सावधान हो जाएं। शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा अधिक होने से आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
Published On: 4 Jun 2022, 06:00 pm IST
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sexual desire in women
कई स्थितियां ऐसी होती हैं, जहां महिलाएं अपने सेक्सुअल पीक पर होती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

पीरियड खत्म होने या मेंस्ट्रुअल साइकिल समाप्त होने की कगार पर हो, तो आप हर समय थकान महसूस करने लगती हैं। अचानक आपका वजन बढ़ने लगता है। यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है, तो आपके दिमाग में सबसे पहले कौन-सी बात आती है? यही कि शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी के कारण ऐसा हो सकता है। यह कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।

पर ये सभी लक्षण एस्ट्रोजन लेवल हाई होने के कारण हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को इस मामले में हॉट फ्लैशेज की भी समस्या होने लगती है। कई बार इसे मेनोपॉज से पहले का लक्षण माना जाता है।

इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने पुणे के मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी विजय से बात की। आइए इसे समझते हैं।

क्या है एस्ट्रोजन का प्रभाव बढ़ना (Estrogen Dominance)?

एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका स्तर अधिक होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन उनके सेक्सुअल डेवलपमेंट में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन के साथ, यह मेंस्ट्रुअल साइकिल को भी नियंत्रित करता है। रिप्रोडक्टिव और बोंस हेल्थ के लिए एस्ट्रोजन जरूरी है।

क्यों होता है एस्ट्रोजन का लेवल हाई  

एस्ट्रोजन का डोमिनेंस तब देखा होता है जब किसी के शरीर में प्रोजेस्टेरोन लेवल की तुलना में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ जाता है। एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन, मेनोपॉज, या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन अनुपात में असंतुलन के कारण एस्ट्रोजन डोमिनेंस देखा जाता है, जो खतरनाक हो सकता है।

डॉ. विजय कहते हैं, “एस्ट्रोजन हाई होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। हाई एस्ट्रोजन लेवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इससे महिलाओं में योनि का पतलापन और सूखापन, ड्राई स्किन, स्पॉटिंग और फाइब्रॉएड की समस्या भी हो सकती है।

समय से पहले ओवेरियन फेलियर, थायरॉइड की समस्या, कम वजन, कीमोथेरेपी और पिट्यूटरी ग्रंथि के गलत ढंग से काम करने के कारण भी एस्ट्रोजन लेवल प्रभावित होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल सेक्सुअल डेवलपमेंट और सेक्सुअल फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। यह ओबेसिटी, ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ट डिजीज की संभावना को भी बढ़ा सकता है।

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स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

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एस्ट्रोजेन हार्मोन लेवल बढ़ने पर हो सकती है मेंटल प्रॉब्लम। चित्र: शटरस्टॉक

यहां कुछ प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं, जो एस्ट्रोजन की अधिकता के कारक बनते हैं

कुछ दवाएं लेने के अलावा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), लीवर का खराब फंक्शन, इंसुलिन रेसिस्टेंस, खराब आहार, बहुत अधिक गर्भनिरोधक गोलियां लेने या स्ट्रेस के कारण भी एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है।

हाई एस्ट्रोजन लेवल के कारण होने वाले लक्षण के बारे में यहां बताया जा रहा है-

इरिटेशन

मूड स्विंग

लो सेक्स ड्राइव

पीएमएस के खराब लक्षण

अनियमित पीरियड या हैवी फ्लो

ब्लॉटिंग

वजन बढ़ना

एंग्जाइटी

बाल झड़ना

नींद की कमी

थकान

इन्फर्टिलिटी

कॉग्निटिव यानी संज्ञानात्मक स्वास्थ्य समस्याएं

हॉट फ्लैशेज

ब्रेस्ट में सूजन

डॉ. विजय बताते हैं कि यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आपके मेल पार्टनर को यह समस्या है, तो स्पर्म काउंट कम होना, इन्फर्टिलिटी, गाइनेकोमास्टिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसी स्थिति में क्या करें महिलाएं?

महिलाओं को बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि हाई एस्ट्रोजन लेवल से स्तन कैंसर, ओवेरियन कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस, इंसुलिन रेसिस्टेंस, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), यूटरीन कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर), और यहां तक ​​​​कि ओवरी और एडरीनल ग्लैंड्स पर ट्यूमर भी हो सकते हैं।

क्या हाई एस्ट्रोजन लेवल को ठीक किया जा सकता है?

एस्ट्रोजन लेवल को संतुलित किया जा सकता है। इसके कारण के आधार पर जो आपको उपचार करने की सलाह दी जाती है, उसे करवाना होगा। आप केवल डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं ले सकती हैं। इनके अलावा, आपको लाइफस्टाइल में भी बदलाव लाना होगा। जैसे शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए वजन कम करना। लो फैट और हाई फाइबर वाली बैलेंस डाइट लेनी होगी। नियमित तौर पर रोज एक्सरसाइज करनी होगा। वाइन पीने की आदत को समाप्त करना होगा। हेल्दी लाइफ के लिए योग का भी सहारा लेना होगा।

यहां पढ़ें :-अनियमित पीरियड को रेगुलर करना है, तो ये 3 योगासन कर सकते हैं आपकी मदद

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स
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