पीरियड खत्म होने या मेंस्ट्रुअल साइकिल समाप्त होने की कगार पर हो, तो आप हर समय थकान महसूस करने लगती हैं। अचानक आपका वजन बढ़ने लगता है। यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है, तो आपके दिमाग में सबसे पहले कौन-सी बात आती है? यही कि शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी के कारण ऐसा हो सकता है। यह कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।
पर ये सभी लक्षण एस्ट्रोजन लेवल हाई होने के कारण हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को इस मामले में हॉट फ्लैशेज की भी समस्या होने लगती है। कई बार इसे मेनोपॉज से पहले का लक्षण माना जाता है।
इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने पुणे के मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी विजय से बात की। आइए इसे समझते हैं।
एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाया जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका स्तर अधिक होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन उनके सेक्सुअल डेवलपमेंट में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन के साथ, यह मेंस्ट्रुअल साइकिल को भी नियंत्रित करता है। रिप्रोडक्टिव और बोंस हेल्थ के लिए एस्ट्रोजन जरूरी है।
एस्ट्रोजन का डोमिनेंस तब देखा होता है जब किसी के शरीर में प्रोजेस्टेरोन लेवल की तुलना में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ जाता है। एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन, मेनोपॉज, या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन अनुपात में असंतुलन के कारण एस्ट्रोजन डोमिनेंस देखा जाता है, जो खतरनाक हो सकता है।
डॉ. विजय कहते हैं, “एस्ट्रोजन हाई होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। हाई एस्ट्रोजन लेवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इससे महिलाओं में योनि का पतलापन और सूखापन, ड्राई स्किन, स्पॉटिंग और फाइब्रॉएड की समस्या भी हो सकती है।
समय से पहले ओवेरियन फेलियर, थायरॉइड की समस्या, कम वजन, कीमोथेरेपी और पिट्यूटरी ग्रंथि के गलत ढंग से काम करने के कारण भी एस्ट्रोजन लेवल प्रभावित होता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल सेक्सुअल डेवलपमेंट और सेक्सुअल फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। यह ओबेसिटी, ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ट डिजीज की संभावना को भी बढ़ा सकता है।
कुछ दवाएं लेने के अलावा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), लीवर का खराब फंक्शन, इंसुलिन रेसिस्टेंस, खराब आहार, बहुत अधिक गर्भनिरोधक गोलियां लेने या स्ट्रेस के कारण भी एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है।
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बाल झड़ना
नींद की कमी
थकान
इन्फर्टिलिटी
कॉग्निटिव यानी संज्ञानात्मक स्वास्थ्य समस्याएं
हॉट फ्लैशेज
ब्रेस्ट में सूजन
डॉ. विजय बताते हैं कि यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आपके मेल पार्टनर को यह समस्या है, तो स्पर्म काउंट कम होना, इन्फर्टिलिटी, गाइनेकोमास्टिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
महिलाओं को बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि हाई एस्ट्रोजन लेवल से स्तन कैंसर, ओवेरियन कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस, इंसुलिन रेसिस्टेंस, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), यूटरीन कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर), और यहां तक कि ओवरी और एडरीनल ग्लैंड्स पर ट्यूमर भी हो सकते हैं।
एस्ट्रोजन लेवल को संतुलित किया जा सकता है। इसके कारण के आधार पर जो आपको उपचार करने की सलाह दी जाती है, उसे करवाना होगा। आप केवल डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं ले सकती हैं। इनके अलावा, आपको लाइफस्टाइल में भी बदलाव लाना होगा। जैसे शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए वजन कम करना। लो फैट और हाई फाइबर वाली बैलेंस डाइट लेनी होगी। नियमित तौर पर रोज एक्सरसाइज करनी होगा। वाइन पीने की आदत को समाप्त करना होगा। हेल्दी लाइफ के लिए योग का भी सहारा लेना होगा।
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