शरीर को चलाने के लिए ऊर्जा यानी एनर्जी की बहुत जरूरत होती है। यदि यह एनर्जी नहीं मिले, तो हमारा स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। कई जरूरी कार्य भी पूरे नहीं हो सकते हैं। कई कारक इस एनर्जी को ब्लॉक करने का भी कार्य करते हैं। ये एनजी ब्लॉकर कहलाते हैं। इनकी वजह से हमारा फिजिकल और मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकता है। यह ओवरऑल वेलनेस को प्रभावित कर सकता है। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि एनर्जी ब्लॉकर क्या (energy blockers) हैं?
योग प्रशिक्षक और लाइफ कोच निमिषा पांडे बताती हैं, ‘ शरीर में ऊर्जा के प्रवाह में रुकावट को बताता है एनर्जी ब्लॉकर। ऐसा माना जाता है कि मानव शरीर में कई ऊर्जा केंद्र होते हैं। इन्हें चक्र कहा जाता है, जो ऊर्जा के प्रवाह के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये चक्र शरीर के विभिन्न भागों में होते हैं। ये मेरिडियन नामक चैनलों से जुड़े होते हैं। ये मेरिडियन चैनल वास्तव में एकूपंचर के पॉइंट्स होते हैं। एनर्जी ब्लॉकर के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। तनाव, ट्रॉमा, नकारात्मक भावनाएं और शारीरिक बीमारियां भी इसके कारण (energy blockers) बन सकते हैं।‘
ऊर्जा संबंधी रुकावटें या एनजी ब्लॉकर को समझने और उनका समाधान करने से हमें अधिक संतुलित जीवन जीने में मदद मिल सकती है। जब ऊर्जा प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, तो इससे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक असंतुलन हो सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एनजी ब्लॉकर अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग तरह से प्रकट हो सकती हैं। कुछ के लिए यह शारीरिक दर्द या परेशानी के रूप में प्रकट हो सकता है, जबकि अन्य के लिए यह भावनात्मक या मानसिक परेशानी के रूप में प्रकट हो सकता है।
निमिषा पांडे बताती हैं, ‘ अपनी नकारात्मक भावनाओं को पहचानना, इसे व्यक्त करना और उनसे मुक्त होना महत्वपूर्ण है। दर्दनाक भावनाओं से सीधे निपटना आसान नहीं है। हममें से ज़्यादातर लोग उन्हें नज़रअंदाज़ करने की पूरी कोशिश करते हैं। यही कारण है कि भावनाओं और आघात को दबाना सबसे आम एनजी ब्लॉकर है। यदि इसे ठीक नहीं किया जाता है, तो यह फिर से उभर सकता है। यह क्रोध, भय, अपराधबोध या चिंता का कारण बनेगा। अंत में यह पाचन समस्याओं, अनिद्रा और थकान जैसे शारीरिक लक्षणों के रूप में प्रकट होगा।
हम खुद जिस रूप में होते हैं, उसे नकारते रहते हैं। हम सच से भागते रहते हैं। आप खुद से पूछती रहती हैं ” क्या मैं खुश नहीं हूं?” या “और अधिक सफलता कैसे हासिल की जाये?” अपने-आप को नकारना या दूसरों की देखा-देखी और अधिक महत्वाकांक्षी बनना एनर्जी ब्लॉकर का काम करते हैं। इसके कारण हम उन चीज़ों को महत्व देना छोड़ देते हैं, जिन्हें देना चाहिए। अपने अंदर की आवाज़ सुनना छोड़ देते हैं।
निमिषा पांडे के अनुसार, घर को सफ़ाई की ज़रूरत है, ऑफिस वर्क करने की ज़रूरत है। बच्चों को मदद करने की ज़रूरत है, उनके होमवर्क को करना है और अन्य जिम्मेदारियां। हम सभी बिजली की गति से जीवन जीते हैं। हम अक्सर दूसरे कामों में अपनी ऊर्जा बर्बाद कर देते हैं, लेकिन अपनी जरूरतों को कभी प्राथमिकता देने की जरूरत को नहीं समझते हैं। हमें लगता है कि खुद पर ध्यान देना स्वार्थीपन है। यही भाव एनर्जी ब्लॉकर का काम करते हैं। आपकी अपनी ज़रूरतें भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
यदि आप कभी किसी स्थान पर गई हैं और तनाव महसूस कर रही हैं, तो इसका मतलब साफ़ है। आप दूसरे के व्यवहार, कार्य, उनके नकारात्मक विचार आदि से दबा हुआ महसूस कर रही हैं। दूसरों की यह नकारात्मक ऊर्जा आपके लिए एनर्जी ब्लॉकर का काम कर सकती हैं। हममें से अधिकांश लोग ऐसा सोच भी नहीं पाते हैं, जबकि यही सच है।
कई बार आप खुद अपने लिए एनर्जी ब्लॉकर (energy blockers) बन जाती हैं। आपको किसी तरह की कोई बीमारी नहीं होती है, लेकिन आपको लग सकता है कि आप बीमार हैं। कई बार सोची हुई सफलता नहीं मिलने पर भी मन में नकारात्मक विचार पनपते हैं। ये नकारात्मक विचार शरीर को बुरा फील करवाते हैं।
एनर्जी ब्लॉकर (energy blockers) मुख्य रूप से हमारी भावनाएं ही होती हैं, जो मानसिक के साथ-साथ शारीरिक कष्टों के लिए भी जिम्मेदार होती हैं। इसे दूर करने के लिए हमें शरीर में मौजूद चक्रों को समझना होगा। उन पर काम करना होगा, जिससे हमें अधिक संतुलित और सामंजस्यपूर्ण स्थिति प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
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