एक्‍सपर्ट से जानिए आपकी इमोशनल हेल्‍थ के लिए क्‍यों जरूरी है प्री मेरिटल काउंसलिंग

शादी के नाम पर हर दूसरा घर तनाव की जकड़ में है। यही वजह है कि नई उम्र की ज्‍यादातर लड़कियां शादी के नाम से ही दूर भागने लगी हैं। पर शादी से पहले काउंसलिंग आपको कई समस्‍याओं से बचा सकती है।
प्री मेरिटल काउंसलिंंग आपको शादी के बाद होने वाले अनावश्‍यक तनाव से बचा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
प्री मेरिटल काउंसलिंंग आपको शादी के बाद होने वाले अनावश्‍यक तनाव से बचा सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr. S.S. Moudgil Updated: 10 Dec 2020, 11:19 am IST
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हनीमून पीरियड खत्‍म होते ही घर जंग का मैदान बन जाता है। अब एक-दूसरे पर वार करने के इतने सारे तरीके तकनीक ने जुटा दिए हैं कि बोल कर भी लड़ने की जरूरत नहीं। पर इसका नतीजा होता है दोनों ही पक्षों को अवांछित मानसिक तनाव। यह तनाव कई बार आत्‍मघाती रास्‍तों पर भी बढ़ने लगता है।

जबकि ज्‍यादातर मामलों में दोनों ही खुद को बचाने का कोई रास्‍ता ढूंढने लगते हैं। इन्‍हीं मसलों और विवादों को समझने में मदद करती है मैरिज काउंसलिंग। यहां एक्‍सपर्ट बता रहे हैं कि कैसे काउंसलिंग बिखरते रिश्‍ते को संभाल सकती है।

क्‍या है मैरिज काउंसलिंग

मैरिज काउंसलिंग यानी विवाह परामर्श एक प्रकार की मनोचिकित्सा है। विवाह परामर्श जोड़ों की सभी प्रकार की समस्याओं, आपसी कलह को हल करने और रिश्तों में सुधार करने में मदद करता है। शादी की काउंसलिंग के जरिए काउन्सलर रिश्ते के पुर्ननिर्माण और मजबूत करने या समस्याओं के बारे में प्रैक्टिकल फैसले लेने की प्रक्रिया सुझाते हैं।

प्री मेरिटल काउंसलिंग आपको शादी के बाद की जिम्‍मेदारियो को समझने में मदद करती है। चित्र : शटरस्टॉक।
प्री मेरिटल काउंसलिंग आपको शादी के बाद की जिम्‍मेदारियो को समझने में मदद करती है। चित्र : शटरस्टॉक।

किसी भी उम्र में पड़ सकती है मैरिज काउंसलिंग की जरूरत

शादी के मामले में अब भी बहुत सारे टैबू हैं। पर यकीन मानिए यह ऐसा रिश्‍ता है जिसे हर पल सींचने की जरूरत होती है। यह सर्वाधिक अपेक्षाओं वाला रिश्‍ता है, इसलिए इसमें तनाव की भी सबसे ज्‍यादा संभावना होती है। ये भूल जाइए कि दस साल बाद आपका रिश्‍ता बटर की तरह स्‍मूद हो जाएगा।

भारत में यह सुविधा नई है व कम संख्या में लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। जो कर रहे हैं वे मेट्रो में रहने वाले कम उम्र जोड़े हैं। हालांकि आपसी गलतफहमियों के चलते मन-मुटाव किसी भी उम्र में हो सकता है। उसी तरह मैरिज काउंसलिंग की जरूरत भी आपको किसी भी उम्र में पड़ सकती है।

कौन कर सकता है मैरिज काउंसलिंग

विवाह परामर्श अक्सर लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा प्रदान किया जाता है। वैसे फैमिली फिजीशियन संभवत: इसका बेहतर विकल्प हो सकता है। क्योंकि वह आपकी फैमिली को तब से जानता है, जब से कोई समस्या नहीं थी। इसलिए आपको नए व्यक्ति की बजाए उस पर ज्‍यादा भरोसा हो सकता है।

प्री मेरिटल काउंसलिंग

आजकल विवाह पूर्व काउंसलिंग भी की जाती है, तो अच्छा है कि इसका उपयोग भी करें। विवाह परामर्श उन जोड़ों की भी मदद कर सकता है, जो शादी करने की योजना बना रहे हैं। शादी से पहले परामर्श जोड़ों को एक-दूसरे को समझने में मदद कर सकता है। इससे शादी से पहले ही वैचारिक, आर्थिक और आहार संबंधी मसलों पर बात हो सकती है। मेरी समझ में मैरिज काउन्सलर अनुभवी व खुद शादीशुदा हो तो बेहतर।

कैसे मददगार हो सकती है प्री मेरिटल काउंसलिंग

विवाह परामर्श सभी प्रकार के अंतरंग संबंधों को समझने में भावी जोड़े की मदद करता है। चाहें यौन संबंध हों या अन्य पारिवारिक समस्याएं।

यौन संबंधों पर भी इसमें बात हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
यौन संबंधों पर भी इसमें बात हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कुछ जोड़े अपने रिश्ते को मजबूत करने और एक-दूसरे की बेहतर समझ हासिल करने के लिए विवाह परामर्श चाहते हैं। तो अन्य केवल कुछ विशिष्ट मुद्दों पर ही इस मामले में मदद की जरूरत महसूस करते हैं।
कम्युनिकेशन में कमी, एक-दूसरे को अपने विचार न समझा पाने और यौन संबंधी मसलों पर भी कई बार काउसंलिंग की जरूरत पड़ सकती है।

मेरिटल काउंसलिंग से पहले इन बातों का रखें ध्‍यान

1 दोनों पार्टनर उस पर विश्वास करें
2 दोनों ही सच बोलने पर राजी हों
3 दोनों ही बिना किसी पूर्व शर्त के परामर्श हेतु रजामंद हों
4 दोनों ही वैवाहिक परामर्शदाता द्वारा बतलाए गए सुझावों का ईमानदारी से पालन करें।
5 अगर आप शादी के बाद अपना रिश्‍ता बचाने के लिए काउंसलिंग के लिए जा रहे हैं तो यह जरूरी है कि दोनों ही अपना अहंकार त्याग कर रिश्ते को प्रेमपूर्वक को आगे बढ़ाने को तैयार हों।

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असल में पति-पत्नी का रिश्ता एक हवा भरे गुब्बारे जैसा होता है। जिसे अगर कोई पिन चुभा दे तो हवा निकल जाती है और वह पिचक जाता है। पिन यानि तीसरा पक्ष चाहे वह कोई मित्र हो, परिजन हो, पैसा या फिर ईगो हो रिश्‍ते को खराब कर सकती है।

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लेखक के बारे में

Dr. S.S. Moudgil is senior physician M.B;B.S. FCGP. DTD. Former president Indian Medical Association Haryana State. ...और पढ़ें

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