पार्टनर से झगड़े के बाद कभी नहीं माननी चाहिए दोस्‍तों की ये 4 सलाह, मनोवैज्ञानिक बता रहीं हैं क्‍यों

रिश्तों के बारे में सुझाव और सलाह बहुत दी जाती हैं, भले ही वह बिल्कुल व्यर्थ हो। यह हैं वो 4 सलाह जिनसे आपको बिल्कुल दूर रहना है।
rileshanaship mein umr ke zyaada antar ke kaaran kabhee kabhee vichaar nahin milate hain.
जानें कैसे कैजुअल रिलेशन शिप को ग्रेसफुली खत्म करें। चित्र:शटरस्टॉक शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:18 am IST
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हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव होते हैं। जहां रिश्ते के खूबसूरत पल आपको खुशियां देते हैं, वहीं लड़ाईयां कष्ट भी देती हैं। जब आपके रिश्तें में कोई समस्या चल रही होती है, दोस्त और रिश्तेदार अक्सर आपको सलाह देते हैं। इस बात के लिए आपको कृतज्ञ होना चाहिए कि जरूरत के समय में वह आपके साथ खड़े हैं।

यह ध्यान रखें कि आपके दोस्त और शुभचिंतक आपके साथ खड़ें हैं, उनका इरादा अच्छा है। लेकिन उनकी सलाह भी अच्छी हो ऐसा जरूरी नहीं।

यही कारण है कि गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के मेन्टल हेल्थ एंड बिहेवियर साइंस डिपार्टमेंट की हेड डॉ कामना छिब्बर उन बुरे सुझाव और राय पर प्रकाश डाल रही हैं, जिन्हें आपको कभी नहीं मानना है।

1.अपने पक्ष पर अडिग रहो

माना कि लड़ाई में अपका और आपके पार्टनर का अलग-अलग पक्ष है, लेकिन अगर कोई आपको कहता है कि अपने पक्ष पर अड़े रहो, तो यह सलाह आपको नहीं माननी है।

रिश्‍तों में अनबन होती रहती हैं, पर इन्‍हें सुलझाना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
रिश्‍तों में अनबन होती रहती हैं, पर इन्‍हें सुलझाना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

डॉ. छिब्बर कहती हैं, “अगर आप अपने पक्ष को लेकर बैठी रहेंगी, तो आप बात को सुलझाने का रास्ता नहीं ढूंढ पाएंगी। जरूरी नहीं है कि आपका पक्ष सही हो। यह भी जरूरी नहीं कि आप एक पक्ष लेकर ही बात करें। अपने पार्टनर को भी समझें, उनकी बात को समझने की भी कोशिश करें।”

2. लगाम अपने हाथ में रखो

सबसे पहले तो रिश्ते में दोनों ही पार्टनर की अपनी-अपनी भूमिका होती है। कुछ मामलों में आप नेतृत्व करती हैं, तो कुछ में वह कमान संभालते हैं। आप दोनों के बीच सम्मान और समझ बहुत जरूरी है। जब आप दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं तभी आपके रिश्ते मजबूत होते हैं। इस तरह की सलाह और सुझावों को पूरी तरह अनसुना कर दें।

3. समझौता नहीं करना

डॉ छिब्बर कहती हैं,”जब आप एक रिश्ते में हैं तो समझौता या कोम्प्रोमाइज नहीं होता, बल्कि आप एक- दूसरे को समझ कर खुद को उनके अनुरूप ढाल लेते हैं। आप अपने ही नहीं उनके नजरिए को भी समझते हैं।”

रिश्‍तों में समझौता नहीं आपसी समझदारी होती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
रिश्‍तों में समझौता नहीं आपसी समझदारी होती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह समझ और संवेदना रिश्ते में बनाये रखना बहुत जरूरी है।

4. बात बढ़ने से रोकनी है तो चुप हो जाया करो

कोई भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता और आप कितनी भी कोशिश कर लें लड़ाई-झगड़े तो होंगे ही। आप झगड़ों को अवॉयड नहीं कर सकतीं। लेकिन ऐसे में यह सलाह मानना कि ‘बात बढ़ने से रोकने के लिए शांत हो जाओ’ असल में बिल्कुल फिजूल है।

अगर आप हर बार चुप होकर अपनी बात मन में ही रखेंगी तो ऐसा समय आएगा जब आपके लिए रिश्ता टॉक्सिक हो जाएगा। बेहतर है कि आप दोनों शांति से बैठकर बात करें।

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चुप रहने की बजाए अपनी बात रखना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
चुप रहने की बजाए अपनी बात रखना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अपनी बात रखना ही लड़ाई सुलझाने का एकमात्र तरीका है। जब आप बात करेंगी तभी तो आपका पार्टनर समझ सकेगा।

तो लेडीज, इन सलाह से दूर रहें और अपने रिश्ते को ग्रो करने का मौका दें। कोई रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, उसे साथ मिलकर बनाया जाता है।

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