एंग्जाइटी के लक्षणों को और बढ़ा देते हैं टेस्टी लगने वाले ये 6 तरह के फूड्स, आज ही से करें कंट्रोल
मूड स्विंग (Mood Swing) , स्ट्रेस लेवल (Stress Level), एंग्जाइटी (Anxiety), मेंटल हेल्थ (mental health) को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ (food aggravate anxiety) भी एंग्जायटी, डिप्रेशन और अन्य क्रोनिक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम के लक्षणों को पैदा कर सकते हैं या लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद सदियों से यह मानता आया है कि जैसा अन्न वैसा मन। यदि खाया जाने वाला भोजन गरिष्ठ और अधिक तला हुआ हो, तो इसका प्रभाव भी मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
मेंटल हेल्थ को फ़ूड कैसे प्रभावित करता है (foods affect mental health)
सीनियर डायटीशियन और एक यूनिवर्सिटी में अध्यापन कर रही डॉ. नीलम अली बताती हैं, जब पोषक तत्वों से भरपूर आहार लिया जाता है, तो मूड स्विंग कम हो पाता है। कंसन्ट्रेशन की बेहतर क्षमता विकसित होती है। कई स्टडी भी बताती है कि ताज़ा, बिना प्रोसेस किया हुआ, पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। इससे अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
एंग्जाइटी और तनाव से बचना है तो इन 6 तरह के फूड्स को करें डाइट से बाहर
1 चीनी (Sugar or Added sugar)
फिजिकल के साथ साथ मेंटल हेल्थ के लिए भी शुगर और डेजर्ट में प्रयोग किये गये एडेड शुगर बहुत अधिक नुकसानदेह है। यह ओबेसिटी, उच्च रक्तचाप, दांतों की सड़न से जुड़ा हुआ है। साथ ही यह अवसाद, मिजाज (mood swing) और चिंता के लक्षणों (anxiety symptoms) को भी बढ़ाता है। चीनी खाने से सुस्ती, लो मूड और अधिक खाने की लालसा बढ़ा देता है। ब्लड शुगर लेवल में लगातार वृद्धि और गिरावट ब्लड फ्लो में एड्रेनालाइन और कोर्टिसोल सीक्रेशन को ट्रिगर कर सकती है। इससे एंग्जायटी और घबराहट के दौरे भी पड़ सकते हैं।
2 तले हुए खाद्य पदार्थ (Fried Food)
जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, फ्राइड चिकन, हैम्बर्गर और फ्रेंच फ्राइज़ जैसे फ़ूड में बहुत कम पोषण मूल्य होते हैं। शरीर के लिए इन्हें पचाना बेहद मुश्किल होता है। जब शरीर भोजन को पचाने में असमर्थ होता है, तो गैस, एसिडिटी और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम उत्पन्न हो सकते हैं।
यह एंग्जाइटी को ट्रिगर कर देता है। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज जैसी लंबे समय तक चलने वाली पाचन संबंधी समस्या कभी-कभी पीड़ितों के लिए हांफने की वजह बन जाती है। इससे वह रात में जगा हुआ रह सकता है। एसिड रिफ्लक्स उल्टी का कारण बन सकता है, जिससे आप तनाव में आ सकती हैं।
3 प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ (Processed Food)
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, कैन्ड सूप, प्रोसेस किये हुए मीट-चिकन और प्रोसेस्ड चीज (processed Cheese) में नमक बहुत अधिक मात्रा में होता है। अत्यधिक नमक का सेवन रक्तचाप बढ़ाता है। इससे हार्ट पर काम का बोझ बढ़ जाता है। इससे शरीर एड्रेनालाइन को ब्लड फ्लो में छोड़ता है। यह एंग्जायटी का कारण बनता है। इसके अलावा, कई डिब्बाबंद कंटेनर में बिस्फेनॉल ए मौजूद होते हैं। यह रसायन मूड और ब्लड प्रेशर में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार माना गया है।
4 कैफीन और निकोटीन (caffeine and nicotine)
कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक, चॉकलेट और कुछ दर्द निवारक उत्पादों में कैफीन और निकोटीन पाया जा सकता है। कैफीन और निकोटीन सेंट्रल नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर देते हैं। इसके अत्यधिक सेवन से दिल की धड़कन, कंपकंपी, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा भी हो सकती है। कैफीन कुछ विटामिनों के अवशोषण को भी बाधित कर सकता है।
इनमें विटामिन बी के अलग-अलग प्रकार शामिल हैं। ये आराम और मूड को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हैं। कुछ लोग कैफीन और निकोटीन के प्रभावों के प्रति दूसरों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए इनकी थोड़ी मात्रा भी सिरदर्द, कंपकंपी और एंग्जायटी का कारण बन सकती है।
5 फ़ूड एडिटिव (food additive)
एस्पार्टेम ( aspartame) , मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MonoSodium Glutamate) और कुछ फ़ूड कलर (food colour) को एंग्जायटी, डिप्रेशन और मूड स्विंग से जोड़ा गया है। एस्पार्टेम एक कृत्रिम स्वीटनर (artificial sweetener) है। इसका उपयोग कई अलग-अलग खाद्य पदार्थों में किया जाता है। इसमें शुगर फ्री कैंडीज, च्युइंग गम और कोल्ड ड्रिंक शामिल हैं।
ये चिंता और अवसाद सहित कई अन्य मेंटल हेल्थ की स्थितियों को बढ़ा सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करें6 फ़ूड कलर (food color)
स्नैक्स, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और पहले से पके हुए तैयार भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए मोनोसोडियम ग्लूटामेट का प्रयोग किया जाता है। यह थकान, सिरदर्द, अवसाद और एंग्जायटी से जुड़ा हुआ है। सॉफ्ट ड्रिंक, कैंडी, पनीर और अन्य प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले फ़ूड कलर भी एंग्जायटी के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
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