अगर किसी भी रिलेशनशिप से आपको एंग्जाइटी हो रही है तो वो रिलेशनशिप आपके लिए अच्छा नहीं हो सकता है। लेकिन कुछ एंग्जाइटी रिलेशनशिप को लेकर ऐसी होती है जो आपके रिश्ते को हेल्दी बना सकती है। किसी भी रिश्ते को लेकर अगर आपको कोई चिंता है और अगर वो चिंता आपके रिश्ते को अच्छा बनाने के लिए है तो उन एंग्जाइटी को हेल्दी माना जा सकता है। जैसे हम उन परिस्थितियों के प्रति जिनसे हम डरते हैं या जो हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।
लेकिन अगर आपकी एंग्जाइटी बहुत ही ज्यादा बढ़ जाए तो ये आपके रिश्ते के लिए नाकारात्मक हो सकती है। इसके लिए आपको अपने पार्टनर से बात करनी की जरूरत होती है। इसके लिए हमें अपनी चिंता पर नियंत्रण करना पड़ेगा और जड़ो पर ध्यान देना पड़ सकता है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने बात की रिलेशनशिप एक्सपर्ट रुचि रूह से। उन्होने बताया कि एंग्जाइटी दुश्मन नहीं है, एंग्जाइटी एक सामान्य भावनात्मक प्रतिक्रिया है उन परिस्थितियों के प्रति जिनसे हम डरते हैं या जो हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।
सबसे पहली एंग्जाइटी ये है कि हमारे कार्य दूसरों को कैसे प्रभावित करते हैं ये चिंता शायद हम में से कई लोगों को होती है, क्योंकि सहानुभूति और विचार हेल्दी रिलेशन के कारक हैं। लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि हर काम का लगातार विश्लेषण करके अत्यधिक तनावग्रस्त न हों, हमारे व्यवहार के संभावित प्रभाव के प्रति सचेत रहना मूल्यवान हो सकता है।
संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हमें खुद पर अत्यधिक चिंता का बोझ नहीं डालना चाहिए, लेकिन साथ ही, इस बारे में जागरूकता पैदा करना कि हमारे काम दूसरों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, सहानुभूति को बढ़ावा देता है और सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा देता है। इस बात का ध्यान रखकर कि हमारे शब्द और कार्य हमारे आस-पास के लोगों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, इससे हम दूसरों के लिए एक अच्छा वातावरण बना सकते है।
जिन विचारों से आपके एंग्जाइटी हो रही है उसके बारे में बताएं और असुरक्षित होना एक स्वस्थ रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है। जब हम अपनी भावनाओं और डर के बारे में खुलकर बात करते हैं, तो यह पार्टनर के बीच गहरी समझ बढ़ाने का अवसर पैदा करता है।
किसी रिश्ते में असुरक्षित होना कठिन लग सकता है, लेकिन यह अक्सर अधिक विश्वास और प्यार की ओर ले जाने का तरीका है। इससे आपको लगता है आपका पार्टनर आपकी केयर करता है। जो उनके बीच के बंधन को मजबूत करता है।
एक हेल्दी रिलेशन में, दोनों पार्टनर को जजमेंट या अस्वीकृति के डर के बिना अपनी कमजोरियों को व्यक्त करने का स्पेस मिलना चाहिए।
एक हेल्दी रिश्ते को विकसित करने के लिए पर्सनल ग्रोथ और आत्म-सुधार महत्वपूर्ण हैं। जब दोनों पार्टनर निरंतर खुद में सुधार के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, तो यह एक सकारात्मक वातावरण बनाता है जहां विकास को मोटिविट और सपोर्ट किया जाता है।
खुद को सबसे बेहतर बना कर न केवल हमें व्यक्तिगत रूप से फायदा होता है बल्कि रिश्ते भी मजबूत होते हैं। जब हम व्यक्तिगत विकास पर काम करते हैं, तो हम अधिक जागरूक और भावनात्मक रूप से परिपक्व हो जाते हैं, जिससे प्रभावी ढंग से कम्युनिकेशन करने और परिप्कव रूप से संघर्षों को हल करने की हमारी क्षमता बढ़ जाती है।
पिछले अनुभवों का प्रभाव, विशेष रूप से ट्रॉमा से जुड़े अनुभव, हमारे रिश्तों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। यह पहचानना आवश्यक है कि हमारे अतीत ने हमें कैसे आकार दिया है और किसी भी अनसुलझे मुद्दे पर बात करनी है ताकि उन्हें हमारे वर्तमान संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालने से रोका जा सके।
पास्ट के ट्रॉमा के प्रभाव को स्वीकार करना उपचार और विकास की दिशा में पहला कदम है। इन अनुभवों को संसाधित करने और काम करने के लिए चिकित्सक, से सहायता लेना महत्वपूर्ण है। पिछले अनुभव रिश्ते को कैसे प्रभावित करते हैं, यह जानने में बातचीत जरूरी है। अपने पार्टनर के साथ अपने पिछले संघर्षों और वे हमारे वर्तमान व्यवहार को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, इसके बारे में बात करें इससे अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है।
रिश्ते की स्थिति और दिशा के बारे में स्पष्टता और खुल कर बात दोनों के लिए सुरक्षित महसूस करने के लिए आवश्यक है। अनिश्चितता या अस्पष्टता का डर चिंता और असुरक्षा का कारण बन सकता है, इसलिए रिश्ते की प्रकृति पर स्पष्ट समझ और आपसी सहमति होने से एक सुरक्षा का भाव मिल सकता है।
किसी रिश्ते में स्पष्टता विश्वास, स्थिरता और आपसी सम्मान को बढ़ा सकती है, जो एक स्वस्थ और एक दुसरे का साथ देने की नींव रखती है। ट्रांसपेरेंसी बनाए रखने और एक-दूसरे की ज़रूरतों के प्रति सचेत रहकर, कपल्स आत्मविश्वास के साथ किसी भी परेशानी से निपट सकते हैं।
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