एक बार इंस्टाग्राम पर मल्लिका दुआ ने ‘हैप्पी दिवाली’ पोस्ट किया। इसमें उनकी मां पद्मावती उर्फ चिन्ना दुआ के साथ उनकी मुस्कराहट भरी तस्वीर देखी गई। जून 2021 में, कॉमेडियन-अभिनेत्री मल्लिका ने अपनी मां को कोरोना वायरस (Covid-19) के कारण खो दिया। अगले साल दीवाली उनके लिए पहले जैसी नहीं रही थी। मल्लिका अकेली नहीं हैं। देश भर में ऐसे कई परिवार हैं, जो दिवाली जैसे त्योहार पर उदास रहते हैं। संभव है कि उन्होंने किसी अपने को खाे दिया हो।
इस साल भी (Diwali 2023) दिवाली उन लोगों के लिए थोड़ी दुख भरी हो सकती है। लोगों के लिए मल्लिका ने एक मजबूत और संवेदनशील संदेश (How to deal with grief and loneliness) भेजा है।
उनके दिल को छू लेने वाले शब्द घाव पर मरहम की तरह हैं। यह उन लोगों के लिए हर तरह से आश्वस्त करते हैं, जिन्होंने घातक कोविड -19 के कारण दोस्त, रिश्तेदार, जीवनसाथी, परिचित या बच्चे को खो दिया है।
मलिका अपने वीडियो में कहती है, “हम सभी के लिए जिन्होंने इस साल अपने किसी प्रियजन को खो दिया है, हम सभी जिन्होंने इस साल अपने जीवन की रोशनी खो दी है, इस साल हम में दिवाली मनाने का उत्साह नहीं है।.बहुत लोगों के लिए यह साल, दर्दनाक और ट्रिगरिंग रहा है।”
वे इसके पीछे का उचित तर्क साझा करती हैं: “मुझे नहीं लगता कि भगवान ने हमें निशाना बनाया … यह एक लहर थी और इसने सभी को अपनी चपेट में ले लिया।”
यह स्वीकार करते हुए कि दीवाली वैसी नहीं होगी, वह बताती हैं कि वे एक खालीपन महसूस करेंगी। मल्लिका कहती हैं कि उन्होंने खुद को व्यस्त रखने के लिए कुछ छोटे तरीके खोजे हैं। वह थेरपी लेने, मुक्केबाजी की ट्रेनिंग लेने, अपने परिवार के सदस्यों से मिलने और अपने भतीजे से बात करने की योजना बना रही हैं। वे केवल विशेष रूप से तैयार होने और सिर्फ जश्न मनाने तक खुद को सीमित नहीं करना (How to deal with grief and loneliness) चाहतीं।’
वे आगे कहती हैं, “मैं इस दिन खुद को इतना व्यस्त कर लूंगी कि मुझे यह न लगे कि यह दिवाली का दिन है। मुझे यकीन है कि हम में से बहुत से लोग इस दुविधा से जूझ रहे हैं कि ‘क्या हमें जीवन को फिर से नॉर्मल तरीके से जीना चाहिए और हर चीज में भाग लेना चाहिए’, या ‘हम किसी भी तरह के आघात को कैसे दूर कर सकते हैं?”
लेकिन लेडीज, यह आप पर निर्भर है कि आप अपने दुःख और किसी प्रियजन के नुकसान से कैसे निपटना चाहती हैं।
मल्लिका का मानना है, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपने अंदर उस छोटे से बल्ब को ढूंढे, और वह अन्य लोगों के लिए हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको हमेशा कोई ऐसा व्यक्ति मिलेगा, जो आपसे भी बदतर स्थिति का सामना कर रहा हो।”
इसे “ट्रॉमा बॉन्डिंग” कहते हुए वे कहती हैं कि यह हमेशा बताने में मदद करता है कि दुःख में कोई अकेला नहीं है। लेकिन हां, साथ में यह ये भी याद दिलाता है कि बहुत लोगों के लिए यह खुशी का सिन है पर आपके लिए नहीं।”
किसी प्रियजन को खोना एक वैध कारण है। लेकिन लोग कई कारणों से त्योहारी सीजन (festive season) के दौरान अकेलेपन की भावना महसूस कर सकते हैं।
1. घर से दूर रहना : छात्रावास में रहने वाले बच्चे, सैनिक जो घर से दूर तैनात है, दूसरे देशों में रहने वाले लोग।
2. अकेले रहना : बुढ़ापे में अकेले रहने पर या किसी कारण परिवार के करीबी सदस्यों से अलगाव।
3. बुजुर्ग: अक्सर, बड़े लोग उत्सव के दौरान अलग महसूस करते हैं, क्योंकि वे ऊर्जा के स्तर से मेल नहीं खा पाते।
बहुत दिनों से भूले हुए रिश्तेदार हो सकते हैं, जिनके साथ आप जीवन के शुरुआती दौर में अच्छी तरह संबंधित थे। उनसे जुड़कर उन्हें अपने जीवन में वापस लाने (How to deal with grief and loneliness) का प्रयास करें।
त्योहारों के समय के बारे में बताने के बजाय, कोई भी उनके महत्व और अस्तित्व को जान सकता है।
अभी तक अपने परिवार के साथ त्योहार का आनंद लेने के लिए आपके लिए कुछ निश्चित तरीके हो सकते हैं। लेकिन अब आप कुछ नए रीति-रिवाज या नए अनुष्ठान का पालन करके बदलाव ला सकते है।
आप अपने पड़ोस, कार्यालय आदि में नए लोगों से संबंध बना सकते हैं।
पड़ोसियों के साथ मजबूत बॉन्डिंग होने से आपको उनके समारोहों का हिस्सा बनने और त्योहारों का आनंद लेने में मदद मिल सकती है।
दूरी, संवाद में कमी, पारिवारिक अशांति के कारण कुछ संबंध ढीले हो सकते हैं। यदि आप चाहें तो त्योहार उन मौजूदा रिश्तों को सुधारने का समय हो सकता है।
ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो दूसरों के जीवन में खुशी लाने के लिए स्वयंसेवी गतिविधियों में शामिल (How to deal with grief and loneliness) हो सकते हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
जिस समय को वापस नहीं लाया जा सकता है, उसे केवल उनके स्वभाव के लिए खारिज करने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि कहानियों, चित्रों या मानसिक कल्पना के माध्यम से आप उन्हे दोबारा जी सकते हैं।
हम आमतौर पर जीवन की बहुत सी चीजों के लिए खुशी जताना भूल जाते हैं। त्योहारों को जीवन के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने के अवसर के रूप में भी देखा जा सकता है।
अपने लिए अनुचित अपेक्षाएं न रखें, और यदि वे हैं तो उन्हें बदलने की कोशिश करें।
दूसरों से आश्चर्य या अच्छाई की प्रतीक्षा करने के बजाय अपने लिए कुछ अलग और नया करें।
तो लेडीज, यदि आप अकेलेपन की भावना से जूझ रहें हैं और इससे निपटना कठिन लगता है, तो ये प्रभावी तरीके आपको इस दिवाली खुशियां दे (How to deal with grief and loneliness) सकते हैं।
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