बच्चों के जन्म, उनकी परवरिश, स्कूल, होमवर्क और अपने प्रोफेशनल टार्गेट के बीच कई बार ऐसा होता है कि लड़कियां खुद काे ही भूलने लगती हैं। देखने में भले ही उन्हें यह सब अच्छा लग रहा हो, पर धीरे-धीरे अपनी इग्नोरेंस उनकी सेहत को प्रभावित करने लगती है। यही वजह है कि ज्यादातर महिलाएं अनिद्रा, चिड़चिड़ेपन, फोकस की कमी और मेमोरी लॉस की शिकार होने लगती हैं। इस मदर्स डे (Mothers Day 2023) आपको उन 5 चीजों को फिर से याद कर लेना चाहिए, जो आपको अपने साथ रिश्ता मजबूत बनाने में मदद करेंगी।
हम सभी के साथ अच्छा व्यवहार करने की कोशिश करते हैं। हमारी कोशिश उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाने की होती है। लेकिन हम अपने बारे में भूल जाते हैं। खुद के साथ हमारा बहुत महत्वपूर्ण रिश्ता होता है। हेल्दी लाइफ के लिए खुद के साथ स्ट्रोंग रिलेशनशिप जरूरी है।
खुद के साथ स्ट्रोंग रिलेशनशिप कैसे डेवलप किया (strong relationship with yourself) जाये, इसके लिए हमने बात की सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. ईशा सिंह से।
मैटर्नल बॉन्ड के प्रति प्यार जताने, मां के किये गये कार्यों के प्रति सम्मान प्रकट करने और मदरहुड को सेलिब्रेट करने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है। यह दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। भारत में मई महीने के दूसरे संडे को मदर्स डे (14 May) मनाया जाता है। इस वर्ष मदर्स डे की थीम मातृत्व का जश्न मनाने और विश्व स्तर पर माताओं का सम्मान करने पर केंद्रित है। इस बार इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य मदरहुड आईडिया को पहचानना और स्वीकार करना (acknowledge the idea of motherhood) है।
डॉ. ईशा सिंह कहती हैं, ‘ खुद के साथ रिश्ता बनाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह हमारे आसपास के लोगों, सगे-संबंधियों सभी को प्रभावित कर सकता है। सरल शब्दों में कहें तो सेल्फ रिलेशन ठीक वैसा ही है जैसा यह लगता है। एक ऐसा रिश्ता, जो हम स्वयं के साथ रखते हैं। इसमें खुद की भावनाएं शामिल होती हैं। जिस तरह से हम खुद से व्यवहार करते हैं और निर्णय लेते हैं। हम अपनी जरूरतों को कैसे देखते हैं, समझते हैं, बात करते हैं और। यह हमारे मूड, बिहेवियर और मेंटल स्टेटस के बारे में बताता है।
स्वयं के बारे में जानने के लिए एक मिनट का समय लें। इस समय आप कैसा महसूस कर रही हैं? अपनी भावनाओं और विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी भावनाओं को समझने के लिए अपने शरीर के अंगों का स्पर्श भी कर सकती हैं। उन्हें महसूस करें। निश्चित तौर पर आपको अच्छा फील होगा।
संभव है कि गुस्से में आपने कुछ गलत निर्णय लिया हो। उसके बारे में दुखी होने की बजाय इस पर विचार करें कि आपके गुस्से की वजह और गलत निर्णय के पीछे कौन से कारक जिम्मेदार बने। अपनी भावनाओं को स्वीकार करें। इसमें क्रोध और शर्म जैसी बुरी भावनाएं भी हो सकती हैं। जैसे ही आप अपनी भावनाओं को स्वीकार करेंगी, आपको उन गलतियों को समझने और उसे सुधारने की तरफ कदम बढ़ाने लगेंगी।
जैसे ही सेल्फ रिलेशन मजबूत होता है, हम नहीं कहना सीख जाते हैं। हम अपने मन की जरूरतों को तरजीह देने लगते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपकी किसी काम को नहीं करने की इच्छा हो रही है, तो आप उसके लिए मना कर सकती हैं। दूसरों के दवाब में आने की बजाय एक मिनट लें अपने समय, ऊर्जा के स्तर और अपनी इच्छा पर विचार करें। फिर तय करें कि आपको क्या करना है। अपनी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने पर आप अपनी बेहतर मित्र साबित हो सकती हैं।
किसी भी अच्छे रिश्ते की तरह सेल्फ रिलेशन मजबूत करने के लिए अपने लिए समय निकालना जरूरी है। अपने और अपनी जरूरतों के लिए कुछ समय निकालने की कोशिश करें। सप्ताह में कुछ समय के खुद को डेट पर ले जाएं। इस दौरान घर से बहर निकल सकती हैं या घर पर रहकर सिर्फ खुद को खुश रखने वाला काम भी हो सकता है। इसके लिए कम से कम 2 घंटे और कभी कभी पूरे दिन का समय निकालें।
इसमें बॉडी मसाज, हेयर ओइलिंग, फेशियल, स्वीमिंग, प्लेइंग कुछ भी हो सकता है। ठीक वैसे ही समय बिताएं जैसे आप पार्टनर के साथ डेट पर जाने या दोस्तों के साथ मिलने पर समय बिताती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंकई बार खुद पर ध्यान देने पर महिलाएं गिल्ट में जीने लगती हैं। ऐसा हरगिज नहीं करें। यदि आप स्वयं के साथ अपने संबंधों की उपेक्षा करती हैं, तो यह गलत है। खुद को याद दिलाएं कि अपना ख्याल रखना सबसे जरूरी है।ध्यान रखें कि सेल्फ रिलेशन से आपके काम करने की क्षमता बढ़ जाएगी। जब आप खुद के साथ सामंजस्य बिठा लेती हैं, तो दूसरों के साथ सामंजस्य बिठाने में खुद को अधिक सक्षम पाएंगी।
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