लोनलीनेस यानी कि अकेलापन का अर्थ केवल लोगों से दूर अकेले रहना नहीं है, कई बार आप हजारों लोगों के बीच भी मानसिक और भावनात्मक तौर पर अकेली हो सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि हमें लोगों से घिरे होने पर भी खालीपन, अकेलापन और अनवांटेड महसूस होता है। इस के दो पहलू हो सकते हैं, या तो हम खुद लोगों से मिलना नहीं चाहते या लोग हमें अकेला महसूस करवाते हैं। पहलू चाहे कोई भी हो अकेलापन हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। हालांकि, इससे निपटना इतना भी मुश्किल नहीं है।
चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं अकेलापन आखिर किस तरह हमारी सेहत को प्रभावित करता है साथ ही जानेंगे इसे डील करने के कुछ प्रभवि तरीके (how to deal with loneliness)।
हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम की क्लीनिकल मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक डॉ प्रीति सिंह से सलाह ली। उन्होंने अकेलेपन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में आखिर यह किस तरह सेहत को प्रभावित करती है। साथ ही जानेंगे इससे उभरने के उपाय।
जब आप अकेलेपन से घिरी होती हैं, तो आपको अपने आसपास ऐसा कोई भी नजर नहीं आता जिससे आप अपने मन की बात कह सकें। आप किस बात से परेशान हैं, आपके जीवन में क्या चल रहा है, इन सभी बातों पर चर्चा करने के लिए आपके पास कोई नहीं होता। यह भावनात्मक रूप से आपको प्रभावित कर सकता है, जिससे आपका तनाव बढ़ता है और आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
अकेलापन आपको ओवरथिंक करने वाले व्यक्तियों में शामिल कर सकता है। जिससे आपके मन मे चिंता, आक्रामकता और चिड़चिड़ापन जैसी अस्वस्थ भावनाएं पैदा होती हैं।
आम लोगों की तुलना में अकेलापन महसूस कर रहे लोगों में खराब आदतें विकसित होने का खतरा अधिक होता है। जैसा कि हम सभी ने कभी न कभी सुना होगा “खाली दिमाग शैतान का घर” यह पूरी तरह से सत्य है। जब व्यक्ति अकेला होता है, तो उनके दिमाग में हजार तरह की बातें चल रही होती हैं और इस दौरान उनके दिमाग पर नकारात्मकता अधिक हावी होती है।
अकेलापन और अकेले रहने की आदत नींद की कमी का कारण बनती है। जब आप अकेलापन महसूस करती हैं, तो रात को सुकून की नींद नहीं आती। बीच-बीच में नींद खुल जाती है, या आप काफी कच्ची नींद में होती हैं। जिसकी वजह से हर सुबह आपको नींद की कमी महसूस होती है और आप फ्रेश फील नहीं कर पाती हैं।
डॉ सिंह बताती हैं,”की यदि आपको अकेलापन महसूस हो रहा है इसका मतलब है कि आपको खुद से लगाव नहीं है। ऐसे में सबसे जरूरी है खुद को समझना। खुद के साथ समय व्यतीत करें और अपनी पसंद नापसंद को जानने की कोशिश करें। यह समझना बहुत जरूरी है कि आपको किस तरह के लोगों के साथ अच्छा महसूस होता है। कई बार हमारे आसपास के लोगों का व्यवहार हमारे अनुरूप नहीं होता और हम उनसे दूरी बना लेते हैं।
अपने मन को शांत करें और खुद को समझें, फिर सोचें कि क्यों आप अकेलापन महसूस कर रही हैं। जब आपको इसका जवाब मिल जाए तो उस पर काम शुरू करें।
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कस्टमाइज़ करेंहो सकता है आपके जानने में हजारों लोग हों परंतु आप उनमें से किसी से भी ज्यादा बातचीत न करती हों। यदि ऐसा है तो अपने परिवार के सदस्यों और अपने दोस्तों के साथ खुलकर बातचीत करने की कोशिश करें। हो सकता है जब आप लोगों के साथ घुलने मिलने की कोशिश करें तो वे भी आपमें दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दें।
लोगों के समीप बैठने की आदत घटनाएं उनकी बातों को सुने और अपनी बातों को कहने का प्रयास करें। इस प्रकार ही आप अपने अकेलेपन को दूर कर सकती हैं।
यदि हजारों लोगों के बीच में बैठे हुए भी आपको अकेलापन महसूस होता है, तो हो सकता है आपके पास कहने और करने के लिए कुछ भी नहीं है। इस भावना से दूर रहने के लिए खुद को व्यस्त रखने का प्रयास करें। यदि आप जॉब नहीं करती हैं, तो उन कार्यों में मन लगाएं जिनमें आपकी रुचि हो, जैसे ड्राइंग, डांस, पेंटिंग, सिंगिंग इत्यादि। अपने दिमाग को लंबे समय तक खाली न छोड़ें। यदि आप खुद को व्यस्त रखेंगी तो आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा।
अकेलापन एक छोटी समस्या लगती है, परंतु यह आपको मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक सभी रूपों से नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए कभी भी मदद मांगने में झिझक महसूस न करें। मनोचिकित्सक, थेरेपिस्ट, और काउंसलर जो इस स्थिति में आपकी सहायता कर सकते हैं। यदि आप इसे खुद से डील नहीं कर पा रही हैं, तो मदद लेना ही एक मात्र विकल्प बचता है।
यदि आप अकेलापन महसूस कर रही हैं तो सेल्फ केयर पर ध्यान देना एक अच्छा आईडिया है। खुद को अपनी देखभाल में व्यस्त कर लें, जैसे कि पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, एक्सरसाइज करें, इसके अलावा अपनी स्किन केयर रूटीन पर ध्यान दे सकती हैं। रात को बेहतर और पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें, साथ ही साथ किसी प्रकार के सोशल वर्क का हिस्सा बनना भी आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।
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