हल्के में मत लें रोज के तनाव को, जानें इस समस्या के संकेत और राहत पाने के उपाय भी

कुछ ही दिनों में हम 2025 में दस्तक देने वाले हैं। ज़माना तेजी से बदल रहा है और अब वक्त वो है जब महिलाओं की नौकरियों में हिस्सेदारी भी बढ़ी है। इसके साथ साथ उनका तनाव भी। क्योंकि कामकाजी महिलाएं दफ्तर के साथ साथ घर की जिम्मेदारियां भी सम्हाल रही हैं. ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट उनके लिए बड़ा चैलेन्ज है।
रोज के तनाव को हल्के में मत लें। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 26 Dec 2024, 11:30 am IST
  • 135

अंदर क्या है

  • क्या है तनाव?
  • तनाव के लक्षण
  • महिलाओं में तनाव के कारण
  • कैसे करें तनाव को मैनेज

1985 में अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी थी. रिपोर्ट में उस स्टडी के नतीजे थे जो घरेलू काम करने वाली महिलाओं (House wives) पर की गयी थी. पाया गया कि बाहर काम करने वाले पुरुषों से ज्यादा घर के काम को कर रही महिलाएं ज्यादा स्ट्रेस का शिकार थीं. 1985 बीत गया. तकरीबन 40 साल बाद अब हम 2025 में दस्तक दे रहे हैं. महिलाओं की नौकरियों में हिस्सेदारी भी बढ़ी है और बढ़ा है इसके साथ साथ उनका तनाव भी. क्योंकि कामकाजी महिलाएं दफ्तर के साथ साथ घर की जिम्मेदारियां भी सम्हाल रही हैं. ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट उनके लिए बड़ा चैलेन्ज है और आज हम इसी पर बात करने जा रहे हैं.

क्या है तनाव? ( What is stress)

महिलाओं में तनाव (Stress in women ) आपके रोज के जीवन में घट रही घटनाओं की प्रतिक्रिया है। कई बार तनाव पॉजिटिव भी हो सकता है जिसके सहारे आप शायद अपने निर्धारित कामों को पूरा करें लेकिन ज्यादातर बार ये आपके मेंटल हेल्थ को नुकसान ही पहुंचाता है। कई बार स्ट्रेस आपके जीवन में इस तरह से शामिल हो कर परमानेंट हो जाता है जब आप यह मान लेते हैं कि यह तो रोज का है और फिर आपके मेंटल हेल्थ पर इसका प्रभाव दिखना शुरू होता है। कई बार आप इतने व्यस्त होते हैं कि आपको इतना सोचने का भी वक्त नहीं होता कि तनाव आपके जीवन पर किस तरह से असर कर रहा है।

तनाव के लक्षण (Symptoms of Stress)

1. सिर दर्द (Headache)

महिलाओं में तनाव (stress in women) की वजह से सिर दर्द बहुत कॉमन है। सिर दर्द की वजह से नींद नहीं आना,थकान जैसी दिक्कतें होती हैं। एक समय के बाद सिर का दर्द आगे बढ़ कर गर्दन तक भी जा सकता है। और इन दर्दों का कारण तनाव हो सकता है।

2. गुस्सा आना (Anger)

महिलाओं में तनाव (stress in women) की वजह से चिड़चिड़ापन आ जाता है। जिसकी वजह से उनके अंदर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना,हमेशा खुद से असन्तुष्ट रहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। तनाव इसकी बड़ी वजह है। कई बार इसी वजह से रात में नींद ना आने जैसी समस्याएं भी देखी गई हैं।

3. दिमाग पर असर (Effects on Brain)

तनाव का सबसे ज्यादा असर दिमाग के काम पर होता है। तनाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हमारा दिमाग़ ही होता है। इस वजह से चीजें भूलना,निर्णय लेने की क्षमता में कमी,नकारात्मक बातों का दिमाग़ पर हावी होना और एकाग्र ना रह पाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।महिलाओं में तनाव (stress in women) की सूरत में ये लक्षण बार बार देखे जाते हैं।

महिलाओं में तनाव के कारण( Reasons of Stress in Women)

एम्स पटना में प्रोफेसर डॉक्टर मुक्ता अग्रवाल के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं में स्ट्रेस (stress in women) के कई कारण कॉमन हैं। जैसे – नौकरी, करियर, पढ़ाई या और भी बहुत कुछ। लेकिन जब हम अपने सामाजिक ढांचे को देखेंगे तो यह दिखाई देगा कि महिलाओं के पास तनाव (stress in women) के कारण पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हैं। ये तनाव ना केवल दफ्तर तक है बल्कि घर के तनाव महिलाओं के पास पुरुषों से ज्यादा है।

mahilaein purushon se jyada tanav face karti hain
महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा तनाव झेलती हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक

एक स्टडी के अनुसार महिलाओं के तनाव का स्तर (stress in women) पुरुषों के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा है। महिलाओं के पास कांम के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियाँ जिसमें माँ-बाप से लेकर बच्चे तक की देखभाल का दबाव होता है। कई बार ऐसी भी स्थिति बनती है जब उन्हें घर और करियर में से किसी एक को चुनना होता है। ऐसे फैसले जिसमें किसी एक को खोना पड़े,महिलाएं ले तो लेती हैं लेकिन कई बार आसानी से उस गिल्ट से उबर नहीं पातीं। ऐसे और भी बहुत सारे निजी कारण हो सकते हैं जिससे अक्सर महिलाएं तनाव में होती हैं।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

कैसे करें तनाव को मैनेज (How to Manage Stress)

1. व्यायाम (Exercise)

जब भी हम तनाव के मैनेजमेंट की बात करते हैं, व्यायाम की सबसे कम बात होती है। लेकिन नियमित व्यायाम या योग आपको इसे मैनेज करने में मदद कर सकता है।

नियमित व्यायाम या योग करना आपको तनाव से राहत दे सकता है। चित्र – अडोबीस्टॉक

शांत संगीत भी तनाव के लिए बहुत काम का है। इसलिए नियमित तौर पर व्यायाम,योग और मेडिटेशन को अपने दिनचर्या में शामिल करें।

2. अपनी परेशानियाँ शेयर करें(Share your Problems)

आप तनावमुक्त तभी हो सकते हैं जब आप अपनी बातें शेयर करें। ये सही है कि कई बार तनाव की जद में आ कर हम किसी से बात नहीं करना चाहते लेकिन यह हल नहीं है। यह आपके तनाव को और बढ़ाएगा। अपनी परेशानियाँ जाहिर करने से आपका तनाव और हल्का हो सकता है।

3. पसंदीदा काम करें(Do your favorite work)

तनाव के मौकों पर आपको ऐसे काम करने चाहिए जो आपको संतुष्ट करते हों। आपको लिखना पसंद हो, किताबें पढ़नी पसंद हो, खाना बनाना पसंद हो या जो भी। ऐसे मौकों पर जब आप तनाव से घिरे हों, वे काम करें जो आपको खुशी देते हों,ऐसा करके आप तनाव से मुक्ति पाने में सफल हो सकते हैं।

4. दोस्तों से जुड़े रहें (Remain in Touch with your Friends)

मानसिक समस्याएं ऐसी चीज है जो आपको पूरी दुनिया से काट देती हैं। ऐसे में जो आपके अच्छे दोस्त हैं आप उनसे भी बात नहीं करना चाहते। लेकिन तनाव का हल यह नहीं है। अपने चाहने वालों से बातें या मुलाकातें आपको तनाव से दूर रहने में आपकी मदद करती हैं।

डॉक्टर के पास कब जाएं (When to see a doctor)

1. यदि आप लगातार एक महीने या उससे ज्यादा समय से स्ट्रेस फ़ील कर रहे हैं तो आपको एक बार डॉक्टर से मिलना जरूरी है। यह किसी मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है।
2. अगर आपको तनाव के कारण लगातार सिर दर्द,सीने में दर्द, नींद ना आने जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो भी डॉक्टर से मुलाकात जरूरी है।
3. अगर आपको तनाव के कारण लगातार चिचिड़ाहट और गुस्से से जूझना पड़ रहा है तो डॉक्टर को जरूर दिखा लें क्योंकि कई बार ये स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने लगते हैं।
4. कई बार तनाव कम करने के लिए या तनाव को भूलने के लिए लोग शराब जैसी चीजों का सहारा लेते हैं। अगर आपको भी लगातार ऐसा करना पड़ रहा है तो आपको डॉक्टर की जरूरत है।
4. अगर आपको बार-बार घबराहट (Anxiety), पैनिक अटैक (Panic Attack) या डिप्रेशन जैसा लग रहा है तो आप डॉक्टर से तुरंत मिल लीजिए।

इस वक्त की लाइफस्टाइल में तनाव होना जरूर आम है लेकिन तनाव बतौर समस्या आम नहीं है। इसको इग्नोर करने का मतलब है, ढेर सारी दिक्कतों को बुलावा देना। अगर घर के उपायों से आपका तनाव नहीं कम हो रहा या खत्म हो रहा तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। तनाव से भागने की जरूरत नहीं और ना ही इसे छिपाने की जरूरत है बल्कि इसे पहचान कर इससे लड़ने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें – तनाव में कुछ लोग ज्यादा क्यों खाने लगते हैं, डॉक्टर बता रहे हैं स्ट्रेस ईटिंग के कारण और बचने के तरीके

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

अगला लेख